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मायावती का बड़ा ऐलान- हम सरकार में आए तो अवध क्षेत्र को बनाएंगे यूपी से अलग राज्य - Mayawati held public meeting

बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को लखनऊ में चुनावी सभा (Lok sabha election 2024) में एक बार फिर यूपी के बंटवारे की बात कही. उन्होंने कहा कि यह राशन बीजेपी और आरएसएस का नहीं है, आपके टैक्स के पैसे का है इसलिए इस बहकावे में न आएं.

मायावती की चुनावी सभा में मौजूद महिलाएं
मायावती की चुनावी सभा में मौजूद महिलाएं (फोटो क्रेडिट : ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 13, 2024, 5:06 PM IST

Updated : May 13, 2024, 9:25 PM IST

लखनऊ में मायावती की जनसभा (वीडियो क्रेडिट : ETV Bharat)

लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती सोमवार को लखनऊ में जनसभा करने उतरीं. राजधानी के कल्ली पश्चिम मैदान में उन्होंने लखनऊ लोकसभा सीट से प्रत्याशी सरवर मलिक, मोहनलालगंज लोकसभा सीट से प्रत्याशी राजेश कुमार उर्फ मनोज प्रधान और रायबरेली से ठाकुर प्रसाद यादव के पक्ष में कार्यकर्ताओं से मतदान करने की अपील की.

मायावती की रैली में लखनऊ और रायबरेली मंडल के कार्यकर्ता जुटे. बीएसपी मुखिया ने लखनऊ लोकसभा सीट से प्रत्याशी सरवर मलिक, मोहनलालगंज लोकसभा सीट से प्रत्याशी राजेश वर्मा उर्फ मनोज प्रधान, रायबरेली लोकसभा सीट से प्रत्याशी ठाकुर प्रसाद यादव, अमेठी लोकसभा सीट से प्रत्याशी नन्हे सिंह चौहान और लखनऊ पूर्वी विधानसभा सीट से प्रत्याशी आलोक कुशवाहा के समर्थन में वोट करने की अपील की.

बीएसपी मुखिया ने भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर जमकर प्रहार किया. मुफ्त राशन को लेकर जनता को लुभा रही भारतीय जनता पार्टी से जनता को आगे किया कि यह राशन बीजेपी और आरएसएस का नहीं है. आपके टैक्स के पैसे का है इसलिए इस बहकावे में न आएं. अपनी तरफ से कार्यकर्ताओं में जोश भरने में उन्होंने कोई कमी नहीं छोड़ी.

मंच से कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में मुझे सुनने के लिए आप इकट्ठा हुए मैं आप सभी का हार्दिक आभार प्रकट करती हूं. हमारी पार्टी बीजेपी, कांग्रेस, सपा या अन्य किसी भी विरोधी पार्टी से मिलकर चुनाव नहीं लड़ रही है, बल्कि अपने बलबूते पर ही चुनाव मैदान में है. मायावती ने कहा कि हमने चुनाव में सर्व समाज को उचित भागीदारी है. हमारे सभी कार्यकर्ता चुनाव में जी जान से लगे हैं.

भारतीय जनता पार्टी भी कांग्रेस की जातिवादी पूंजीवादी नीतियों पर ही चल रही है. कांग्रेस, बीजेपी और उनके अन्य सभी सहयोगी दलों के बारे में कहा कि आजादी के बाद केंद्र व देश के काफी राज्यों में भी ज्यादातर सत्ता कांग्रेस पार्टी के ही हाथों में रही है. गलत कार्यों की वजह से ही कांग्रेस को केंद्र समेत अन्य राज्यों में भी सत्ता से बाहर होना पड़ा है. हमारी रैलियों में जिस तरह से भीड़ जुट रही है उससे मुझे पूरी उम्मीद है कि बहुजन समाज पार्टी के हक में परिणाम आएंगे.

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हवा हवाई और कागजी गारंटी दे रही है. उनकी अभी तक कोई गारंटी धरातल पर पूरी नहीं हुई है. इस बार भारतीय जनता पार्टी भी केंद्र की सत्ता में आसानी से वापस आने वाली नहीं है. यह चुनाव इस बार अगर फेयर होता है तो अब इनके जुमले में देश की जनता आने वाली नहीं है. इन्हें अच्छे से समझ चुकी है. बसपा सुप्रीमो ने ईवीएम पर सवाल खड़े किए हैं.

