बरेली : नई दिल्ली की रहने वाली मुस्कान सैफी उर्फ खुशी ने अपने प्यार की खातिर घर की बंदिशें तोड़कर इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू रीति रिवाज से बरेली के अगस्त मुनि आश्रम में रविवार को राजेश कुमार से शादी कर ली . दोनों की मुलाकात लगभग 6 महीने पहले इंस्टाग्राम पर हुई थी. उसके बाद दोनों ने साथ रहने का फैसला किया. अब राजेश से शादी के बाद मुस्कान सैफी ने अपना नाम खुशी रख लिया है.
जानकारी के अनुसार बरेली के इज्जतनगर थाना क्षेत्र के रहने वाले राजेश कुमार की जान पहचान लगभग 6 महीने पहले इंस्टाग्राम पर नई दिल्ली की रहने वाली मुस्कान सैफी से हुई थी. धीरे-धीरे वीडियो कॉल पर बातचीत में प्यार में बदल गई और 6 महीने की मुलाकात में दोनों ने एक दूसरे के साथ जीने मरने की कसमें खा लीं. इसके बाद शादी करने का फैसला कर लिया. मुस्कान सैफी के मुस्लिम समुदाय से होने के चलते उसके परिजन इस रिश्ते का विरोध कर रहे थे. इस पर सैफी ने अपना घर छोड़ने का फैसला कर लिया और भाग निकली.
बहरहाल रविवार को राजेश और सैफी बरेली के अगस्त मुनि आश्रम पहुंचे और यहां दोनों ने अपनी मर्जी से हिंदू रीति रिवाज से शादी कर ली. शादी करने वाले पंडित केके शंखधार ने बताया कि दिल्ली के रहने वाली मुस्कान सैफी ने अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू रीति रिवाज से राजेश कुमार के साथ सात फेरे लिए हैं. मुस्कान सैफी ने अपना नाम बदलकर अब खुशी रख लिया है. सैफी के पिता विजेंद्र सिंह ने भी एक मुस्लिम युवती के प्यार में हिंदू धर्म छोड़कर मुस्लिम धर्म अपना लिया था. वहीं मुस्कान सैफी उर्फ खुशी ने बताया कि उसे मुस्लिम समाज की तीन तलाक और हलाला जैसी प्रथाएं अच्छी नहीं लगती हैं.
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