मथुरा : धार्मिक नगरी वृंदावन में सोमवार को दक्षिण भारत के प्रमुख रंगनाथ मंदिर में पांच दिवसीय गोदा रंगमन्नार विवाह उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. आयोजन में दूर दराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और मां लक्ष्मी और रंगनाथ भगवान का दर्शन किए गए. इससे पहले पिछले दिनों मंदिर परिसर में बैकुंठ उत्सव और सोमवार को विवाह उत्सव कार्यक्रम आयोजित किए गए.
धर्म की नगरी वृंदावन का श्री रंगनाथ मंदिर रंगजी मंदिर के नाम से विख्यात है. मंदिर परिसर में सोमवार को भगवान विष्णु और गोदा मन्नार का विवाह उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. गोदा जी ने भगवान विष्णु को पति रूप में पाने के लिए पौष मास में धनु संक्रांति से मकर संक्रांति तक कठिन व्रत का निर्वाहन कर मास पर्यंत दिव्य प्रबंध पाठ कर तिरुप्पावे की रचना की. व्रत पूर्ण होने पर श्री भूदेवी अवतार गोदा जी को भगवान रंगनाथ ने सहधर्मिणी रूप में वरण किया. इसी उपलक्ष्य में सोमवार को विवाह उत्सव में मां गोदाम्मा का केसर मिश्रित हल्दी, चन्दन से लेपन कर पवित्र नदियों के जल से सहस्त्र धारा अभिषेक करके नए वस्त्र पहनाकर विवाह की मांगलिक रस्में वैदिक मंत्रोचार के बीच हुईं.
रंगनाथ मंदिर में भगवान विष्णु के विवाह उत्सव के दौरान श्रद्धालुओं में खासा उल्लास देखने को मिला. मंदिर के पुजारी और श्रद्धालु श्रद्धाभाव से नाचते गाते नजर आए. विवाह उत्सव के दौरान माता गोदा जी की माला भगवान रंगनाथ के लिए और भगवान रंगनाथ की माला गोदा जी के लिए लाई गई. माला अदला बदली के बाद भगवान रंगनाथ और माता गोदा जी की आरती की गई और फिर दोनों को मंडप में ले जाया गया. मंडप में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भगवान रंगनाथ और माता गोदा जी का विवाह उत्सव सम्पन्न कराया गया.
मंदिर सेवायत चक्रपाणि मिश्रा ने बताया कि सोमवार को मंदिर परिसर में गोदा मन्नार ओर भगवान विष्णु का विवाह उत्सव मनाया गया. मां गोदा की सवारी और भगवान विष्णु का बैकुंठ उत्सव भी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. दक्षिण भारत के प्रमुख मंदिर रंगनाथ मंदिर में पौष माह भर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. श्रद्धालु मानसी पांडेय ने बताया कि गोदाजी और भगवान विष्णु का विवाह उत्सव देखकर मन प्रफुल्लित है. रंग जी मंदिर बहुत ही सुंदर है. यहां पिछले कई दिनों से आयोजन चल रहा है. यहां अच्छा जीवनसाथी मिलने की मनोकामना से प्रार्थना आराधना की जाती है.