मायावती ने कहा कि बसपा जो संगठन चलाती है, चुनाव लड़ती है वह धन्नासेठों से पैसा लेकर कार्य नहीं करती है बल्कि अपनी पार्टी के ही कार्यकर्ताओं से पार्टी के ही सभी छोटे बड़े कार्यकर्ताओं से थोड़ा-थोड़ा धन इकट्ठा करके मेंबरशिप के जरिए चुनाव में थोड़ा-थोड़ा चंदा इकट्ठा करके हम संगठन चलाते हैं. चुनाव भी लड़ते हैं, लेकिन दूसरी पार्टियों की तरह हम लोग बड़े-बड़े पूंजीपतियों से कोई पैसा नहीं लेते हैं.

उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने इलेक्टोरल बांड से पैसा लिया है. सिर्फ बहुजन समाज पार्टी ही ऐसी पार्टी है जिसने किसी से पैसा नहीं लिया है. भाजपा, कांग्रेस चुनाव में पानी की तरह पैसा बहा रही है. पूंजीपति और धन्नासेठों को ही मालामाल और धनवान बनने में और हर स्तर पर छूट देने में और बढ़ाने में भारतीय जनता पार्टी लगी रही है.

मायावती ने कहा कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार रही हो या भारतीय जनता पार्टी की, सभी ने सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग किया है. बहुजन समाज पार्टी की चार बार सरकार रही और हमारी पार्टी ने किसानों नौजवानों गरीबों मजबूरों का पूरा ख्याल रखा है. अन्य किसी पार्टी ने सभी वर्गों का उत्थान नहीं किया है. बहुजन समाज पार्टी ने ही सभी जाति धर्म और वर्गों का उत्थान किया है.

आरक्षण देने की कोई पार्टी बात न करे आरक्षण हमें डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने दिया है. समाजवादी पार्टी की तत्कालीन सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि जब यूपी में सपा की सरकार थी तब अखिलेश यादव ने एससी/एसटी के पदोन्नति में आरक्षण बिल्कुल खत्म कर दिया. बीएसपी ने उस विधायक का विरोध किया था लेकिन अंदर-अंदर ही भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी मिल गई और इस विधेयक को पास करा लिया.

उन्होंने कहा कि हमें सभी से सावधान रहना है. मीडिया में जो सर्वे दिखाए जा रहे हैं उनके बहकावे में बिल्कुल नहीं आना है. उन्होंने कहा कि देश में हो रहे लोकसभा चुनाव में कांग्रेस, बीजेपी और उनके अन्य सहयोगियों को केंद्र की सत्ता में आने से रोकना है. उन्होंने कहा कि जब पार्टियां पावर में रहती हैं तो गरीबों का ख्याल नहीं करती हैं, लेकिन जब सत्ता से बाहर होती हैं तो इन सभी वर्गों का ख्याल आने लगता है.

उन्होंने कहा कि हिंदुत्व की आड़ में हो रही राजनीति चरम सीमा पर पहुंच चुकी है. अपर कास्ट समाज की स्थिति खास अच्छी नहीं बची है. गलत कृषि नीतियों के कारण किसान आंदोलित ही रहता है. आर्थिक नीतियों की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पर भी इसका काफी बुरा प्रभाव पड़ा है. गरीबों को फ्री में राशन देने पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि थोड़ा सा फ्री में राशन देने से गरीबों का काम नहीं चलता.


बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि अवध क्षेत्र के लोगों की लंबे समय से डिमांड रही है कि अवध को अलग से राज्य बनाया जाए. हमारी सरकार आएगी तो अवध क्षेत्र को अलग राज्य बनाएंगे. इसमें लखनऊ भी आ जाएगा. हमने सभी को रोजी-रोटी के साधन उपलब्ध कराए थे. हमने अपनी सरकार में लखनऊ में बहुत विकास किया था. नई सड़क, नई जेल बनवाई, नए बड़े पार्क बनवाए. अब देश-विदेश से लोग आते हैं तो सबसे पहले यहां का विकास देखकर ही खुश हो जाते हैं.

