मंडी: हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह ने भाजपा प्रत्याशी कंगना रनौत को चुनौती दी है. विक्रनादित्य ने कहा, "अगर कंगना प्रदेश के कर्मचारियों की हितैषी हैं और केंद्र सरकार के साथ उनकी घनिष्ठ नजदीकियां हैं तो केंद्र के पास फंसे प्रदेश के कर्मचारियों के 9 हजार करोड़ को वापस लाकर दिखाएं".
'कंगना कर्मचारियों और OPS की हितैषी नहीं': नाचन विधानसभा के चैलचौक में विक्रमादित्य सिंह ने चुनावी जनसभा को संबोधित किया. इसी के साथ विक्रमादित्य ने आज से मंडी जिला में अपने चुनाव प्रचार अभियान का विधिवत आगाज किया. इस दौरान विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "कंगना रनौत कभी भी कर्मचारियों के 9 हजार करोड़ वापस नहीं ला सकती. क्योंकि वह कर्मचारियों और ओपीएस की हितैषी नहीं है. कभी पेंशन के लिए कर्मचारियों को चुनाव लड़ने की सलाह देने वाले पूर्व सीएम जयराम ठाकुर के सुर भी अब ओपीएस को लेकर बदलने लग गए हैं.
'जनता तय करें कि उन्हें नेता चाहिए या अभिनेता': विक्रमादित्य सिंह ने कहा, यह मंडी संसदीय क्षेत्र की जनता ने तय करना है कि उन्हें एक अभिनेता चाहिए या फिर हर समय उनके साथ खड़ा रहने वाला नेता. यदि अभिनेता को चुनते हैं तो फिर अपने छोटे-छोटे काम करवाने के लिए मुंबई जाना पड़ेगा. जोकि यहां के लोगों के लिए किसी भी सूरत में संभव नहीं होगा. केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार बनना तय है. इसलिए लोग कांग्रेस को ही वोट दें.
'पहले इतिहास पढ़कर आए, हमें ना सिखाएं हिंदुत्व का पाठ': विक्रमादित्य सिंह ने कंगना रनौत पर जमकर जुबानी हमला बोला. उन्होंने कहा, कंगना कांग्रेस को हिंदुत्व की नसीहत देना छोड़कर पहले इतिहास पढ़कर आएं. पूरे देश में अगर किसी प्रदेश ने धर्मांतरण को लेकर कानून लागू किया था तो वह हिमाचल प्रदेश था और इसे वीरभद्र सिंह की सरकार ने इसे लागू किया था. कुल्लू और मंडी में अगर देव सदन बने हैं तो इन्हें कांग्रेस सरकारों ने बनाया है. कुल्लू दशहरे में देवी-देवताओं को मिलने वाले नजराने को भी कांग्रेस सरकारों ने ही शुरू किया है. इसलिए कंगना को इतिहास की इन बातों की जानकारी होनी चाहिए, जो हमें हिंदुत्व का पाठ पढ़ा रही हैं.
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