ETV Bharat / state

मझवां उपचुनाव Results; सपा कभी नहीं तोड़ पाई तिलिस्म, भाजपा की सुचिस्मिता ब्रेक के बाद फिर जीतीं

बीजेपी की सुचिस्मिता मौर्य ने 4922 वोट से सपा की ज्योति बिन्द को हराया, मौर्य को 77737 वोट मिले, बिंद को 72815 वोट मिले.

Etv Bharat
मझवां उपचुनाव में कौन जीता कौन हारा. (Photo Credit; ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 23, 2024, 7:40 PM IST

मिर्जापुर: मझवां विधानसभा सीट पर बीजेपी की सुचिस्मिता मौर्य ने जीत दर्ज की है. उन्होंने सपा प्रत्याशी डॉ. ज्योति बिंद को 4922 वोटों के अंतर से हराया. डॉ. ज्योति के पिता डॉ. रमेश चंद बिंद को भी 2017 के चुनाव में सुचिस्मिता मौर्य ने हराया था. डॉ. रमेश चंद बसपा से लगातार तीन बार विधायक चुने जा रहे थे. बता दें कि प्रदेश में सपा की 4 बार सरकार रही लेकिन, आज तक यहां पर साइकिल नहीं दौड़ी.

बात विधानसभा चुनाव 2022 की करें तो उस समय यह सीट भाजपा ने अपनी सहयोगी निषाद पार्टी को दे दी थी. इसके चलते सुचिस्मिता मौर्य का टिकट कट गया था लेकिन, उन्होंने बीजेपी का साथ नहीं छोड़ा. हालांकि, इस बार फिर से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बन गई. सुचिस्मिता मौर्य को जहां 77737 वोट मिले तो वहीं सपा की डॉ. ज्योति बिंद को 72815 वोट मिले. बीएससी के दीपक तिवारी को 34927 मत मिले.

मझवां सीट पर जीत दर्ज करने के बाद मीडिया से बात करतीं भाजपा की सुचिस्मिता मौर्य. (Video Credit; ETV Bharat)

सुचिस्मिता मौर्य मिर्जापुर शहर के पुरानी अंजही मोहल्ले की रहने वाली हैं. एमबीए की डिग्री रखने वाली सुचिस्मिता मौर्य जनपद के सबसे अमीर घराने की बहू हैं. कालीन का व्यवसाय घर में होता है. सुचिस्मिता मौर्य राजनीतिक परिवार से भी आती हैं.

ससुर रामचंद्र मौर्य 1996 में मझवां विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए थे. एक लंबे अंतराल के बाद ससुर रामचंद्र के निधन के बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सुचिस्मिता को टिकट दिया. मोदी लहर पहली बार मझवां से अपना भाग्य आजमा रहीं सुचिस्मिता मौर्य को जनता का समर्थन मिला और वह जीत गईं. सुचिस्मिता मौर्य ने बसपा के तीन बार से लगातार हो रहे विधायक डॉ. रमेश चंद बिंद को हराया था.

डॉ. रमेश बिंद को हराने के बाद अब डॉ. रमेश चंद बिंद की बेटी डॉ. ज्योति बिंद को भी हराने में सफल हो गईं. सुचिस्मिता मौर्य की यह सीट कभी कांग्रेस बीएसपी की गढ़ मानी जाती थी. मोदी लहर के बाद से यहां 2017 से बीजेपी एनडीए गठबंधन जीत रही हैं.

1952 से लेकर अब तक 7 बार कांग्रेस प्रत्याशी जीत दर्ज की है. बहुजन समाज पार्टी को पांच बार सफलता मिली है. भारतीय जनसंघ और बीजेपी के प्रत्याशियों ने तीन बार विजयी हुए हैं. जनता दल, जनता पार्टी और निषाद पार्टी को एक-एक बार ही कामयाबी मिली है. उत्तर प्रदेश में चार बार समाजवादी पार्टी की सरकार रहने के बावजूद भी मझवां से समाजवादी पार्टी का इस बार भी खाता नहीं खुल पाया.