चुनाव प्रचार में प्रत्याशियों के समर्थन में अकेली नजर आ रही हैं बसपा सुप्रीमो : बहुजन समाज पार्टी के उत्तराधिकारी, नेशनल कोऑर्डिनेटर और अपने भतीजे आकाश आनंद पर कार्रवाई करने के बाद अब लोकसभा के चुनावी रणक्षेत्र में बसपा सुप्रीमो मायावती अकेले पड़ गई हैं. कहने को तो हर चरण में 40 स्टार प्रचारकों की फौज है, लेकिन चुनाव प्रचार में प्रत्याशियों के समर्थन में अकेली मायावती ही नजर आ रही हैं. उनके बड़े-बड़े नेता चुनाव प्रचार से भी किनारा किए हुए हैं. अभी तक भतीजे आकाश आनंद और बुआ मायावती ताबड़तोड़ चुनावी रैली और जनसभाएं कर रहे थे.

आकाश तो बसपा कार्यकर्ताओं के साथ ही आम जनता में भी अपनी पैठ बनाने में जुट गए थे, लेकिन अचानक उन्होंने आपा खो दिया. अब चुनाव प्रचार में स्टार प्रचारक के रूप में सिर्फ बसपा सुप्रीमो ही प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभाएं कर रही हैं. 13 मई को वह लखनऊ, मोहनलालगंज और रायबरेली लोकसभा सीट से दोनों उम्मीदवारों के पक्ष में रैली करने उतरीं.


बहुजन समाज पार्टी इस बार उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश भर में अकेले ही चुनाव मैदान में उतरी है. हर चरण के लिए सभी पार्टियों की तरह ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में 40-40 नेताओं की सूची निर्वाचन आयोग को स्टार प्रचारकों के रूप में भेजी, लेकिन बसपा की सर्वमान्य नेता मायावती के कोई भी स्टार प्रचारक जमीन पर उतरकर प्रचार करते नजर नहीं आ रहे हैं.

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा बिल्कुल गायब हैं. मंच पर भी उनकी उपस्थिति नजर नहीं आ रही है, जबकि बीएसपी के लिए ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार कर रहे आकाश आनंद पर अचानक बसपा सुप्रीमो मायावती ने कार्रवाई कर दी, जिससे वे प्रचार से ही बाहर हो गए हैं. इससे बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं को झटका लगा है.

पार्टी के नेताओं के वोटरों के बीच न पहुंचने से उनके हौसले पस्त हो रहे हैं. हालांकि बसपा सुप्रीमो मायावती की लगातार कोशिश है कि वह ज्यादा से ज्यादा रैलियां करके अपने वोटरों को हतोत्साहित न होने दें, लेकिन आकाश आनंद ने जहां-जहां रैली की वहां जो जोश कार्यकर्ताओं में भरा वह मायावती की जनसभा में उस तरह नजर आ नहीं रहा है.


बहुजन समाज पार्टी के जानकार मानते हैं कि बीएसपी के बड़े नेता इसलिए भी मैदान में नहीं उतर रहे हैं क्योंकि उन्हें शायद पार्टी के अकेले दम पर चुनाव लड़ने का फैसला रास नहीं आ रहा है. उन्हें पता है कि सामने बड़े दलों ने गठबंधन करके उम्मीदवार उतारे हैं, उनसे अकेले टक्कर ले पाना मुश्किल है, इसलिए कई सीटों पर जीत न मिलती देख भी पार्टी के नेता प्रचार करने से कदम पीछे खींच रहे हैं. दूसरी बात यह भी है कि बसपा सुप्रीमो मायावती ही हमेशा से चुनाव की कमान संभालती रही हैं. जब कोई नेता मायावती का विश्वास पात्र बना तभी वह आगे बढ़ा.

इस बार अपने भतीजे आकाश आनंद को उन्होंने हरी झंडी दी थी तो वह लगातार चुनाव मैदान में उतरकर प्रचार कर रहे थे. अगर आकाश आनंद से ज्यादा बोलने की गलती न होती तो निश्चित तौर पर बहुजन समाज पार्टी को इसका फायदा मिलता. सीटें बढ़तीं या नहीं, यह तो कहना मुश्किल है लेकिन, वोटों में इजाफा जरूर हो सकता था. फिलहाल बीएसपी सुप्रीमो पूरा जोर लगाए हुए हैं.

