अयोध्या: जनपद में मांस बिक्री पर रोक लगा दी गयी है. नगर खाद्य आयुक्त मानिक चंद ने आदेश जारी करते हुए अवहेलहना करने वाले पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. यह आदेश 3 अक्टूबर से लेकर 11 अक्टूबर तक के लिए लागू किया गया है.
खाद्य विभाग द्वारा जारी किए गए पत्र में बताया गया, कि 3 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक अयोध्या में बकरा, मुर्गा, मछली सभी तरह की मांस की दुकानें बंद रहेंगी. यदि आम जनमानस को इस बीच मांस की बिक्री एवं भंडारण किया जा रहा, हो तो तत्काल विभाग के दूरभाष नंबर 05278 366 607 पर सूचित करें. इस आदेश का पालन न करने पर संबंधित खाद्य कारोबारी के विरुद्ध खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत कठोर विधिक कार्रवाई की जाएगी.
बताते चले, कि रामनगरी में साधु संतों के द्वारा पूर्व में भी कई बार मांस मदिरा की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की गई है, जिसको लेकर कई साधु संतों ने मुख्यमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक निवेदन पत्र भेजा है. यही नहीं कई साधु संतों ने तो इसको लेकर आंदोलन करने की चेतावनी भी पूर्व में दी थी. साधु संतों का कहना था, कि अगर पूरे जनपद में मांस मदिरा प्रतिबंध नहीं हो सकता, तो कम से कम पंच कोसी 14 कोसी क्षेत्र के अंदर मांस और मदिरा पर पूर्णतया प्रतिबंध लगना चाहिए. क्योंकि 14 कोसी और पंच कोसी क्षेत्र में हमेशा कई धार्मिक आयोजन तथा अन्य भक्तों की परिक्रमा यात्रा चलती रहती है. ऐसे में इन मार्गों पर मांस मदिरा की बिक्री होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.
अयोध्या धाम के 14 कोसी परिक्रमा मार्ग पर निवास करने वाले पंडित शैलेंद्र उपाध्याय ने बताया, कि सही मायने में धर्म नगरी अयोध्या के 84 कोस की परिधि में मांस और मदिरा की बिक्री नहीं होनी चाहिए. जीवो को मारकर खाना आसुरी प्रवृत्ति है. मांस का भक्षण करने से तन–मन और वाड़ी के साथ साथ विचार भी दूषित हो जाता है. सरकार को कम से कम धर्मिक नगरियों में ऐसे कार्यो पर तत्काल प्रतिबंध लगाना चहिए.