करसोग: मंडी जिले के करसोग में सर्दियों के मौसम में ही इस बार आग ने तांडव मचा दिया है. पिछले पंद्रह दिनों में आग की कई घटनाएं सामने आई हैं. जिससे 25 हेक्टेयर के करीब हरे भरे जंगल आग की भेंट चढ़ गए हैं. जिससे असंख्य अमूल्य वन्य प्राणी अकाल मौत का शिकार बने गए हैं. यही जंगलों में उगी वनस्पति भी जलकर स्वाह हो गई है. इन दिनों जंगलों में उठ रही आग की लपटों की वजह से पूरा वातावरण भी धुआं-धुआं हो गया है. जिस कारण पर्यावरण को भी भारी नुकसान हो रहा है. वहीं, वन विभाग ने फील्ड अधिकारियों को जंगलों में निगरानी बढ़ाने के निर्देश जारी कर दिए हैं. इस दौरान अगर कोई भी शरारती तत्व आग लगाता हुआ पकड़ा जाता है तो ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करने के भी आदेश जारी हुए हैं.
25 हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में: करसोग वन मंडल के अंतर्गत पिछले कुछ दिनों में ही 25 हेक्टेयर जंगल आग की लपटों की चपेट में आ चुका है. इसमें 14 हेक्टेयर नेचुरल एरिया और 10 हेक्टेयर से अधिक प्लांटेशन एरिया में आग लगने से लाखों का नुकसान हो चुका है. हालांकि वन विभाग ने अभी फाइनल रिपोर्ट तैयार नहीं की है. आग की वजह से जंगलों में नेचुरल तरीके से उगी बहुमूल्य वनस्पति भी जलकर राख हो गई हैं. यही नहीं जैव विविधता के लिए जीव-जंतु और पेड़-पौधों का अस्तित्व भी खतरे में पड़ गया है. ऐसे में आने वाले समय में बाढ़, सूखा और तूफान आदि जैसी प्राकृतिक आपदा का भी खतरा बढ़ने का अंदेशा है.
घरों को बचाने आग बुझाने में जुटे हैं ग्रामीण: जंगलों में फैली आग से ग्रामीणों के घरों और बागिचों में भी आग लगने का खतरा बढ़ गया है. ऐसे में ग्रामीण निजी संपत्ति को बचाने के लिए रात भर आग बुझाने में जुटे हैं. इसके बावजूद कई लोगों की घासनियां आग की भेंट चढ़ गई है. जिससे ग्रामीणों के सामने पशु चारे का संकट भी पैदा हो गया है.
ड्राई स्पेल से बढ़ी आग की घटनाएं: विंटर सीजन में लंबा ड्राई स्पेल भी आग की बढ़ती घटनाओं की एक वजह है. पिछले करीब दो महीनों से बारिश न होने की वजह से सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं. जिस कारण जंगलों में तेजी से आग फैल रही है. 1 जनवरी से 23 जनवरी तक प्रदेश में सामान्य से 99 फीसदी बारिश कम हुई है. इस अवधि में 57.3 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन अभी तक प्रदेश में 0.1 मिलीमीटर बारिश हुई है. ऐसे में जमीन में नमी न होने से आग जल्दी फैल रही है.
फील्ड अधिकारियों को जंगलों की निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं. अगर कोई भी व्यक्ति जंगलों को नुकसान पहुंचाते हुए पाया जाता है तो ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं. - कृष्ण बाग नेगी, डीएफओ करसोग
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