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मौलाना रशीदी ने वक्फ संशोधन बिल पर उठाए सवाल, जानिए कानून में बदलाव से क्या होगा? - MAULANA RASHIDI WAQF AMENDMENT BILL - MAULANA RASHIDI WAQF AMENDMENT BILL

WAQF BOARD AMENDMENT BILL 2024: केंद्र सरकार वक्फ अधिनियम में अहम संशोधन कर वक्फ बोर्डों में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करना चाहती है. इसे कानून को लेकर विपक्षी पार्टी और कुछ मुस्लिम संस्थाएं विरोध कर रही है. ऑल इंडिया इमाम संगठन के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद साजिद रशीदी ने भी इसपर सवाल उठाए हैं. इस खबर में पढ़िए मौलाना साजिद ने क्या कहा और कानून में बदलाव से क्या होगा....

मौलाना मोहम्मद साजिद रशीदी
मौलाना मोहम्मद साजिद रशीदी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 8, 2024, 2:03 PM IST

नई दिल्ली: मोदी सरकार वक्फ़ बोर्ड की शक्तियों पर लगाम लगाने की तैयारी में है. सरकार वक्फ अधिनियम में अहम संशोधन करने जा रही है. बताया जा रहा है कि कैबिनेट ने वक्फ़ अधिनियम में करीब 40 संशोधनों को मंजूरी दे दी है. जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार वक्फ़ बोर्ड की किसी भी संपत्ति को "वक्फ संपत्ति" बनाने की शक्तियों पर अंकुश लगाना चाहती है. इसे लेकर ऑल इंडिया इमाम संगठन के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद साजिद रशीदी ने सवाल उठाए हैं.

टारगेट करने के लिए बिल ला रही सरकार- मौलाना साजिद

मौलाना साजिद रशीदी ने कहा, "वक्फ को समझना जरुरी है. यह हमारे भले के लिए है और सरकार ने संवैधानिक तौर पर हमें वक्फ का अधिकार दिया है. सरकार केवल मुसलमानों को टारगेट करने के लिए बिल ला रही है. महंगाई और रोजगार पर कोई बात क्यों नहीं कर रहा है. जिन हिन्दुओं ने बीजेपी को वोट दिया है, उनको भी सोचना होगा कि सरकार ने हमारे लिए क्या किया है."

मौलाना साजिद रशीदी ने आगे कहा कि, "1954 में एक वक्फ एक्ट बना था. उसके बाद सरकार ने सर्वे कराया 1970 में एक सरकार ने गजट कराया. दिल्ली में वक्फ बोर्ड की जमीन पर डीडीए एनडीएमसी, रेलवे, MCD का कब्जा है. महाराष्ट्र में अंबानी ने वक्फ बोर्ड की जमीन पर कब्जा कर रखा है. इसे सरकार बचाना चाहती है. इस बिल का मुसलमान विरोध करेगा शांतिपूर्ण तरीके से सड़कों पर प्रदर्शन भी करेगा."

वक्फ बोर्डों में क्या बदलाव करने जा रही सरकार
वक्फ बोर्डों में क्या बदलाव करने जा रही सरकार (ETV BHARAT)

क्या है वक्फ बोर्ड?
वक्फ अरबी भाषा का एक शब्द है, जिसका मतलब होता है खुदा के नाम पर अर्पित वस्तु या दिया गया धन. इसके दायरे में चल और अचल संपत्तियां आती हैं. कोई भी मुस्लिम व्यक्ति पैसा, जमीन, मकान या अन्य कोई कीमती चीज वक्फ को दान कर सकता है. इन संपत्तियों के रख-रखाव के लिए स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक वक्फ बॉडीज होती हैं. इस्लाम के जानकारों के मुताबिक वक्फ बोर्ड को जो संपत्ति दान में मिलती है, उसका मकसद गरीब और जरूरतमंदों की मदद, उनकी पढ़ाई-लिखाई की व्यवस्था, मस्जिदों का निर्माण, या रख-रखाव के लिए की जाती है.

यह भी पढ़ें- वक्फ संपत्तियों का बेहतर तरीके से होगा इस्तेमाल: पूर्व मंत्री आरके सिंह

वक्फ प्रॉपर्टी को लेकर क्यों विवाद?
अक्सर वक्फ की संपत्तियों को लेकर विवाद होता रहता है. सबसे ज्यादा विवाद वक्फ बोर्ड को दिये अधिकारों को लेकर है. वक्फ बोर्ड को अधिकार दिया गया है कि वह किसी भी संपत्ति की जांच कर सकता है. अगर किसी संपत्ति पर अपना दावा कर दे तो इसे पलटना मुश्किल हो जाता है. वक्फ एक्ट के सेक्शन 85 में कहा गया है कि बोर्ड के फैसले को सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में चुनौती भी नहीं दी जा सकती है.

कानून में बदलाव से क्या होगा?

प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार वक्फ बोर्ड की विवादित संपत्तियों के लिए निवार्य सत्यापन का प्रस्ताव किया गया है. इसके अलावा अगर किसी प्रॉपर्टी को लेकर वक्फ बोर्ड और किसी व्यक्ति के बीच विवाद चल रहा है तो उसका सत्यापन कराया जाएगा. वक्फ बोर्ड के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अब अपील की जा सकती है. यह प्रावधान पहले नहीं था. राज्यों में वक्फ बोर्ड में महिला सदस्य भी शामिल होंगी. प्रत्येक राज्य बोर्ड में दो और केंद्रीय परिषद में दो महिलाएं होंगी. अभी तक महिलाएं वक्फ बोर्ड और काउंसिल की सदस्य नहीं हैं. जिन जगहों पर वक्फ बोर्ड नहीं है, वहां कोई ट्रिब्यूनल में जा सकता है. जो अब तक नहीं है.

