रांची: लैंड स्कैम की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय की जद में कई आईएएस और आईपीएस अधिकारी भी आ सकते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बेहद गरीबी कहे जाने वाले विनोद कुमार सिंह से 9 फरवरी की सुबह 11:00 बजे से ईडी की टीम ने पूछताछ शुरू की. ज्यादातर सवाल विनोद कुमार सिंह के मोबाइल से रिकवर चैटिंग से जुड़े हुए थे.
सूत्रों ने बताया कि अधिकारियों ने पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के साथ किए गए चैट से जुड़े ज्यादा सवाल किए. साथ ही कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के साथ हुई बातचीत और ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए हुए लेनदेन से जुड़े सवाल भी किए. सूत्रों के मुताबिक विनोद कुमार सिंह के मोबाइल से कई जेल अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर उगाही से जुड़े चैट भी मिले हैं. ईडी ने पूछा है कि किन-किन आईएएस और आईपीएस अफसरों से ट्रांसफर के बदले कितने पैसे वसूले हैं और उन पैसों का इस्तेमाल कहां-कहां हुआ है. यह भी पूछा गया है कि हेमंत सोरेन के सीएम रहते कहां-कहां से पैसे की उगाही की है और उसका निवेश कहां हुआ है.
सूत्रों के मुताबिक विनोद कुमार सिंह के मोबाइल चैट से कई जगह प्रॉपर्टी खरीद की जानकारी मिली है. ईडी ने विनोद के बैंक ट्रांजैक्शन से जुड़े डिटेल भी तैयार किया है. इसी आधार पर निवेश से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के तार जोड़ रही है. माना जा रहा है कि बहुत जल्द कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मीडिया सलाहकार रहे अभिषेक उर्फ पिंटू को भी एजेंसी ने बुलाया था. उनकी मौजूदगी में उनके मोबाइल डाटा की क्लोनिंग की है. दरअसल, 3 जनवरी को अवैध खनन और गवाहों को प्रभावित करने से जुड़े मामले को लेकर एजेंसी ने अभिषेक और पिंटू के आवास पर छापेमारी की थी. इस दौरान कई मोबाइल फोन और लैपटॉप जब्त किए गए थे.
अब डिवाइस से कलेक्ट किए गए डाटा के आधार पर जांच को आगे बढ़ाने की तैयारी चल रही है. ईडी की इस कार्रवाई के बाद झारखंड के ब्यूरोक्रेसी में खलबली मची हुई है. पूरे दिन इस बात की चर्चा होती रही की आखिर राज्य के कौन कौन आईएएस और आईपीएस अफसर विनोद कुमार सिंह के टच में थे और पैसे देकर मनमाफिक पोस्टिंग का फायदा उठा रहे थे. जाहिर है कि आने वाले समय में कई बड़े सफेदपोश के लिए मुसीबत खड़ी होने वाली है.
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