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हाथरस भगदड़ कांड पर मायावती ने योगी सरकार को घेरा, बोलीं- भोले बाबा को दिया जा रहा संरक्षण - Mayawati targets Yogi government - MAYAWATI TARGETS YOGI GOVERNMENT

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने हाथरस कांड में सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा का नाम न होने को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.

बसपा सुप्रीमो मायावती ने योगी सरकार पर निशाना साधा है.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने योगी सरकार पर निशाना साधा है. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 3, 2024, 12:29 PM IST

Updated : Oct 3, 2024, 8:43 PM IST

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने हाथरस कांड में सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा का नाम न होने को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. यूपी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट की है. उन्होंने पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े किए हैं.

बसपा अध्यक्ष मायावती ने एक्स पर पोस्ट की है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में दो जुलाई को हुए सत्संग भगदड़ कांड में 121 लोगों की मृत्यु हो गई थी, जिनमें अधिकतर महिलाएं व बच्चे शामिल थे. इन मौतों के संबंध में दाखिल चार्जशीट में सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा का नाम नहीं होना जन विरोधी राजनीति है. इससे साबित होता है कि ऐसे लोगों को राज्य सरकार का संरक्षण है, जो अनुचित है. मायावती ने अपनी पोस्ट में लिखा-मीडिया के अनुसार सिकंदराराऊ की इस दर्दनाक घटना को लेकर 2300 पेज की चार्जशीट में 11 सेवादारों को आरोपी बनाया गया है, लेकिन बाबा सूरजपाल के बारे में सरकार ने पहले की तरह चुप्पी साध ली है. उन्होंने सवाल किया कि सरकार की यह चुप्पी क्या उचित है? ऐसे सरकारी रवैए से ऐसी घटनाओं को क्या आगे रोक पाना संभव है? उन्होंने कहा है कि इससे आम जनता चिंतित है.

गौरतलब है कि हाथरस में सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा का सत्संग था, जिसमें जरूरत से ज्यादा भीड़ आ गई थी, जिसकी परमिशन भी नहीं थी. यहां पर उतनी व्यवस्था भी नहीं की गई थी. अचानक सत्संग में भगदड़ हो गई जिससे सैकड़ो की संख्या में लोग अपनी जान गंवा बैठे. इस घटना से सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए. अभी भी विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर सरकार पर तीखा प्रहार कर रहे हैं.

मायावती को अपने बयान और मैसेज वापस ले लेने चाहिएः वकील एपी सिंह

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के बयान पर सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के वकील एपी सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि मायावती खुद चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रही हैं, उन्हें जरा भी उत्तर प्रदेश की जनता से प्यार नहीं है. वह आज भी लगातार नारायण साकार हरि के सत्संग में जो दुखद घटना हुई उसे पर जले पर नमक छिड़कने का काम कर रही हैं. मायावती को तो न्यायिक आयोग, न्यायिक प्रणाली, पुलिस और न ही एसआईटी पर भरोसा है. पूर्व मुख्यमंत्री लगातार नारायण हरि को व्यक्तिगत रूप से बदनाम करने के लिए उन पर लांछन लगती हैं. जबकि जांच एजेंसियां अच्छी तरह से कम कर रही है. उन्हेंइस बात की ईर्ष्या, जलन है कि कैसे दलित शोषित, पिछड़े समाज का व्यक्ति धर्म की बात करने लगा. कैसे मानव मिलन मंगल की बात करने लगा. नारायण साकार हरि की बढ़ती लोकप्रियता पर आरोप लगाए जा रही है, उन्हें फंसाने की बात करती हैं. जबकि वह 30-40 मिनट पहले घटनास्थल से निकल चुके थे तो वह उन पर इस तरह के आरोप क्यों लगा रही हैं.

यह भी पढ़ें : हाथरस के सत्संग में भगदड़, अब तक 116 श्रद्धालुओं की मौत, 109 महिलाएं और 7 बच्चे शामिल - HATHRAS STAMPEDE LIVE UPDATES

यह भी पढ़ें : श्मशान बना सत्संग स्थल; पंडाल में लाशें ही लाशें, चीख-पुकार, टेंपो-ठेली से पहुंचाए अस्पताल, लगा शवों का अंबार - Hathras Stampede

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने हाथरस कांड में सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा का नाम न होने को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. यूपी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट की है. उन्होंने पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े किए हैं.

बसपा अध्यक्ष मायावती ने एक्स पर पोस्ट की है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में दो जुलाई को हुए सत्संग भगदड़ कांड में 121 लोगों की मृत्यु हो गई थी, जिनमें अधिकतर महिलाएं व बच्चे शामिल थे. इन मौतों के संबंध में दाखिल चार्जशीट में सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा का नाम नहीं होना जन विरोधी राजनीति है. इससे साबित होता है कि ऐसे लोगों को राज्य सरकार का संरक्षण है, जो अनुचित है. मायावती ने अपनी पोस्ट में लिखा-मीडिया के अनुसार सिकंदराराऊ की इस दर्दनाक घटना को लेकर 2300 पेज की चार्जशीट में 11 सेवादारों को आरोपी बनाया गया है, लेकिन बाबा सूरजपाल के बारे में सरकार ने पहले की तरह चुप्पी साध ली है. उन्होंने सवाल किया कि सरकार की यह चुप्पी क्या उचित है? ऐसे सरकारी रवैए से ऐसी घटनाओं को क्या आगे रोक पाना संभव है? उन्होंने कहा है कि इससे आम जनता चिंतित है.

गौरतलब है कि हाथरस में सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा का सत्संग था, जिसमें जरूरत से ज्यादा भीड़ आ गई थी, जिसकी परमिशन भी नहीं थी. यहां पर उतनी व्यवस्था भी नहीं की गई थी. अचानक सत्संग में भगदड़ हो गई जिससे सैकड़ो की संख्या में लोग अपनी जान गंवा बैठे. इस घटना से सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए. अभी भी विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर सरकार पर तीखा प्रहार कर रहे हैं.

मायावती को अपने बयान और मैसेज वापस ले लेने चाहिएः वकील एपी सिंह

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के बयान पर सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के वकील एपी सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि मायावती खुद चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रही हैं, उन्हें जरा भी उत्तर प्रदेश की जनता से प्यार नहीं है. वह आज भी लगातार नारायण साकार हरि के सत्संग में जो दुखद घटना हुई उसे पर जले पर नमक छिड़कने का काम कर रही हैं. मायावती को तो न्यायिक आयोग, न्यायिक प्रणाली, पुलिस और न ही एसआईटी पर भरोसा है. पूर्व मुख्यमंत्री लगातार नारायण हरि को व्यक्तिगत रूप से बदनाम करने के लिए उन पर लांछन लगती हैं. जबकि जांच एजेंसियां अच्छी तरह से कम कर रही है. उन्हेंइस बात की ईर्ष्या, जलन है कि कैसे दलित शोषित, पिछड़े समाज का व्यक्ति धर्म की बात करने लगा. कैसे मानव मिलन मंगल की बात करने लगा. नारायण साकार हरि की बढ़ती लोकप्रियता पर आरोप लगाए जा रही है, उन्हें फंसाने की बात करती हैं. जबकि वह 30-40 मिनट पहले घटनास्थल से निकल चुके थे तो वह उन पर इस तरह के आरोप क्यों लगा रही हैं.

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Last Updated : Oct 3, 2024, 8:43 PM IST
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