यह भी पढ़ें- वक्फ अधिनियम में संशोधन बिल: लागू हुआ तो कितनी घटेगी बोर्ड की ताकत, जानें दिल्ली की संपत्ति

नई दिल्ली: मोदी सरकार वक्फ़ बोर्ड की शक्तियों पर लगाम लगाने की तैयारी में है. सरकार वक्फ अधिनियम में अहम संशोधन करने जा रही है. बताया जा रहा है कि कैबिनेट ने वक्फ़ अधिनियम में करीब 40 संशोधनों को मंजूरी दे दी है. जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार वक्फ़ बोर्ड की किसी भी संपत्ति को "वक्फ संपत्ति" बनाने की शक्तियों पर अंकुश लगाना चाहती है. इसे लेकर ऑल इंडिया इमाम संगठन के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद साजिद रशीदी ने सवाल उठाए हैं.

टारगेट करने के लिए बिल ला रही सरकार- मौलाना साजिद

मौलाना साजिद रशीदी ने कहा, "वक्फ को समझना जरुरी है. यह हमारे भले के लिए है और सरकार ने संवैधानिक तौर पर हमें वक्फ का अधिकार दिया है. सरकार केवल मुसलमानों को टारगेट करने के लिए बिल ला रही है. महंगाई और रोजगार पर कोई बात क्यों नहीं कर रहा है. जिन हिन्दुओं ने बीजेपी को वोट दिया है, उनको भी सोचना होगा कि सरकार ने हमारे लिए क्या किया है."

मौलाना साजिद रशीदी ने आगे कहा कि, "1954 में एक वक्फ एक्ट बना था. उसके बाद सरकार ने सर्वे कराया 1970 में एक सरकार ने गजट कराया. दिल्ली में वक्फ बोर्ड की जमीन पर डीडीए एनडीएमसी, रेलवे, MCD का कब्जा है. महाराष्ट्र में अंबानी ने वक्फ बोर्ड की जमीन पर कब्जा कर रखा है. इसे सरकार बचाना चाहती है. इस बिल का मुसलमान विरोध करेगा शांतिपूर्ण तरीके से सड़कों पर प्रदर्शन भी करेगा."

वक्फ बोर्डों में क्या बदलाव करने जा रही सरकार
वक्फ बोर्डों में क्या बदलाव करने जा रही सरकार (ETV BHARAT)

क्या है वक्फ बोर्ड?
वक्फ अरबी भाषा का एक शब्द है, जिसका मतलब होता है खुदा के नाम पर अर्पित वस्तु या दिया गया धन. इसके दायरे में चल और अचल संपत्तियां आती हैं. कोई भी मुस्लिम व्यक्ति पैसा, जमीन, मकान या अन्य कोई कीमती चीज वक्फ को दान कर सकता है. इन संपत्तियों के रख-रखाव के लिए स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक वक्फ बॉडीज होती हैं. इस्लाम के जानकारों के मुताबिक वक्फ बोर्ड को जो संपत्ति दान में मिलती है, उसका मकसद गरीब और जरूरतमंदों की मदद, उनकी पढ़ाई-लिखाई की व्यवस्था, मस्जिदों का निर्माण, या रख-रखाव के लिए की जाती है.

यह भी पढ़ें- वक्फ संपत्तियों का बेहतर तरीके से होगा इस्तेमाल: पूर्व मंत्री आरके सिंह

वक्फ प्रॉपर्टी को लेकर क्यों विवाद?
अक्सर वक्फ की संपत्तियों को लेकर विवाद होता रहता है. सबसे ज्यादा विवाद वक्फ बोर्ड को दिये अधिकारों को लेकर है. वक्फ बोर्ड को अधिकार दिया गया है कि वह किसी भी संपत्ति की जांच कर सकता है. अगर किसी संपत्ति पर अपना दावा कर दे तो इसे पलटना मुश्किल हो जाता है. वक्फ एक्ट के सेक्शन 85 में कहा गया है कि बोर्ड के फैसले को सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में चुनौती भी नहीं दी जा सकती है.

कानून में बदलाव से क्या होगा?

प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार वक्फ बोर्ड की विवादित संपत्तियों के लिए निवार्य सत्यापन का प्रस्ताव किया गया है. इसके अलावा अगर किसी प्रॉपर्टी को लेकर वक्फ बोर्ड और किसी व्यक्ति के बीच विवाद चल रहा है तो उसका सत्यापन कराया जाएगा. वक्फ बोर्ड के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अब अपील की जा सकती है. यह प्रावधान पहले नहीं था. राज्यों में वक्फ बोर्ड में महिला सदस्य भी शामिल होंगी. प्रत्येक राज्य बोर्ड में दो और केंद्रीय परिषद में दो महिलाएं होंगी. अभी तक महिलाएं वक्फ बोर्ड और काउंसिल की सदस्य नहीं हैं. जिन जगहों पर वक्फ बोर्ड नहीं है, वहां कोई ट्रिब्यूनल में जा सकता है. जो अब तक नहीं है.

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