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रायपुर की टीचर ममता अहार बच्चों की शिक्षा के लिए बुन रही हैं ममता की छांव

Mamta Ahar teacher of Raipur रायपुर में बच्चों को पढ़ाने के लिए सरकारी टीचर ने सम्मान में मिली राशि को खर्च कर दिया. शिक्षक की मेहनत और लगन का नतीजा है कि बच्चे अब छुट्टी के दिन भी स्कूल आने को आतुर रहते हैं. Spent honor money on children education

Mamta Ahar teacher of Raipur
सरकार से मिले सम्मान की राशि खर्च कर दी
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 13, 2024, 9:01 PM IST

Updated : Feb 16, 2024, 6:48 PM IST

सरकार से मिले सम्मान की राशि खर्च कर दी

रायपुर: सरकार से मिले सम्मान की राशि को क्या कोई शिक्षक अपने स्कूल के बच्चों की पढ़ाई में खर्च कर सकता है. अगर आपका जवाब नहीं में है तो आप गलत हैं. रायपुर में सरकारी स्कूल की शिक्षिका ममता अहार ने कुछ ऐसा ही किया है. शिक्षक दिवस के मौके पर ममता अहार को राज्य सरकार ने उनके सर्वश्रेष्ठ योगदान के लिए सम्मानित किया. सम्मान में राज्य सरकार ने उनको पचास हजार की राशि भेंट की. ममता ने सम्मान में मिले पैसे को बच्चों को शिक्षा के लिए खर्च कर दिया. ममता पंडित सखाराम दुबे प्राथमिक शाला में प्रधान पाठिका के पद पर पदस्थ हैं.स्कूल के साथी शिक्षक भी उनकी प्रतिभा और उनके लगन का लोहा मानते हैं.

गुरु जो मां बन गई: ममता ने अपने पैसों से स्कूल की दीवारों पर सुंदर प्रार्थना लिखवाई. बच्चों को खेल खेल में किताबों की शिक्षा देने के लिए दीवारों पर तरह तरह के जोड़ घटाव लिखवा दिए. विज्ञान के कठिन सवालों को सामान्य भाषा में दीवारों पर फोटो के जरिए बनाकर उसे आसान बना दिया. बच्चे अब खेल खेल में गणित और विज्ञान के कठिन सूत्रों को बड़ी ही आसानी से समझ ले रहे हैं. बच्चों का कहना है कि टीचर ममता अहार सिर्फ एक शिक्षक नहीं बल्कि मां की तरह हैं जो उनको पढ़ाती भी हैं और उनका ख्याल भी रखती हैं.

ममता अहार को मिले सम्मानों की फेहरिश्त: 2016 में मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण पुरस्कार मिला. 2019 में राज्य शिक्षक पुरस्कार से नवाजा गया. 2022 में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार मिला. 2023 में राज्य शिक्षक स्मृति पुरस्कार डॉ पद्मलाल पुन्नालाल बख्शी सम्मान मिला, 2023 में राज्य शिक्षक स्मृति पुरस्कार मिला, जिसमें पचास हजार की राशि सरकार ने दी.

दिल में था कुछ करने का जज्बा: शिक्षिका ममता अहार कहती हैं कि उनके दिल में शुरु से बच्चों के लिए कुछ करने की इच्छा रही है. जब भी उनको कोई सम्मान मिलता है तो वो उसे अपने बच्चों को समर्पित करती हैं. ममता का मानना है कि स्कूल ने जो मुझे दिया वहीं तो मैं उसे लौटा रही हूं. बच्चों को बेहतर शिक्षा दी इसके लिए मुझे सम्मानित किया गया. इस सम्मान के हकदार तो बच्चे भी हैं. बच्चों के लिए ये सम्मान की राशि खर्च करने पर मुझे खुशी का अहसास होता है.

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रायपुर: सरकार से मिले सम्मान की राशि को क्या कोई शिक्षक अपने स्कूल के बच्चों की पढ़ाई में खर्च कर सकता है. अगर आपका जवाब नहीं में है तो आप गलत हैं. रायपुर में सरकारी स्कूल की शिक्षिका ममता अहार ने कुछ ऐसा ही किया है. शिक्षक दिवस के मौके पर ममता अहार को राज्य सरकार ने उनके सर्वश्रेष्ठ योगदान के लिए सम्मानित किया. सम्मान में राज्य सरकार ने उनको पचास हजार की राशि भेंट की. ममता ने सम्मान में मिले पैसे को बच्चों को शिक्षा के लिए खर्च कर दिया. ममता पंडित सखाराम दुबे प्राथमिक शाला में प्रधान पाठिका के पद पर पदस्थ हैं.स्कूल के साथी शिक्षक भी उनकी प्रतिभा और उनके लगन का लोहा मानते हैं.

गुरु जो मां बन गई: ममता ने अपने पैसों से स्कूल की दीवारों पर सुंदर प्रार्थना लिखवाई. बच्चों को खेल खेल में किताबों की शिक्षा देने के लिए दीवारों पर तरह तरह के जोड़ घटाव लिखवा दिए. विज्ञान के कठिन सवालों को सामान्य भाषा में दीवारों पर फोटो के जरिए बनाकर उसे आसान बना दिया. बच्चे अब खेल खेल में गणित और विज्ञान के कठिन सूत्रों को बड़ी ही आसानी से समझ ले रहे हैं. बच्चों का कहना है कि टीचर ममता अहार सिर्फ एक शिक्षक नहीं बल्कि मां की तरह हैं जो उनको पढ़ाती भी हैं और उनका ख्याल भी रखती हैं.

ममता अहार को मिले सम्मानों की फेहरिश्त: 2016 में मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण पुरस्कार मिला. 2019 में राज्य शिक्षक पुरस्कार से नवाजा गया. 2022 में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार मिला. 2023 में राज्य शिक्षक स्मृति पुरस्कार डॉ पद्मलाल पुन्नालाल बख्शी सम्मान मिला, 2023 में राज्य शिक्षक स्मृति पुरस्कार मिला, जिसमें पचास हजार की राशि सरकार ने दी.

दिल में था कुछ करने का जज्बा: शिक्षिका ममता अहार कहती हैं कि उनके दिल में शुरु से बच्चों के लिए कुछ करने की इच्छा रही है. जब भी उनको कोई सम्मान मिलता है तो वो उसे अपने बच्चों को समर्पित करती हैं. ममता का मानना है कि स्कूल ने जो मुझे दिया वहीं तो मैं उसे लौटा रही हूं. बच्चों को बेहतर शिक्षा दी इसके लिए मुझे सम्मानित किया गया. इस सम्मान के हकदार तो बच्चे भी हैं. बच्चों के लिए ये सम्मान की राशि खर्च करने पर मुझे खुशी का अहसास होता है.

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Last Updated : Feb 16, 2024, 6:48 PM IST
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