यह भी पढ़ें : कानपुर में बसपा सुप्रीमो मायावती बोलीं- भाजपा के लोग विकास के नाम पर करते हैं केवल जुमलेबाजी - Lok Sabha Election 2024

यह भी पढ़ें : मायावती के एक्शन के बाद आकाश आनंद ने तोड़ी चुप्पी; कहा- फैसला मंजूर, आप आदर्श हैं, बहुजन मिशन के लिए लड़ता रहूंगा - Mayawati Akash Anand Controversy

लखनऊ में मायावती की जनसभा (वीडियो क्रेडिट : ETV Bharat)

लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती सोमवार को लखनऊ में जनसभा करने उतरीं. राजधानी के कल्ली पश्चिम मैदान में उन्होंने लखनऊ लोकसभा सीट से प्रत्याशी सरवर मलिक, मोहनलालगंज लोकसभा सीट से प्रत्याशी राजेश कुमार उर्फ मनोज प्रधान और रायबरेली से ठाकुर प्रसाद यादव के पक्ष में कार्यकर्ताओं से मतदान करने की अपील की.

मायावती की रैली में लखनऊ और रायबरेली मंडल के कार्यकर्ता जुटे. बीएसपी मुखिया ने लखनऊ लोकसभा सीट से प्रत्याशी सरवर मलिक, मोहनलालगंज लोकसभा सीट से प्रत्याशी राजेश वर्मा उर्फ मनोज प्रधान, रायबरेली लोकसभा सीट से प्रत्याशी ठाकुर प्रसाद यादव, अमेठी लोकसभा सीट से प्रत्याशी नन्हे सिंह चौहान और लखनऊ पूर्वी विधानसभा सीट से प्रत्याशी आलोक कुशवाहा के समर्थन में वोट करने की अपील की.

बीएसपी मुखिया ने भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर जमकर प्रहार किया. मुफ्त राशन को लेकर जनता को लुभा रही भारतीय जनता पार्टी से जनता को आगे किया कि यह राशन बीजेपी और आरएसएस का नहीं है. आपके टैक्स के पैसे का है इसलिए इस बहकावे में न आएं. अपनी तरफ से कार्यकर्ताओं में जोश भरने में उन्होंने कोई कमी नहीं छोड़ी.

मंच से कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में मुझे सुनने के लिए आप इकट्ठा हुए मैं आप सभी का हार्दिक आभार प्रकट करती हूं. हमारी पार्टी बीजेपी, कांग्रेस, सपा या अन्य किसी भी विरोधी पार्टी से मिलकर चुनाव नहीं लड़ रही है, बल्कि अपने बलबूते पर ही चुनाव मैदान में है. मायावती ने कहा कि हमने चुनाव में सर्व समाज को उचित भागीदारी है. हमारे सभी कार्यकर्ता चुनाव में जी जान से लगे हैं.

भारतीय जनता पार्टी भी कांग्रेस की जातिवादी पूंजीवादी नीतियों पर ही चल रही है. कांग्रेस, बीजेपी और उनके अन्य सभी सहयोगी दलों के बारे में कहा कि आजादी के बाद केंद्र व देश के काफी राज्यों में भी ज्यादातर सत्ता कांग्रेस पार्टी के ही हाथों में रही है. गलत कार्यों की वजह से ही कांग्रेस को केंद्र समेत अन्य राज्यों में भी सत्ता से बाहर होना पड़ा है. हमारी रैलियों में जिस तरह से भीड़ जुट रही है उससे मुझे पूरी उम्मीद है कि बहुजन समाज पार्टी के हक में परिणाम आएंगे.

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हवा हवाई और कागजी गारंटी दे रही है. उनकी अभी तक कोई गारंटी धरातल पर पूरी नहीं हुई है. इस बार भारतीय जनता पार्टी भी केंद्र की सत्ता में आसानी से वापस आने वाली नहीं है. यह चुनाव इस बार अगर फेयर होता है तो अब इनके जुमले में देश की जनता आने वाली नहीं है. इन्हें अच्छे से समझ चुकी है. बसपा सुप्रीमो ने ईवीएम पर सवाल खड़े किए हैं.

