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मंडी में बिना अनुमति बनाई गई मस्जिद को तोड़ने का आदेश, निगम ने दिया 30 दिनों का अल्टीमेटम - Mandi Mosque Dispute - MANDI MOSQUE DISPUTE

Mandi Municipal Corporation Order To Demolish Mosque: मंडी नगर निगम ने बिना अनुमति बनाई गई मस्जिद को 30 दिनों के अंदर तोड़ने का आदेश दिया है. वहीं, मंडी नगर निगम कमिश्नर ने कहा कि 30 दिनों में मस्जिद का ढांचा नहीं तोड़ा जाता है तो उसे निगम द्वारा तोड़ा जाएगा. पढ़िए पूरी खबर...

मंडी नगर निगम ने मस्जिद को तोड़ने का दिया आदेश
मंडी नगर निगम ने मस्जिद को तोड़ने का दिया आदेश (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 13, 2024, 8:46 PM IST

Updated : Sep 13, 2024, 9:02 PM IST

मंडी नगर निगम ने मस्जिद को तोड़ने का दिया आदेश (ETV Bharat)

मंडी: हिमाचल प्रदेश में संजौली में अवैध मस्जिद निर्माण के खिलाफ उठा आक्रोश अब धीरे-धीरे प्रदेश के अन्य जिलों तक पहुंच रहा है. मंडी में भी कथित अवैध मस्जिद के खिलाफ आज हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया और मस्जिद को गिराने की मांग की. हिंदू संगठनों द्वारा मंडी शहर के जेल रोड स्थित मस्जिद को तोड़ने की मांग को लेकर किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के बीच नगर निगम ने अहम फैसला सुनाया है. इस फैसले में निगम ने बीना अनुमति के बनाए गए मस्जिद के सारे ढांचे तो तोड़ते हुए इसे इसके पुराने स्वरूप में बहाल करने का आदेश दिया है.

वहीं, नगर निगम की ओर से कहा गया है कि यदि मस्जिद कमेटी 30 दिनों के भीतर इस ढांचे को नहीं तोड़ती है तो फिर नगर निगम इसे तोड़ने का काम करेगी. लेकिन इसे तोड़ने के लिए जो भी खर्च आएगा, उसकी भरपाई मस्जिद कमेटी द्वारा ही की जाएगी. नगर निगम मंडी के कमिश्नर एचएस राणा ने आज इस मामले पर सुनवाई के बाद फैसला सुनाया.

मंडी नगर निगम कमीशनर एचएस राणा ने कहा, "अक्टूबर 2023 में मस्जिद के नए भवन का निर्माण कार्य शुरू हुआ था. निगम के पास इसके नक्शा के न होने की शिकायत पहुंची थी, जिसके बाद इस पर कार्रवाई शुरू हुई थी. शहरी क्षेत्रों में भवन निर्माण का नक्शा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के नियमों के तहत अप्रूव करवाना पड़ता है. जिसके बाद ही निर्माण कार्य शुरू किया जा सकता है. लेकिन मस्जिद कमेटी ने ऐसा नहीं किया और बार-बार नोटिस मिलने के बाद भी निर्माण कार्य को जारी रखा और तीन मंजिला ढांचे को खड़ा कर दिया".

एचएस राणा ने कहा, "मामले की तह तक जाने के लिए नगर निगम द्वारा 27 जुलाई से इस पर सुनवाई शुरू की गई. आज इस मामले की छठी सुनवाई के दौरान जब मस्जिद कमेटी की दलीलें उचित नहीं पाई गई तो, फिर बीना अनुमति के बने ढांचे तो 30 दिनों के भीतर तोड़ने का आदेश जारी किया गया है. आदेशों के तहत मस्जिद को अक्टूबर 2023 से पहले वाली स्थिति में लाना होगा".

बता दें कि अभी तक मस्जिद के सिर्फ उसी हिस्से को तोड़ा जा रहा था, जिस हिस्से का निर्माण लोक निर्माण विभाग की जमीन पर किया गया था. लेकिन अब नए आदेशों के तहत मस्जिद के सारे हिस्से को ही तोड़ना पड़ेगा. क्योंकि सारा निर्माण बीना अनुमति के हुआ है. लेकिन यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि जो आदेश नगर निगम की तरफ से जारी किए गए हैं, उनमें 30 दिनों के भीतर हायर अथॉरिटी के पास अपील करने का प्रावधान भी होता है. यदि कमिश्नर के आदेशों से मस्जिद कमेटी संतुष्ट नहीं होगी तो फिर आगे इसकी अपील की जा सकती है.

