नई दिल्ली: किसान संगठन के 'भारत बंद' से दिल्ली ने किनारा कर लिया है. भारत बंद के आह्वान में व्यापारी शामिल नहीं होंगे और देशभर में सभी बाजार खुले रहेंगे और सामान्य रूप से कारोबार होगा. यह घोषणा कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने की है. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि व्यापारी भारत बंद के दौरान अपने संस्थानों को खोल कर रखेंगे. जनता को आवश्यक सामग्री और सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने में संलग्न रहेंगे.
खंडेलवाल ने कहा कि व्यापारी नागरिकों को आवश्यक सामग्री और सेवाओं को प्रदान कर राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. किसानों द्वारा भारत बंद का बुलावा किए जाने के बावजूद, हम अपने ग्राहकों की सेवा करने और आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने के लिए अपनी दुकानें खुली रखेंगे. कैट ने देश भर में व्यापारियों से कहा है कि वे सतर्क रहें और भारत बंद के दौरान अपने संस्थानों और ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें. संगठन सदस्यों से स्थानीय अधिकारियों के साथ सहयोग करने और सभी सुरक्षा प्रोटोकॉलों का पालन करने की सलाह दी है. ताकि किसी भी अवरोध को रोका जा सके.
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वहीं, दिल्ली में व्यापारियों और उद्यमियों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने ऐलान किया है कि दिल्ली में भारत बंद का कोई असर नहीं होगा. CTI चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि दिल्ली में 700 बाजार और 56 इंडस्ट्रियल एरिया हैं. पिछले दो दिनों से सीटीआई अलग-अलग बाजारों के एसोसिएशन से इस विषय पर चर्चा कर रहा था और सभी मार्केट एसोसिएशन्स ने कहा कि न ही किसी ने बाजारों को बंद करने को लेकर समर्थन मांगा है और न ही बाजारों और दुकानों को बंद करने का कोई औचित्य है. इसलिए शुक्रवार को दिल्ली के सभी 700 बाजार पूरी तरह से खुले रहेंगे.
बृजेश गोयल ने कहा कि दिल्ली के बॉर्डर पर बैरिकेडिंग और जाम की वजह से माल की आवाजाही प्रभावित हो रही है. अगर ये आंदोलन लंबे समय तक चला तो दूध, सब्जी, फल आदि आम जरूरत की सप्लाई पर भी असर पड़ेगा. इसलिए सीटीआई की केन्द्र सरकार से अपील है कि इस मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान निकाला जाए.
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