मायावती ने कहा कि बसपा जो संगठन चलाती है, चुनाव लड़ती है वह धन्नासेठों से पैसा लेकर कार्य नहीं करती है बल्कि अपनी पार्टी के ही कार्यकर्ताओं से पार्टी के ही सभी छोटे बड़े कार्यकर्ताओं से थोड़ा-थोड़ा धन इकट्ठा करके मेंबरशिप के जरिए चुनाव में थोड़ा-थोड़ा चंदा इकट्ठा करके हम संगठन चलाते हैं. चुनाव भी लड़ते हैं, लेकिन दूसरी पार्टियों की तरह हम लोग बड़े-बड़े पूंजीपतियों से कोई पैसा नहीं लेते हैं.

उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने इलेक्टोरल बांड से पैसा लिया है. सिर्फ बहुजन समाज पार्टी ही ऐसी पार्टी है जिसने किसी से पैसा नहीं लिया है. भाजपा, कांग्रेस चुनाव में पानी की तरह पैसा बहा रही है. पूंजीपति और धन्नासेठों को ही मालामाल और धनवान बनने में और हर स्तर पर छूट देने में और बढ़ाने में भारतीय जनता पार्टी लगी रही है.

मायावती ने कहा कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार रही हो या भारतीय जनता पार्टी की, सभी ने सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग किया है. बहुजन समाज पार्टी की चार बार सरकार रही और हमारी पार्टी ने किसानों नौजवानों गरीबों मजबूरों का पूरा ख्याल रखा है. अन्य किसी पार्टी ने सभी वर्गों का उत्थान नहीं किया है. बहुजन समाज पार्टी ने ही सभी जाति धर्म और वर्गों का उत्थान किया है.

आरक्षण देने की कोई पार्टी बात न करे आरक्षण हमें डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने दिया है. समाजवादी पार्टी की तत्कालीन सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि जब यूपी में सपा की सरकार थी तब अखिलेश यादव ने एससी/एसटी के पदोन्नति में आरक्षण बिल्कुल खत्म कर दिया. बीएसपी ने उस विधायक का विरोध किया था लेकिन अंदर-अंदर ही भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी मिल गई और इस विधेयक को पास करा लिया.

उन्होंने कहा कि हमें सभी से सावधान रहना है. मीडिया में जो सर्वे दिखाए जा रहे हैं उनके बहकावे में बिल्कुल नहीं आना है. उन्होंने कहा कि देश में हो रहे लोकसभा चुनाव में कांग्रेस, बीजेपी और उनके अन्य सहयोगियों को केंद्र की सत्ता में आने से रोकना है. उन्होंने कहा कि जब पार्टियां पावर में रहती हैं तो गरीबों का ख्याल नहीं करती हैं, लेकिन जब सत्ता से बाहर होती हैं तो इन सभी वर्गों का ख्याल आने लगता है.

उन्होंने कहा कि हिंदुत्व की आड़ में हो रही राजनीति चरम सीमा पर पहुंच चुकी है. अपर कास्ट समाज की स्थिति खास अच्छी नहीं बची है. गलत कृषि नीतियों के कारण किसान आंदोलित ही रहता है. आर्थिक नीतियों की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पर भी इसका काफी बुरा प्रभाव पड़ा है. गरीबों को फ्री में राशन देने पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि थोड़ा सा फ्री में राशन देने से गरीबों का काम नहीं चलता.


बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि अवध क्षेत्र के लोगों की लंबे समय से डिमांड रही है कि अवध को अलग से राज्य बनाया जाए. हमारी सरकार आएगी तो अवध क्षेत्र को अलग राज्य बनाएंगे. इसमें लखनऊ भी आ जाएगा. हमने सभी को रोजी-रोटी के साधन उपलब्ध कराए थे. हमने अपनी सरकार में लखनऊ में बहुत विकास किया था. नई सड़क, नई जेल बनवाई, नए बड़े पार्क बनवाए. अब देश-विदेश से लोग आते हैं तो सबसे पहले यहां का विकास देखकर ही खुश हो जाते हैं.

