मंदसौर: मल्हारगढ़ में चल रहे निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर एक आम नागरिक जनसुनवाई में लोटते-लोटते कलेक्टर से गुहार लगाने पहुंचा. मल्हारगढ़ के वार्ड नंबर 12 के निवासी ज्ञानेश प्रजापति ने नगर पंचायत द्वारा किए जा रहे नाला निर्माण, भवन और सीसी सड़क निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. जांच की मांग को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों को पहले भी आवेदन दे चुके हैं. उनका कहना है कि सुनवाई नहीं होने से प्रशासन का ध्यान खींचने के लिए, पूर्व में दिए गए आवेदनों की माला बनाकर लोटते लोटते कार्यालय पहुंचने का अनूठा तरीका अपनाया. इस घटनाक्रम के बाद जिला प्रशासन ने आनन फानन में एक टीम गठित कर शिकायतकर्ता को मामले की 15 दिन में जांच करने का आश्वासन दिया है.
मल्हारगढ़ नगर पंचायत में भ्रष्टाचार का आरोप
मल्हारगढ़ के वार्ड नंबर 12 निवासी ज्ञानेश प्रजापति ने नगर पंचायत द्वारा किए जा रहे निर्माण कामों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि "उनके वार्ड में पानी निकासी के लिए शासन द्वारा स्वीकृत नाले के निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है. जिसकी शिकायत वह पहले कर चुके हैं. इस नाले का पक्का निर्माण करने के लिए एक करोड़ 54 लाख रुपए की स्वीकृति दी है लेकिन डीपीआर के मुताबिक इस नाला निर्माण में मटेरियल नहीं लगाया जा रहा है."
'नाले को बना दिया नाली'
ज्ञानेश प्रजापति का आरोप है कि "निर्धारित 6 फीट की चौड़ाई के नाले को नगर पंचायत के इंजीनियर और ठेकेदारों ने मिली भगत से महज दो से ढाई फीट की नाली में तब्दील कर दिया है. इस नाले निर्माण में डीपीआर में 12 एमएम लोहे के सरिया लगाने का अनुबंध किया गया है लेकिन मौके पर 8 और 6 एमएम के सरिए उपयोग किए जा रहे हैं. इसी तरह वार्ड नंबर 4 में मांगलिक भवन में डोम की जगह टीन शेड बनाए जाने की भी पूर्व में शिकायत कर चुके हैं. वार्ड नंबर 5 में जनपद पंचायत तक सीसी सड़क का भी वह जांच का आवेदन जिला प्रशासन को दे चुके हैं लेकिन इन मामलों में कोई कार्रवाई और सुनवाई नहीं हुई."
आवेदनों की माला लेकर लगाई लोट
ज्ञानेश प्रजापति का कहना है कि "एक बार नहीं कई बार शिकायतें की लेकिन कई कोई सुनवाई नहीं हो रही है. मंगलवार को वह इन तमाम आवेदनों की कॉपियां लेकर उनकी माला बनाते हुए लोटते लोटते यहां पहुंचा. इसके जरिए प्रशासन का एक बार फिर ध्यान खींचना चाहता हूं." इस मामले में जैसे ही भनक प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंची तो पुलिस कर्मियों ने शिकायतकर्ता को कलेक्टर के चेंबर के पहले ही रोककर तत्काल एडीएम के सामने पेश कर दिया.
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15 दिन में रिपोर्ट पेश करने का आश्वासन
एडीएम ने शिकायतकर्ता को बुलाया और उसकी बात सुनी और उसके आवेदन पर जांच का आश्वासन दिया. एडीएम एकता जायसवाल ने जिला परियोजना अधिकारी गरिमा पाटीदार को तत्काल जांच के आदेश दे दिए हैं. उन्होंने मामले की 15 दिन में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं. हालांकि उन्होंने पहले के आवेदनों को लेकर कहा कि इसकी उन्हें जानकारी नहीं है.