वाराणसी: पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल अब राजकीय मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनारस में बनने वाले 400 बेड के मेडिकल कॉलेज की आज आधारशिला रखेंगे. इसके साथ ही इस अस्पताल के बन जाने से सबसे बड़ा काम ये होगा कि बनारस और अन्य जिलों के साथ ही साथ कई राज्यों के लोगों को लिए भी आसानी हो जाएगी.
बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल पर मरीजों की संख्या का दबाव कम होगा. मेडिकल कॉलेज से मरीजों को आसानी से अच्छी सुविधाएं मिल सकेंगी. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूरी तैयारी कर ली गई है. बनारस में मेडिकल कॉलेज 2 साल में बनकर तैयार होगा. मेडिकल कॉलेज का नाम सरस्वती देवी शिवकिशन दमानी मेडिकल कॉलेज रखा गया है. इसकी डिजाइन भी तैयार कर ली गई है.
![Varanasi Medical College](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/23-02-2024/up-03-medical-college-photo-7209211_23022024090745_2302f_1708659465_422.jpeg)
मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 100 सीटें होंगी. ये सभी सीटें नीट के जरिए ही भरी जाएंगी. बनारस के मेडिकल कॉलेज में एक ही छत के नीचे सुपर स्पेशियलिटी सेवाएं मिलेंगी. इसके लिए मानसिक अस्पताल परिसर में 15 एकड़ से अधिक की जमीन आवंटित की गई है. मेडिकल कॉलेज का शैक्षणिक परिसर मानसिक अस्पताल परिसर में होगा. इसके साथ ही चिकित्सकीय सेवाएं जिला अस्पताल के परिसर में ही मिलेंगी.
![Varanasi Medical College](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/23-02-2024/up-03-medical-college-photo-7209211_23022024090745_2302f_1708659465_477.jpeg)
मानसिक अस्पताल परिसर में शैक्षणिक भवन: स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, मेडिकल कॉलेज का शैक्षणिक भवन 6 मंजिला का बनाया जाएगा. जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर प्रतिनियुक्ति पर अपनी सेवाएं मेडिकल कॉलेज में देंगे. इसमे बाल रोग विशेषज्ञ, फिजिशियन, ईएनटी, सर्जन, चर्मरोग विशेषज्ञ आदि को तीन से पांच साल सेवा देने का मौका दिया जाएगा. इसका निर्णय शासन स्तर से हो चुका है. मेडिकल कॉलेज में सेवा की शर्त क्या होगी अभी इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है. मानसिक अस्पताल में केवल शैक्षणिक परिसर ही चलेगा. जिला अस्पातल मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित होगा, जहां चिकित्सा सुविधा मिलेगी.
कुछ इस तरह से होगा मेडिकल कॉलेज: बता दें कि मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग, प्रवेश द्वार और दो ब्लॉकों की बिल्डिंग की तस्वीर प्रोजेक्ट में साझा कर दी गई. अभी इसको लेकर डीपीआर अंतिम रूप से तैयार नहीं हुआ है. इस मेडिकल कॉलेज का निर्माण 15.85217 एकड़ की जमीन पर कराया जाना है. इसकी लागत 150 करोड़ अनुमानित है, जिसको लेकर सरकार ने बजट की भी व्यवस्था कर ली है. इस अस्पताल में मरीजों के लिए 400 बेड की व्यवस्था होगी, जबकि मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए 100 सीटें निर्धारित की गई हैं. इस मेडिकल कॉलेज के बन जाने से काशी हिन्दू विश्वविद्यालय अस्पताल पर पड़ने वाला मरीजों की संख्या का दबाव भी कम हो जाएगा.