मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: नाबालिग को शादी का झांसा देकर भगा ले जाने और दुष्कर्म कर गर्भवती करने वाले आरोपी को कोर्ट ने बड़ी सजा सुनाई है. ये सजा देकर मनेंद्रगढ़ कोर्ट ने इस तरह की घटना के बारे में सोचने वालों को एक मैसेज दिया है.
शादी का झांसा देकर भगा ले गया आरोपी: घटना झगराखंड थाना अंतर्गत की है. साल 2019 में 25 अगस्त की शाम गांव की एक नाबालिग को 24 साल के युवक ने शादी का झांसा दिया और अपने साथ ट्रेन में बैठाकर तमिलनाडु ले गया. वहां एक किराए का कमरा लिया. दोनों साथ रहने लगे. इस दौरान आरोपी नाबालिग के साथ लगातार दुष्कर्म करता रहा. जिसके बाद नाबालिग लड़की गर्भवती हो गई.
नाबालिग के पिता की शिकायत पर कार्रवाई: इधर लड़की के पिता ने झगराखंड पुलिस में बेटी के गायब होने की शिकायत दर्ज कराई. झगराखंड पुलिस ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं व पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू की. साइबर सेल की मदद से पुलिस ने नाबालिग की लोकेशन ट्रेस की. तमिलनाडु से नाबालिग और आरोपी को पकड़ा गया. पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया. न्यायाधीश ने झगराखंड के रहने वाले युवक को दोषी पाया. अपर सत्र न्यायाधीश एफटीएससी (पॉक्सो) मनेंद्रगढ़ आनंद प्रकाश दीक्षित की अदालत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के जुर्म में आरोपी को 20 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई.
अलग अलग धाराओं के तहत सजा: धारा 363 के अपराध में 2 साल का सश्रम कारावास, धारा 366 के अपराध में 5 साल का सश्रम कारावास व धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के अपराध में 20 साल के सश्रम कारावास व सभी धाराओं में अर्थदंड से दंडित किया.