अजमेर. मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष पूर्णिमा रविवार 15 दिसंबर को रात्रि 10 बजकर 11 मिनट पर मलमास शुरू होगा जो मकर संक्रांति तक रहेगा. इस दौरान मांगलिक कार्य नही हो पाएंगे. मलमास के बीच चार- चार त्रिपुष्कर योग है. इसमें दान पुण्य, हवन, पूजन और तीर्थ स्नान करने का कोटि गुना फल प्राप्त होता है.
पुष्कर में ज्योतिष पंडित कैलाश नाथ दाधीच ने बताया कि मलमास खरमास ज्योतिष पंचांग के आधार से 15 दिसंबर 2024 मार्ग शीर्ष शुक्ल पक्ष पूर्णिमा रविवार को रात्रि 10 बजकर 11 मिनट पर मलमास प्रारंभ होगा. मलमास सूर्य की संक्रांति के परिवर्तन को कहते हैं. भगवान सूर्य नवग्रह के राजा हैं. भगवान सूर्य गुरु के घर में धनराशि पर एक महीने के लिए विद्यमान होंगे. बृहस्पति सभी देवताओं के गुरु है. ऐसे में एक राशि पर नवग्रह के गुरु और देवताओं के गुरु का एक स्थान पर होना मांगलिक कार्यों पर शुभ कार्य पर विराम लग जाता है.
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यह मांगलिक कार्य वर्जित : उन्होंने बताया कि मलमास में शादी विवाह, उपनयन संस्कार, मांगलिक कार्य और व्यापारिक कार्य प्रारंभ करना मुहूर्त करना श्रेष्ठ नहीं बताया गया है. इस अवधि में जिनकी जन्म पत्री वर्ष लग्न महादशा,अंतर्दशा, सूक्ष्म अंतर्दशा में गुरु का ग्रह और सूर्य का ग्रह अस्त है या वक्री है, अशुभ है उनको इस अवधि में इन ग्रहों के पूजा पाठ, दान पुण्य हवन पूजन से शुभ योग बनता है. काफी समय के बाद इस बार मकर संक्रांति मलमास की समाप्ति 14 जनवरी 2025 मंगलवार को सुबह 8 बजकर 56 मिनट से मकर संक्रांति के पुण्य काल में दान पुण्य, हवन पूजन तीर्थ में स्नान का योग शुभ रहेगा. इस बार मकर संक्रांति 14 जनवरी सुबह से ही प्रारंभ हो जाएगी.
दान पुण्य का विशेष महत्व : मकर संक्रांति 14 जनवरी को मकर लग्न में मुख्य नक्षत्र में स्वरासी के कर्क राशि के चंद्रमा में सुश्री योग में प्रवेश रहेगा जो जन मानस के लिए भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ योग है. इसे राजनीतिक परिपेक्ष में शुभ बताया जा रहा है. मलमास में गर्म वस्त्र, गर्म खाना, मीठे पकोड़े, नमकीन पकोड़े, दान पुण्य का विशेष महत्व है.
मलमास के मध्य चार त्रिपुष्कर योग : पंडित कैलाश नाथ दाधीच ने बताया कि त्रिपुष्कर योग ज्योतिष एवं खगोलीय विज्ञान के अनुसार पंचांगों की गणित के आधार से सन 2024 के आखरी दिसंबर माह में मलमास के मध्य में चार-चार त्रिपुष्कर योग बन रहे हैं. उन्होंने बताया कि पंचांग और ज्योतिष बताता है कि 17 दिसंबर 2024 मंगलवार को सुबह 7 बजकर 8 मिनट से 10 बजकर 56 मिनट तक और 21 दिसंबर 2024 शनिवार को रात्रि में 6 बजकर 14 मिनट से 7 बजकर 11 मिनट तक और 22 दिसंबर 2024 रविवार सर्वार्थ सिद्धि योग में सुबह 7 बजकर 11 मिनट से दोपहर 2 बजकर 32 मिनट तक अंतिम योग दिसंबर में 31 दिसंबर 2024 मंगलवार को रात्रि 3 बजकर 22 से सुबह 7 बजकर 14 मिनट तक यह सर्वश्रेष्ठ योग एक ही महीने में 2024 के आखरी माह में ज्योतिष गणना के अनुसार त्रिपुष्कर योग बना रहे है.
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त्रिपुष्कर योग में दान पुण्य मिलता है कोटि गुना फल : पंडित शर्मा ने बताया कि इस योग में तीर्थ में स्नान, ब्रह्म सरोवर में स्नान, दान पुण्य, हवन पूजन करने से तीन गुना फल मिलता है. इन योग में मलमास के दौरान दान पुण्य करने से तीन गुना फल के साथ मलमास का पुण्य भी मिलेगा. त्रि पुष्कर योग में ब्रह्मा सरोवर, मध्य सरोवर, रुद्र सरोवर में स्नान, पूजन, दान पुण्य, हवन करने से कोटि गुना फल लिखा है. एक वस्तु देने से तीन वस्तु का फल मिलेगा, ऐसा वेदों में वर्णित है.