चुनाव प्रचार में प्रत्याशियों के समर्थन में अकेली नजर आ रही हैं बसपा सुप्रीमो : बहुजन समाज पार्टी के उत्तराधिकारी, नेशनल कोऑर्डिनेटर और अपने भतीजे आकाश आनंद पर कार्रवाई करने के बाद अब लोकसभा के चुनावी रणक्षेत्र में बसपा सुप्रीमो मायावती अकेले पड़ गई हैं. कहने को तो हर चरण में 40 स्टार प्रचारकों की फौज है, लेकिन चुनाव प्रचार में प्रत्याशियों के समर्थन में अकेली मायावती ही नजर आ रही हैं. उनके बड़े-बड़े नेता चुनाव प्रचार से भी किनारा किए हुए हैं. अभी तक भतीजे आकाश आनंद और बुआ मायावती ताबड़तोड़ चुनावी रैली और जनसभाएं कर रहे थे.

आकाश तो बसपा कार्यकर्ताओं के साथ ही आम जनता में भी अपनी पैठ बनाने में जुट गए थे, लेकिन अचानक उन्होंने आपा खो दिया. अब चुनाव प्रचार में स्टार प्रचारक के रूप में सिर्फ बसपा सुप्रीमो ही प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभाएं कर रही हैं. 13 मई को वह लखनऊ, मोहनलालगंज और रायबरेली लोकसभा सीट से दोनों उम्मीदवारों के पक्ष में रैली करने उतरीं.


बहुजन समाज पार्टी इस बार उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश भर में अकेले ही चुनाव मैदान में उतरी है. हर चरण के लिए सभी पार्टियों की तरह ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में 40-40 नेताओं की सूची निर्वाचन आयोग को स्टार प्रचारकों के रूप में भेजी, लेकिन बसपा की सर्वमान्य नेता मायावती के कोई भी स्टार प्रचारक जमीन पर उतरकर प्रचार करते नजर नहीं आ रहे हैं.

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा बिल्कुल गायब हैं. मंच पर भी उनकी उपस्थिति नजर नहीं आ रही है, जबकि बीएसपी के लिए ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार कर रहे आकाश आनंद पर अचानक बसपा सुप्रीमो मायावती ने कार्रवाई कर दी, जिससे वे प्रचार से ही बाहर हो गए हैं. इससे बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं को झटका लगा है.

पार्टी के नेताओं के वोटरों के बीच न पहुंचने से उनके हौसले पस्त हो रहे हैं. हालांकि बसपा सुप्रीमो मायावती की लगातार कोशिश है कि वह ज्यादा से ज्यादा रैलियां करके अपने वोटरों को हतोत्साहित न होने दें, लेकिन आकाश आनंद ने जहां-जहां रैली की वहां जो जोश कार्यकर्ताओं में भरा वह मायावती की जनसभा में उस तरह नजर आ नहीं रहा है.


बहुजन समाज पार्टी के जानकार मानते हैं कि बीएसपी के बड़े नेता इसलिए भी मैदान में नहीं उतर रहे हैं क्योंकि उन्हें शायद पार्टी के अकेले दम पर चुनाव लड़ने का फैसला रास नहीं आ रहा है. उन्हें पता है कि सामने बड़े दलों ने गठबंधन करके उम्मीदवार उतारे हैं, उनसे अकेले टक्कर ले पाना मुश्किल है, इसलिए कई सीटों पर जीत न मिलती देख भी पार्टी के नेता प्रचार करने से कदम पीछे खींच रहे हैं. दूसरी बात यह भी है कि बसपा सुप्रीमो मायावती ही हमेशा से चुनाव की कमान संभालती रही हैं. जब कोई नेता मायावती का विश्वास पात्र बना तभी वह आगे बढ़ा.

इस बार अपने भतीजे आकाश आनंद को उन्होंने हरी झंडी दी थी तो वह लगातार चुनाव मैदान में उतरकर प्रचार कर रहे थे. अगर आकाश आनंद से ज्यादा बोलने की गलती न होती तो निश्चित तौर पर बहुजन समाज पार्टी को इसका फायदा मिलता. सीटें बढ़तीं या नहीं, यह तो कहना मुश्किल है लेकिन, वोटों में इजाफा जरूर हो सकता था. फिलहाल बीएसपी सुप्रीमो पूरा जोर लगाए हुए हैं.

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Last Updated : May 13, 2024, 9:25 PM IST
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