देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग में स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित होने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों की सूची जारी कर दी गई है. खास बात यह है कि इस सूची में गढ़वाल, कॉर्बेट और शिवालिक सर्कल से एक भी कर्मचारी या अधिकारी का चयन समिति द्वारा नहीं किया गया है. जिससे कर्मचारियों में मायूसी बनी हुई है.
राज्य में तमाम विभागों की तरह ही वन विभाग में भी स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित होने वाले अधिकारी और कर्मचारियों की सूची जारी की गई है. इसमें ऐसे कर्मचारियों को सूची में शामिल किया गया है. जिन्होंने विभिन्न कार्यों में बेहतर योगदान दिया और उनकी सेवाएं सराहनीय मानी गई. राज्य भर में वन विभाग द्वारा सभी सर्कल से ऐसे सराहनीय कार्य करने वाले कर्मचारियों के नाम मांगे गए थे. प्रदेश भर में इसके लिए कुल 175 अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम प्रस्ताव के रूप में चयन समिति को मिले. इसमें से चयन समिति द्वारा 63 अधिकारी कर्मचारी और निजी क्षेत्र के लोगों को चयनित किया गया है.
इन कर्मचारियों को वन मुख्यालय में सम्मानित किया जाना है. खास बात यह है कि प्रदेश भर के चयनित कर्मचारियों में विभाग के कई फील्ड कर्मचारी भी हैं और कई कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारी भी हैं. लेकिन चयन समिति द्वारा राज्य के तीन सर्कल में एक भी विभाग के कर्मचारियों को सराहनीय कार्यों के लिए चयनित नहीं किया गया है. इसमें गढ़वाल सर्कल से किसी भी कर्मचारी का नाम स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित होने वाली कर्मचारियों की सूची में नहीं आया है. इसी तरह कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में भी वन्यजीवों के संरक्षण या दूसरे कार्यों के लिए किसी भी कर्मचारी का चयन नहीं किया गया है.
दूसरी तरफ शिवालिक सर्कल में भी किसी विभाग के कर्मचारियों को सराहनीय कार्यों के रूप में चयनित नहीं किया जा सका. हालांकि चयन समिति द्वारा तय मानकों के अनुसार ही कर्मचारियों के नाम तय किए जाते हैं और सूची में इन नाम को जोड़कर इसे जारी किया जाता है. लेकिन यह बड़ी बात है कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व,गढ़वाल सर्कल और शिवालिक सर्कल में एक भी ऐसा कर्मचारी चयनित नहीं हो पाया, जिसे सराहनीय कार्यों को लेकर तय मानकों में पाया गया हो.
इसको लेकर शिवालिक सर्किल के कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट राजीव धीमान ने कहा की सर्किल से बेहतर कार्य करने वालों के नाम प्रस्ताव के रूप में मुख्यालय को समय से भेज दिए गए थे. वन मुख्यालय स्तर पर चयन समिति द्वारा नामों का चयन किया जाता है. ऐसे में चयन समिति ही इस पर अंतिम निर्णय लेती है.
पढ़ें-