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डॉक्टरों ने फर्जी मरीजों को बांटे सिलिकोसिस के प्रमाणपत्र, 9 डॉक्टर सहित 20 चिकित्साकर्मी APO

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 25, 2024, 6:51 AM IST

दौसा में चिकित्सा विभाग को लगातार चिकित्सकों की ओर से मिलीभगत कर रोगियों को फर्जी सिलिकोसिस के प्रमाण पत्र जारी करने की शिकायत मिल रही थी. चिकित्सा विभाग ने कार्रवाई कर कई डॉक्टर और चिकित्सा कर्मियों को एपीओ कर दिया.

fake silicosis certificates by doctors
दौसा में चिकित्सा विभाग की कार्रवाई

दौसा. राजस्थान सरकार की ओर से प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस नीति पर काम शुरू हो गया है. जिले में फर्जी तरीके से रोगियों को सिलिकोसिस के प्रमाणपत्र जारी कर करोड़ों रुपए के घोटाले के मामले में चिकित्सा विभाग की ओर से बड़ी कार्रवाई की गई है. इस कार्रवाई में दौसा जिले के 6 डॉक्टरों सहित अन्य जिलों के 3 डॉक्टर और दौसा के 11 चिकित्सा कर्मचारियों को एपीओ किया गया है.

दरअसल, दौसा जिले में सिलिकोसिस मरीजों के आंकड़े लगातार बढ़ रहे थे. वहीं, चिकित्सा विभाग को लगातार चिकित्सकों की ओर से मिलीभगत कर रोगियों को फर्जी तरीके सिलिकोसिस के प्रमाण पत्र जारी करने की शिकायत मिल रही थी.

ऐसे हुआ खुलासा : लगातार शिकायत मिलने और करोड़ों रुपए के घोटाले की आशंका के चलते प्रधानाचार्य और नियंत्रण मेडिकल कॉलेज जयपुर की ओर से राज्य स्तरीय चेस्ट रीडियोग्राफ कमेटी का गठन किया गया. साथ ही, दौसा जिला कलेक्टर की ओर से मामले की जांच के लिए एक जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया था. मामले की बारीकी से जांच करने के दौरान सिलिकोसिस मामले में बड़ा घोटाला सामने आया है. जांच में चिकित्सा अधिकारियों की ओर से मिलीभगत कर रोगियों को फर्जी तरीके से सिलिकोसिस बीमारी के कार्ड बांटे गए.

इसे भी पढ़ें- एक्शन में मुख्य सचिव, ऑफिस से नदारद मिले एक आईएएस और दो आरएएस को किया गया एपीओ

सिलिकोसिस नीति के अनुसार रोगियों को किया फर्जी भुगतान : चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त शासन सचिव निमिषा गुप्ता के अनुसार मामले की राज्य और जिला स्तरीय कमेटी की ओर से जांच की गई. जांच में फर्जी तरीके से रोगियों को सिलिकोसिस बीमारी के प्रमाण पत्र जारी करने की बात सामने आई. वहीं, उक्त रोगियों को सिलिकोसिस नीति के अनुसार फर्जी तरीके से भुगतान भी कर दिया गया. ऐसे में फर्जी रोगियों को सिलिकोसिस नीति के अनुसार भुगतान किए जाने से राज्य सरकार को वित्तीय हानि होने की जांच में पुष्टि हुई है. विभागीय जांच में सामने आया है कि रोगियों की सिलिकोसिस रिपोर्ट को फर्जी तरीके से एप्रूवल करने में अन्य जिलों के चिकित्साकर्मियों के नाम भी सामने आए हैं. उन्हें भी एपीओ किया गया है.

इन चिकत्सकों को किया एपीओ : चिकित्सा विभाग की ओर से मामले में कार्रवाई करते हुए डॉक्टर बत्तीलाल मीणा वरिष्ट विशेषज्ञ (टीबी), डॉक्टर देवीनारायण शर्मा प्रमुख विशेषज्ञ (मेडिसिन), डॉक्टर मनोज कुमार ऊंचवाल वरिष्ट चिकित्सा अधिकारी (टीबी), डॉक्टर प्रेमकुमार मीणा चिकित्सा अधिकारी (मेडिसिन), डॉक्टर घनश्याम मीणा उप निदेशक (रेडियो) जिला अस्पताल दौसा, डॉक्टर दिनेशकुमार वरिष्ठ विशेषज्ञ (मेडिसिन) जिला अस्पताल महुवा दौसा, डॉक्टर प्रह्लाद कुमार दायमा कनिष्ठ विशेषज्ञ (टीबी) जिला अस्पताल सीकर, डॉक्टर मानप्रकाश सैनी चिकित्सा अधिकारी (रेडियो) उपजिला अस्पताल चौमूं जयपुर और डॉक्टर विजयप्रकाश माहेश्वरी चिकित्सा अधिकारी (रेडियो) जिला अस्पताल भीलवाड़ा सहित दौसा जिले के 11 अन्य चिकित्साकर्मियों को भी भजनलाल सरकार ने एपीओ किया है.

