बरेली: महाकुंभ 2025 के शुरू होने पर बस अब गिनती के लिए दिन बचे हैं. योगी सरकार भव्य और दिव्य महाकुंभ बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. लेकिन इसी बीच महाकुंभ के दौरान धर्मांतरण कराने के भी आरोप लगने शुरू हो गए हैं. ये आरोप बरेली में मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने सीएम योगी को पत्र लिखकर लगाया है. जिसमें उन्होंने कुंभ मेले में धर्मांतरण के कार्यक्रम होने का शक जाहिर करते हुए रोक लगाने की मांग की है. मौलाना ने अपने जारी बयान में कहा कि एक तरफ जहां धर्मांतरण को लेकर एक नया कानून बना है तो दूसरी ओर कानून को दरकिनार कर इस तरह का अगर कोई काम किया जाएगा तो माहौल खराब हो सकता है.
दरअसल ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने महाकुंभ मेले में साधू संतों की ओर से दिए जा रहे धर्मांतरण पर बयान को लेकर चिंता जताई है. रजनी बरेलवी ने इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को एक पत्र लिखकर मांग की है कि, इस तरह के कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाया जाए. पत्र में मौलाना ने लिखा है कि मुझे सूत्रों से पता चला है कि महाकुंभ मेला प्रयागराज में मुसलमानों का धर्मांतरण कराया जायेगा.
इसके साथ ही पत्र में लिखा कि आपके नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने धर्मांतरण के खिलाफ कानून पास किया है. अब ऐसी सूरत-ए-हाल में कुंभ मेले में मुसलमानों का धर्मांतरण कराया जाता है तो वो धर्मांतरण कानून के दायरे में आयेगा और इससे देश और प्रदेश भर में तनाव फैलने की आशंका है, इसलिए धर्मांतरण कार्यक्रम पर रोक लगाई जाए.
मौलाना ने सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में आशा जताई गई है कि कुंभ मेला एक धार्मिक कार्यक्रम है वो अच्छे और अमन शांति के साथ सम्पन्न हो. यहां से जो पैगाम जाये वो समाज को जोड़ने वाला हो न की समाज को तोड़ने वाला.
मौलाना ने जोर देकर कहा कि, आगर मुसलमानो को धर्मांतरण कराया गया तो कट्टरपंथी विचार धारा रखने वाले मुस्लिम संगठनों और ईसाई मिशनरीज को काफी फायदा पहुंचेगा और उनको कहने का भरपूर मौका मिल जायेगा. इसलिए आपसे अनुरोध है कि कुंभ मेला में धर्मांतरण कार्यक्रम पर फौरी तौर पर रोक लगाई जाए. ताकि देश में जो संस्थाएं या व्यक्ति धर्मांतरण का खामोशी से कार्य करते है उनके हौसले पस्त हो.
मौलाना ने कहा है कि उत्तर प्रदेश धर्मांतरण एक्ट प्रभावशाली अंदाज में लागू है, जिसके तहत पिछले साल कई लोगों की गिरफ्तारियां भी हो चुकी है. जिसको देखते हुए उत्तर प्रदेश की सरकार को काम करना चाहिए.
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