नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद शनिवार को आम आदमी पार्टी के कार्यालय पहुंचे. उन्होंने यहां पहले की तरह ही कार्यकर्ताओं के बीच जोशीला भाषण दिया. इस दौरान वे अपनी व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए बात रखी.
सिसोदिया ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार जनता का ध्यान भटकने के लिए आम आदमी पार्टी और उसके शीर्ष नेताओं की छवि खराब करना चाहती है. लेकिन उनके मंसूबे कामयाब नहीं होने देना है. शनिवार को पार्टी कार्यालय में जिस जोशीले अंदाज में सिसोदिया ने अपनी बातें कहीं. उससे राजनीतिक गलियारे में उनकी पहले की तरह दिल्ली सरकार में वापसी की अटकलें तेज हो गई है. हालांकि, इस बाबत जब आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी के कई नेता मानते हैं कि सिसोदिया को बिना देरी मंत्री के तौर पर बहाल किया जाना चाहिए.
सिसोदिया की वापसी तुरंत संभव नहीं: दिल्ली सरकार में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम सात मंत्री हो सकते हैं. संविधान के अनुच्छेद 239 एए के अनुसार दिल्ली मंत्रिमंडल का आकार विधानसभा के सदस्यों की संख्या के 10 फीसद से ज्यादा नहीं हो सकता है. दिल्ली विधानसभा में 70 विधायक हैं ऐसे में सात से अधिक मंत्री नहीं हो सकते हैं. मुख्यमंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद वर्तमान में दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल राजकुमार आनंद ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इसलिए अभी दिल्ली सरकार में मंत्रियों की संख्या सिर्फ पांच है. मंत्री का एक पद खाली है. ऐसे में मौजूदा मंत्रियों के अलावे मनीष सिसोदिया को दोबारा मंत्री व उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. लेकिन कुछ तकनीकी वजहें हैं जिनकी वजह से तत्काल सिसोदिया को मंत्री के तौर पर नियुक्त नहीं किया जा सकता.
इस प्रक्रिया का करना पड़ेगा पालन: दिल्ली सरकार के पूर्व मुख्य सचिव ओमेश सहगल का कहना है कि मंत्रियों की नियुक्ति का विशेष अधिकार मुख्यमंत्री के पास होता है. मुख्यमंत्री केजरीवाल अभी जेल में है. इसीलिए वे आवश्यक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर तुरंत नहीं कर सकते हैं. सिसोदिया की नियुक्ति की सिफारिश करने के लिए उन्हें पहले अदालत से इजाजत लेनी होगी. इसके अलावा दिल्ली में कैबिनेट मंत्री की नियुक्ति करने की प्रक्रिया अन्य राज्यों से अलग है. मुख्यमंत्री की सिफारिश उपराज्यपाल सचिवालय के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति को भेजी जाती है. फिर राष्ट्रपति की सहमति के बाद ही मंत्री का शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है. अब जेल से जमानत पर बाहर आए सिसोदिया को मंत्रिमंडल में शामिल करने की योजना को मुख्यमंत्री केजरीवाल के परामर्श से ही अंतिम रूप और आगे की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है.
AAP में सिसोदिया नंबर दो के नेता: बता दें कि दिल्ली में काबिज आम आदमी पार्टी की सरकार में शुरुआत से ही केजरीवाल के बाद मनीष सिसोदिया नंबर दो रहे हैं. वह लगातार उपमुख्यमंत्री रहे हैं. दिल्ली के शिक्षा क्षेत्र में कई काम किया है. शराब घोटाले में जेल जाने के बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था. मनीष सिसोदिया के पास जितने भी विभाग थे वह विभाग केजरीवाल सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल आतिशी देख रही हैं. उनके पास सर्वाधिक विभाग है.
आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं के संबोधन में जिस तरह सिसोदिया ने उन्हें आगामी चुनाव में बीजेपी प्रत्याशियों की जमानत जब्त करने के बात कही है, ऐसे में यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी का अब पूरा फोकस दिल्ली समेत अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की तरफ है. पार्टी के अन्य नेता और कार्यकर्ता यह तो मुखर होकर कह रहे हैं कि सरकार में भी सिसोदिया की वापसी तुरंत होनी चाहिए, लेकिन तकनीकी रूप से जल्दी यह संभव नहीं है.
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