जोधपुर. राजस्थान में महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों में बीते छह माह में कमी आई है. सरकार का दावा है कि बीते दो सालों के तुलानात्मक अंतर से इस इस वर्ष जनवरी से जून तक महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में छह प्रतिशत की कमी आई है. एक सवाल के जवाब में गृह विभाग की ओर से विधानसभा में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष के पहले छह माह में पुलिस के 59 जिलों में 20,767 मामले दर्ज किए गए हैं. इनमें सबसे ज्यादा जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के चारों पुलिस जिलों में 1637 मामले दर्ज हुए हैं. अगर प्रशासनिक जिलों की बात करें तो इसमें अलवर जिला सबसे अव्वल है. यहां 881 केस दर्ज हुए हैं, जबकि इससे पहले इसी अवधि में 2022 में 22074 व 2023 में 21087 केस थानों में रजिस्टर्ड हुए थे. इस हिसाब से छह प्रतिशत कम मामले इस वर्ष अब तक दर्ज हुए हैं.
जिलों में अलवर सबसे आगे, सीएम का गृह जिला भी पीछे नहीं : सरकार की ओर से चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खिंवसर ने जवाब देते हुए कहा कि हमने महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए अलग-अलग शहरों में बीस हजार सीसीटीवी कैमरे और लगाने का आदेश जारी किया है. सरकार की ओर से पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष जनवरी से जून तक महिलाओं के विरुद्ध अपराध के मामलों में अलवर जिला सबसे ऊपर है. अलवर जिले में छह माह में 881 मामले दर्ज हुए हैं. दूसरे नंबर पर सीएम भजनलाल शर्मा का जिला है, जहां 763 मामले दर्ज हुए हैं. तीसरे नंबर पर उदयपुर जिला है, जहां 648 केस रजिस्टर्ड हुए हैं. चौथा स्थान दौसा जिले का है जहां 550, पांचवें नंबर पर पाली जहां 549 मामले अलग-अलग थानों में दर्ज किए गए हैं. जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के जिला उत्तर दक्षिण पूर्व पश्चिम में कुल 1637 मामले दर्ज हुए हैं.
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7 हजार जगह चिह्नित जहां महिलाओं की आवाजाही ज्यादा : सरकार ने पूरे प्रदेश में महिलाओं को सुरक्षा देने की दृष्टि से 7400 से ज्यादा ऐसी जगहों को चिहिृत किया है, जहां महिलाओं का आना-जाना ज्यादा होता है. यह जगह पार्क, शॉपिंग मॉल, सिनेमा और शॉपिंग एरिया है. सरकार इन जगहों पर निगरानी रखने के लिए 20,615 सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए आदेश जारी कर चुकी है. सरकार ने दावा किया है कि इससे पहले इन जगहों पर सिर्फ 11 हजार कैमरे ही थे. इसके अलावा महिला सुरक्षा के 200 महिला स्क्वाड तैयार कर रहे हैं, जिनको सभी संसाधन दिए जाएंगे.