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नारायणपुर में विश्व प्रसिद्ध माता मावली मेला का आगाज, जानिए क्या है इस बार खास ? - देव खेलनी

Mata Mavali fair in Narayanpur: नारायणपुर में विश्व प्रसिद्ध माता मावली मेला शुरू हो चुका है. इस मेले में बड़ी संख्या में लोग जुटे हैं. 10 मार्च को मेले का समापन होगा.

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 6, 2024, 10:45 PM IST

Updated : Mar 7, 2024, 2:08 PM IST

नारायणपुर में विश्व प्रसिद्ध माता मावली मेले का आगाज

नारायणपुर: नारायणपुर में बुधवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच माता मावली मेला का शुभारंभ हो चुका है. यहां ढाई कोसी दैवीय परिक्रमा के बाद देवी-देवताओं ने विश्व प्रसिद्ध मावली मेला शुभारंभ करने की अनुमति दे दी है. इस मेले का समापन रविवार 10 मार्च को होगा.

देवी देवताओं का लगा जमावड़ा: सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार हर साल की तरह इस साल भी महाशिवरात्रि से पहले माता मावली मेला का भव्य आगाज हो गया है. इस मौके पर 84 परगना के सैकड़ों देवी देवताओं का जमावड़ा लगा रहा. सबसे पहले माता मावली मंदिर प्रांगण में देवी-देवताओं का जमावड़ा लगा. यहां ढोल नगाड़ों की थाप पर भव्य देव खेलनी आयोजित हुई.

पिछले 300 सालों से यहां मेला लगता आ रहा है. माता मावली मां दंतेश्वरी की बड़ी बहन है. ये आदिवासी समाज ही नहीं बल्कि हर समाज के सहयोग से आयोजित होता है. -बृजमोहन देवांगन, सचिव, देव समिति, नारायणपुर

क्या है देव खेलनी: देव खेलनी के दौरान पुजारी अपने इष्ट का आह्वान अपने शरीर में करते हैं. इसकी सत्यता सिद्ध पुजारी लोहे के कोड़े से खुद के बदन पर बार बार वार कर करते हैं. इस दौरान अलग अलग गांवों से आए देवी देवताओं के प्रतीक आंगा, डोली, डांग को देखने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी है. इसके बाद परंपरा के अनुसार मेला स्थल की ढाई कोसी परिक्रमा माता मावली के प्रतीक छत्र सहित सभी देवी देवताओं ने किया. इसके साथ ही मेले का आगाज हो गया. यह मेला पांच दिनों तक चलेगा. रविवार को इसका समापन होगा.

माता मावली मेला काफी सालों से आयोजित हो रहा है. जब ये क्षेत्र वीरान था, तब से ये मेला मनाया जा रहा है. इस मेले में कई तरह की पूजा होती है. भारी संख्या में लोग जुटते हैं. -अर्जुन देवांगन, उपाध्यक्ष, देव समिति

बता दें मावली मेले का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मन की बात कार्यक्रम में किया था. यहां आस-पास और अबूझमाड़ क्षेत्र में निवास करने वाले ग्रामीण अपनी दैनिक उपयोग की जाने वाली सामग्री भी बेचते हैं. इस दिन का उनको साल भर इंतजार रहता है. इस मेले में भारी संख्या में लोगों का जमावड़ा लगा रहता है.

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देवी देवताओं का लगा जमावड़ा: सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार हर साल की तरह इस साल भी महाशिवरात्रि से पहले माता मावली मेला का भव्य आगाज हो गया है. इस मौके पर 84 परगना के सैकड़ों देवी देवताओं का जमावड़ा लगा रहा. सबसे पहले माता मावली मंदिर प्रांगण में देवी-देवताओं का जमावड़ा लगा. यहां ढोल नगाड़ों की थाप पर भव्य देव खेलनी आयोजित हुई.

पिछले 300 सालों से यहां मेला लगता आ रहा है. माता मावली मां दंतेश्वरी की बड़ी बहन है. ये आदिवासी समाज ही नहीं बल्कि हर समाज के सहयोग से आयोजित होता है. -बृजमोहन देवांगन, सचिव, देव समिति, नारायणपुर

क्या है देव खेलनी: देव खेलनी के दौरान पुजारी अपने इष्ट का आह्वान अपने शरीर में करते हैं. इसकी सत्यता सिद्ध पुजारी लोहे के कोड़े से खुद के बदन पर बार बार वार कर करते हैं. इस दौरान अलग अलग गांवों से आए देवी देवताओं के प्रतीक आंगा, डोली, डांग को देखने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी है. इसके बाद परंपरा के अनुसार मेला स्थल की ढाई कोसी परिक्रमा माता मावली के प्रतीक छत्र सहित सभी देवी देवताओं ने किया. इसके साथ ही मेले का आगाज हो गया. यह मेला पांच दिनों तक चलेगा. रविवार को इसका समापन होगा.

माता मावली मेला काफी सालों से आयोजित हो रहा है. जब ये क्षेत्र वीरान था, तब से ये मेला मनाया जा रहा है. इस मेले में कई तरह की पूजा होती है. भारी संख्या में लोग जुटते हैं. -अर्जुन देवांगन, उपाध्यक्ष, देव समिति

बता दें मावली मेले का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मन की बात कार्यक्रम में किया था. यहां आस-पास और अबूझमाड़ क्षेत्र में निवास करने वाले ग्रामीण अपनी दैनिक उपयोग की जाने वाली सामग्री भी बेचते हैं. इस दिन का उनको साल भर इंतजार रहता है. इस मेले में भारी संख्या में लोगों का जमावड़ा लगा रहता है.

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Last Updated : Mar 7, 2024, 2:08 PM IST
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