कोटा : मकर संक्रांति के अवसर पर कोटा में जोरदार पतंगबाजी देखने को मिली. शहर भर में "ये काटा " का शोर गूंजता रहा, जबकि डीजे की धुनों पर लोग जमकर नाचे. हालांकि, पुलिस और प्रशासन की सख्ती के बावजूद चीनी मांझे से पतंगे उड़ाई गईं, जिससे न केवल पक्षियों, बल्कि आमजन को भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ा.
कोटा मेडिकल कॉलेज के एमबीएस और नया अस्पताल में करीब 60 मरीज पहुंचे, जिनमें से अधिकांश को चीनी मांझे से चोटें आई थीं. अस्पताल के सर्जरी विभाग के कार्यवाहक प्रमुख, डॉ. नीरज देवेंद्र ने बताया कि इन 60 मरीजों में से 23 लोगों को गर्दन में चोटें आईं, जबकि सिर, पैर, हाथ और अन्य स्थानों पर 20 लोग घायल हुए. पांच मरीजों के चेहरे पर भी गंभीर चोटें आईं, जिनमें से कई को टांके लगाए गए. डॉ. देवंदा का कहना है कि दो मरीज को भर्ती भी किया गया है. दोनों छत से पतंग उड़ाते हुए ऊंचाई से गिर गए थे. मांझे की चपेट में आने के बाद गिरकर घायल हो गया, उसकी बाजुओं में फ्रेक्चर हुआ है. वहीं, दूसरे मरीज को सर्जरी यूनिट में भर्ती किया गया है, उसके सिर पर चोट लगी है.
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कई घायल पहुंचे अस्पताल : वहीं, बहुउद्देश्यीय पशु चिकित्सालय मौखापाड़ा में भी बड़ी संख्या में घायल पक्षी पहुंचे. पशु चिकित्सक डॉ. बनवारी लाल जिंदल ने बताया कि कबूतर और ब्लैक काइट जैसी पक्षियों के पंख कटने की घटनाएं बढ़ी थीं, जिनका उपचार किया गया. इन पक्षियों में से कुछ के पंखों पर टांके लगाए गए, जबकि एक कबूतर को रॉड भी डाली गई.
हेल्पलाइन सेवा के संयोजक मनोज ने बताया कि पिछले चार-पांच दिनों में करीब 60 पक्षी घायल होकर आए हैं. मकर संक्रांति के दिन अकेले 41 पक्षी घायल होकर आए थे, जिनमें से 2 की मौत हो गई. अन्य 39 घायल पक्षियों में 36 कबूतर, 1 तोता, 2 ब्लैक काइट और 2 डेकन शामिल थे. इन सभी को पशु चिकित्सालय मौखापाड़ा में इलाज के लिए लाया गया.