ये भी पढ़ें: संजौली में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के विरोध में कल हिमाचल बंद का आह्वान, नहीं खुलेंगी दुकानें

मंडी नगर निगम ने मस्जिद को तोड़ने का दिया आदेश (ETV Bharat)

मंडी: हिमाचल प्रदेश में संजौली में अवैध मस्जिद निर्माण के खिलाफ उठा आक्रोश अब धीरे-धीरे प्रदेश के अन्य जिलों तक पहुंच रहा है. मंडी में भी कथित अवैध मस्जिद के खिलाफ आज हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया और मस्जिद को गिराने की मांग की. हिंदू संगठनों द्वारा मंडी शहर के जेल रोड स्थित मस्जिद को तोड़ने की मांग को लेकर किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के बीच नगर निगम ने अहम फैसला सुनाया है. इस फैसले में निगम ने बीना अनुमति के बनाए गए मस्जिद के सारे ढांचे तो तोड़ते हुए इसे इसके पुराने स्वरूप में बहाल करने का आदेश दिया है.

वहीं, नगर निगम की ओर से कहा गया है कि यदि मस्जिद कमेटी 30 दिनों के भीतर इस ढांचे को नहीं तोड़ती है तो फिर नगर निगम इसे तोड़ने का काम करेगी. लेकिन इसे तोड़ने के लिए जो भी खर्च आएगा, उसकी भरपाई मस्जिद कमेटी द्वारा ही की जाएगी. नगर निगम मंडी के कमिश्नर एचएस राणा ने आज इस मामले पर सुनवाई के बाद फैसला सुनाया.

मंडी नगर निगम कमीशनर एचएस राणा ने कहा, "अक्टूबर 2023 में मस्जिद के नए भवन का निर्माण कार्य शुरू हुआ था. निगम के पास इसके नक्शा के न होने की शिकायत पहुंची थी, जिसके बाद इस पर कार्रवाई शुरू हुई थी. शहरी क्षेत्रों में भवन निर्माण का नक्शा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के नियमों के तहत अप्रूव करवाना पड़ता है. जिसके बाद ही निर्माण कार्य शुरू किया जा सकता है. लेकिन मस्जिद कमेटी ने ऐसा नहीं किया और बार-बार नोटिस मिलने के बाद भी निर्माण कार्य को जारी रखा और तीन मंजिला ढांचे को खड़ा कर दिया".

एचएस राणा ने कहा, "मामले की तह तक जाने के लिए नगर निगम द्वारा 27 जुलाई से इस पर सुनवाई शुरू की गई. आज इस मामले की छठी सुनवाई के दौरान जब मस्जिद कमेटी की दलीलें उचित नहीं पाई गई तो, फिर बीना अनुमति के बने ढांचे तो 30 दिनों के भीतर तोड़ने का आदेश जारी किया गया है. आदेशों के तहत मस्जिद को अक्टूबर 2023 से पहले वाली स्थिति में लाना होगा".

बता दें कि अभी तक मस्जिद के सिर्फ उसी हिस्से को तोड़ा जा रहा था, जिस हिस्से का निर्माण लोक निर्माण विभाग की जमीन पर किया गया था. लेकिन अब नए आदेशों के तहत मस्जिद के सारे हिस्से को ही तोड़ना पड़ेगा. क्योंकि सारा निर्माण बीना अनुमति के हुआ है. लेकिन यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि जो आदेश नगर निगम की तरफ से जारी किए गए हैं, उनमें 30 दिनों के भीतर हायर अथॉरिटी के पास अपील करने का प्रावधान भी होता है. यदि कमिश्नर के आदेशों से मस्जिद कमेटी संतुष्ट नहीं होगी तो फिर आगे इसकी अपील की जा सकती है.

ये भी पढ़ें: संजौली में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के विरोध में कल हिमाचल बंद का आह्वान, नहीं खुलेंगी दुकानें

Last Updated : Sep 13, 2024, 9:02 PM IST
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