देहरादून: उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड के जोनल भर्ती अधिकारी मेजर जनरल मनोज तिवारी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की है. इस मुलाकात के दौरान मेजर जनरल मनोज तिवारी और सीएम धामी के बीच अग्निपथ योजना को लेकर विस्तृत चर्चा हुई. सीएम धामी ने इस मुलाकात पर प्रसन्नता जताई है.
सीएम धामी से मिले जोनल भर्ती अधिकारी: मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में हुई मुलाकात के दौरान उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड के जोनल भर्ती अधिकारी मेजर जनरल मनोज तिवारी ने सीएम धामी को बताया कि अग्निवीर भर्ती के अंतर्गत प्रदेश से अब तक 4500 अभ्यर्थी चयनित हुए हैं. इसके अलावा 2000 रिक्त पदों पर भी जल्द ही भर्ती की जाएगी। भविष्य में होने वाली भर्तियों में अधिक से अधिक युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए राज्य और जनपद स्तर पर विशेष कैंप आयोजित किए जाएंगे. सीएम धामी ने कहा कि इस सम्बन्ध में हमारी सरकार हर संभव सहायता सुनिश्चित करेगी.
कैंप कार्यालय में मेजर जनरल श्री मनोज तिवारी जी ने भेंट की। उत्तराखण्ड सैनिक बहुल प्रदेश है एवं हमारी सरकार द्वारा सेना को हर स्तर पर प्रशासनिक सहयोग प्रदान किया जा रहा है। इस अवसर पर अग्निपथ योजना को लेकर भी विस्तृत चर्चा हुई।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) December 30, 2024
अग्निवीर भर्ती के अंतर्गत प्रदेश से अब तक 4500… pic.twitter.com/ryaziRCkht
मेजर जनरल मनोज तिवारी से अग्निपथ योजना पर हुई चर्चा: सीएम धामी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट में लिखा कि- कैंप कार्यालय में मेजर जनरल श्री मनोज तिवारी जी ने भेंट की। उत्तराखण्ड सैनिक बहुल प्रदेश है एवं हमारी सरकार द्वारा सेना को हर स्तर पर प्रशासनिक सहयोग प्रदान किया जा रहा है। इस अवसर पर अग्निपथ योजना को लेकर भी विस्तृत चर्चा हुई।
Dehradun | Major General Manoj Tiwari, Zonal Recruiting Officer, Uttar Pradesh-Uttarakhand, met Chief Minister Pushkar Singh Dhami at the Chief Minister's residence. He said that 4500 candidates have been selected from Uttarakhand in Agniveer recruitment. Recruitment will also be… pic.twitter.com/757wHvnXIP
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 30, 2024
उत्तराखंड को कहा जाता है सैनिक प्रदेश: उत्तराखंड को सैनिक प्रदेश कहा जाता है. राज्य करीब 72 हजार युवा भारतीय सेनाओं में कार्यरत हैं. इसके साथ ही राज्य में 1,69,519 पूर्व सैनिक हैं. 1999 के कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने दुश्मन देश पाकिस्तान की सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया था. दुर्गम पहाड़ियों पर लड़े गए इस युद्ध में भारतीय वीर सैनिकों ने जो जांबाजी दिखाई थी वो सैन्य इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है. इसमें उत्तराखंड मूल के सैनिकों ने भी वीरता के झंडे गाड़े थे. कारगिल युद्ध में उत्तराखंड के 75 वीर सैनिकों ने भी शहादत पाई थी.
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