इंदौर। मध्य प्रदेश का प्रमुख ऐतिहासिक दर्शनीय स्थल मांडू यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल हो सकता है. राज्य सरकार ने इसके लिए हाल ही में प्रस्ताव भेजा है जिसे लेकर प्रयास तेज किए गए हैं. शनिवार को वर्ल्ड म्यूजियम डे के अवसर पर संभाग आयुक्त दीपक सिंह ने बताया कि मांडू को भी यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा गया है.
मांडू को जल्द मिलेगा विश्व धरोहर सूची में स्थान
वर्ल्ड म्यूजियम डे के अवसर पर संभाग आयुक्त दीपक सिंह ने बताया कि "15 मार्च को बुरहानपुर के खूनी भंडारे को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है. इसके बाद अब मांडू को भी यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा गया है. मांडू में कई ऐतिहासिक इमारतें विश्व धरोहर घोषित हो सकती हैं. मांडू में जहाज महल, रानी रूपमती पवेलियन, हिंडोला महल, मुंजा तालाब, नीलकंठ चंपा, बावड़ी समेत कई इमारते हैं, जो अपने ऐतिहासिक महत्व और दुर्लभ निर्माण शैली के लिए पहचानी जाती हैं."
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ऐतिहासिक महत्व का है स्थान
प्राचीन काल से ही मालवा निमाड़ अंचल से जुड़े कई स्थान नर्मदा घाटी सभ्यता से संबंधित रहे हैं. इसके अलावा गुप्त काल की राजधानी उज्जैन रही है वहीं परमार काल में राजा भोज ने धार और मांडव(मांडू का पुराना नाम) को अपनी राजधानी बनाया था. इसी प्रकार होलकर राजवंश का शासन इंदौर समेत आसपास के इलाकों में रहा. इसके प्रमाण आज भी पुरातत्व अवशेषों के रूप में मिलते हैं. इंदौर संभाग आयुक्त दीपक सिंह के मुताबिक राज्य शासन के स्तर पर मांडू को वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा दिलाने के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही यूनेस्को द्वारा बुरहानपुर के खूनी भंडारा के बाद मांडव को भी विश्व धरोहर के रूप में दर्जा दिया जा सकता है.