दौसा. राजस्थान सरकार की ओर से प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस नीति पर काम शुरू हो गया है. जिले में फर्जी तरीके से रोगियों को सिलिकोसिस के प्रमाणपत्र जारी कर करोड़ों रुपए के घोटाले के मामले में चिकित्सा विभाग की ओर से बड़ी कार्रवाई की गई है. इस कार्रवाई में दौसा जिले के 6 डॉक्टरों सहित अन्य जिलों के 3 डॉक्टर और दौसा के 11 चिकित्सा कर्मचारियों को एपीओ किया गया है.

दरअसल, दौसा जिले में सिलिकोसिस मरीजों के आंकड़े लगातार बढ़ रहे थे. वहीं, चिकित्सा विभाग को लगातार चिकित्सकों की ओर से मिलीभगत कर रोगियों को फर्जी तरीके सिलिकोसिस के प्रमाण पत्र जारी करने की शिकायत मिल रही थी.

ऐसे हुआ खुलासा : लगातार शिकायत मिलने और करोड़ों रुपए के घोटाले की आशंका के चलते प्रधानाचार्य और नियंत्रण मेडिकल कॉलेज जयपुर की ओर से राज्य स्तरीय चेस्ट रीडियोग्राफ कमेटी का गठन किया गया. साथ ही, दौसा जिला कलेक्टर की ओर से मामले की जांच के लिए एक जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया था. मामले की बारीकी से जांच करने के दौरान सिलिकोसिस मामले में बड़ा घोटाला सामने आया है. जांच में चिकित्सा अधिकारियों की ओर से मिलीभगत कर रोगियों को फर्जी तरीके से सिलिकोसिस बीमारी के कार्ड बांटे गए.

इसे भी पढ़ें- एक्शन में मुख्य सचिव, ऑफिस से नदारद मिले एक आईएएस और दो आरएएस को किया गया एपीओ

सिलिकोसिस नीति के अनुसार रोगियों को किया फर्जी भुगतान : चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त शासन सचिव निमिषा गुप्ता के अनुसार मामले की राज्य और जिला स्तरीय कमेटी की ओर से जांच की गई. जांच में फर्जी तरीके से रोगियों को सिलिकोसिस बीमारी के प्रमाण पत्र जारी करने की बात सामने आई. वहीं, उक्त रोगियों को सिलिकोसिस नीति के अनुसार फर्जी तरीके से भुगतान भी कर दिया गया. ऐसे में फर्जी रोगियों को सिलिकोसिस नीति के अनुसार भुगतान किए जाने से राज्य सरकार को वित्तीय हानि होने की जांच में पुष्टि हुई है. विभागीय जांच में सामने आया है कि रोगियों की सिलिकोसिस रिपोर्ट को फर्जी तरीके से एप्रूवल करने में अन्य जिलों के चिकित्साकर्मियों के नाम भी सामने आए हैं. उन्हें भी एपीओ किया गया है.

इन चिकत्सकों को किया एपीओ : चिकित्सा विभाग की ओर से मामले में कार्रवाई करते हुए डॉक्टर बत्तीलाल मीणा वरिष्ट विशेषज्ञ (टीबी), डॉक्टर देवीनारायण शर्मा प्रमुख विशेषज्ञ (मेडिसिन), डॉक्टर मनोज कुमार ऊंचवाल वरिष्ट चिकित्सा अधिकारी (टीबी), डॉक्टर प्रेमकुमार मीणा चिकित्सा अधिकारी (मेडिसिन), डॉक्टर घनश्याम मीणा उप निदेशक (रेडियो) जिला अस्पताल दौसा, डॉक्टर दिनेशकुमार वरिष्ठ विशेषज्ञ (मेडिसिन) जिला अस्पताल महुवा दौसा, डॉक्टर प्रह्लाद कुमार दायमा कनिष्ठ विशेषज्ञ (टीबी) जिला अस्पताल सीकर, डॉक्टर मानप्रकाश सैनी चिकित्सा अधिकारी (रेडियो) उपजिला अस्पताल चौमूं जयपुर और डॉक्टर विजयप्रकाश माहेश्वरी चिकित्सा अधिकारी (रेडियो) जिला अस्पताल भीलवाड़ा सहित दौसा जिले के 11 अन्य चिकित्साकर्मियों को भी भजनलाल सरकार ने एपीओ किया है.

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