नई दिल्ली: दिल्ली की मेयर शैली ओबराय ने दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर को सुप्रीम कोर्ट की जुडीशियरी कमिटी और निगम के रिजॉल्यूशन का पालन करते हुए 5 साल से ज्यादा समय से सील प्रॉपर्टी को डी-सील करने की कार्यवाई शुरू करने का निर्देश दिया है. मेयर शैली ओबराय ने कहा की 15 सालों के बीजेपी शासन में लगभग 2000 व्यापारियों की दुकानें सील हुई थीं.
मामला कोर्ट में गया. 13 Sep 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दिलाने के लिए जुडीशियरी कमिटी का गठन किया. 18 दिसंबर 2023 को कमिटी ने प्रॉपर्टी को डी-सील करने का निर्देश दिया. इसके बाद 23 दिसंबर को बुलाई गई हाउस के स्पेशल सेशन में रिजॉल्यूशन पास कर कमिश्नर को डी-सील करने का निर्देश दिया गया. इसके बाद हुई बैठक में दोबारा रिजॉल्यूशन पास किया. मेयर ने कहा कि DMC Act साफ़-साफ़ कहता है कि पॉवर एमसीडी हाउस के पास है. किसी अधिकारी या विभाग के पास अधिकार नहीं कि सदन में पास हुई पॉलिसी को रिजेक्ट करे या लागू होने से रोके.
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मेयर ने कहा कि दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर को पत्र लिखकर फिर से निर्देश दिए गए हैं कि जुडीशियरी कमिटी का निर्देश मानकर प्रभावित दुकानों को जल्द ही डी-सील किया जाए. इस पत्र के माध्यम से मैं फिर कमिश्नर को निर्देश देती हूं कि माननीय सुप्रीम कोर्ट एवं हाउस के निर्देश को लागू करें, व्यापारियों को राहत दें.
आपको बता दें कि डी-सील को लेकर पॉलिटिकल और एग्जीक्यूटिव विंग आपने-सामने हैं. सत्ता पक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार के निर्देश पर कमिश्नर डी-सील नहीं कर रहे हैं. वहीं एग्जीक्यूटिव विंग का कहना है कि पूरे मामले में कानूनी पहलुओं को देखा जा रहा है.
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