जयपुर: पिंकसिटी के रहने वाले 34 वर्षीय मार्कोस कमांडो महेंद्र सिंह शहीद हो गए हैं. वे 31 अप्रैल, 2025 को नेवी से रिटायर्ड होने वाले थे. मुंबई के समुंद्र में एक भयानक बोट हादसे में उनकी मौत हाे गई. इस हादसे में कुल 13 लोगों की जान गई थी. शुक्रवार को सैन्य सम्मान के साथ शहीद के पैतृक गांव जुनसिया में उनका अंतिम संस्कार किया गया. पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही माहौल गमगीन हो गया. शहीद जवान की अंतिम यात्रा में हर किसी की आंखें नम थी. अंतिम शव यात्रा में पूर्व विधायक निर्मल कुमावत, जिला प्रमुख रमादेवी चोपड़ा सहित कई जनप्रतिनिधि और उपखंड अधिकारी, तहसीलदार सहित अनेक अधिकारी भी मौजूद रहे. जहां सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया.
मुंबई में हादसे में हुए महेंद्र सिंह शहीद: मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया से एक नेवी की स्पीड बोट एलिफेंटा जा रही एक यात्री बोट 'नीलकमल' जहाज से टकरा गई थी. इस हादसे में जयपुर जिले के महेंद्र सिंह की भी मौत हो गई. हादसे के समय वो अपने माता-पिता को मुंबई घुमाने ले गए थे. बोट में 100 लोग सवार थे. हादसे में महेंद्र सिंह सहित चार सैन्यकर्मियों और 9 अन्य लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी. रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बाकी लोगों को सुरक्षित निकाला गया.
महेंद्र सिंह के माता-पिता गए थे मुंबई: महेंद्र सिंह के पिता विजय सिंह अपनी पत्नी के साथ 11 दिसंबर को मुंबई गए थे. महेंद्र सिंह का वर्ष 2010 में नेवी में सलेक्शन हुआ था. पहली पोस्टिंग उड़ीसा के चिलका में हुई थी. उसके बाद मेरीन कमांडों के रूप में विशाखापट्टनम आदि कई जगह हुई. तीन वर्ष से मुंबई में पोस्टिंग थी. महेंद्र सिंह की शादी वर्ष 2013 में उषा राठौड़ के साथ हुई थी, उनके दो पुत्रियां हैं. बड़ी 9 साल की हर्षिता 5वीं कक्षा व छोटी 5 साल की युगांतिका पहली कक्षा में पढ़ती है.
धोनी को दे चुके थे ट्रेनिंग: महेंद्र सिंह न केवल भारतीय नेवी के एक कुशल कमांडो थे, बल्कि उनकी बहुमुखी प्रतिभा भी थी. परिवार से मिली जानकारी के मुताबिक महेंद्र सिंह ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को वर्ष 2015 में गन चलाने की ट्रेनिंग भी दी थी. आगरा में ट्रेनिंग के दौरान महेंद्र सिंह और धोनी साथ-साथ फायरिंग का डेमो देते थे और धोनी को गन चलाना सिखाते थे.