ये भी पढ़ेंः कटेहरी उपचुनाव Results; BJP के धर्मराज ने 34 साल बाद खिलाया कमल, अखिलेश का PDA फेल

मिर्जापुर: मझवां विधानसभा सीट पर बीजेपी की सुचिस्मिता मौर्य ने जीत दर्ज की है. उन्होंने सपा प्रत्याशी डॉ. ज्योति बिंद को 4922 वोटों के अंतर से हराया. डॉ. ज्योति के पिता डॉ. रमेश चंद बिंद को भी 2017 के चुनाव में सुचिस्मिता मौर्य ने हराया था. डॉ. रमेश चंद बसपा से लगातार तीन बार विधायक चुने जा रहे थे. बता दें कि प्रदेश में सपा की 4 बार सरकार रही लेकिन, आज तक यहां पर साइकिल नहीं दौड़ी.

बात विधानसभा चुनाव 2022 की करें तो उस समय यह सीट भाजपा ने अपनी सहयोगी निषाद पार्टी को दे दी थी. इसके चलते सुचिस्मिता मौर्य का टिकट कट गया था लेकिन, उन्होंने बीजेपी का साथ नहीं छोड़ा. हालांकि, इस बार फिर से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बन गई. सुचिस्मिता मौर्य को जहां 77737 वोट मिले तो वहीं सपा की डॉ. ज्योति बिंद को 72815 वोट मिले. बीएससी के दीपक तिवारी को 34927 मत मिले.

मझवां सीट पर जीत दर्ज करने के बाद मीडिया से बात करतीं भाजपा की सुचिस्मिता मौर्य. (Video Credit; ETV Bharat)

सुचिस्मिता मौर्य मिर्जापुर शहर के पुरानी अंजही मोहल्ले की रहने वाली हैं. एमबीए की डिग्री रखने वाली सुचिस्मिता मौर्य जनपद के सबसे अमीर घराने की बहू हैं. कालीन का व्यवसाय घर में होता है. सुचिस्मिता मौर्य राजनीतिक परिवार से भी आती हैं.

ससुर रामचंद्र मौर्य 1996 में मझवां विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए थे. एक लंबे अंतराल के बाद ससुर रामचंद्र के निधन के बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सुचिस्मिता को टिकट दिया. मोदी लहर पहली बार मझवां से अपना भाग्य आजमा रहीं सुचिस्मिता मौर्य को जनता का समर्थन मिला और वह जीत गईं. सुचिस्मिता मौर्य ने बसपा के तीन बार से लगातार हो रहे विधायक डॉ. रमेश चंद बिंद को हराया था.

डॉ. रमेश बिंद को हराने के बाद अब डॉ. रमेश चंद बिंद की बेटी डॉ. ज्योति बिंद को भी हराने में सफल हो गईं. सुचिस्मिता मौर्य की यह सीट कभी कांग्रेस बीएसपी की गढ़ मानी जाती थी. मोदी लहर के बाद से यहां 2017 से बीजेपी एनडीए गठबंधन जीत रही हैं.

1952 से लेकर अब तक 7 बार कांग्रेस प्रत्याशी जीत दर्ज की है. बहुजन समाज पार्टी को पांच बार सफलता मिली है. भारतीय जनसंघ और बीजेपी के प्रत्याशियों ने तीन बार विजयी हुए हैं. जनता दल, जनता पार्टी और निषाद पार्टी को एक-एक बार ही कामयाबी मिली है. उत्तर प्रदेश में चार बार समाजवादी पार्टी की सरकार रहने के बावजूद भी मझवां से समाजवादी पार्टी का इस बार भी खाता नहीं खुल पाया.

ये भी पढ़ेंः कटेहरी उपचुनाव Results; BJP के धर्मराज ने 34 साल बाद खिलाया कमल, अखिलेश का PDA फेल

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.