मैहर। मैहर जिले के खरमसेड़ा गांव में राजस्व और वन विभाग की सैकड़ों बीघा जमीन पर कब्जा हो गया है. इस मामले में अब मैहर कलेक्टर समिति गठित कर जांच रिपोर्ट मांगी है. मामला अमरपाटन तहसील क्षेत्र ग्राम पंचायत खरमसेड़ा पहाड़ के नीचे राजस्व और फारेस्ट विभाग की भूमि का है. जहां पर भू-माफिया और अतिक्रमणकारियों की नजर है. जंगलों के लिए आरक्षित जमीन पर लगे पेड़ों को काटकर कई लोगों ने उस पर खेत बना लिए हैं. हालत ये हैं कि अब चरनोई की भूमि को भी नहीं छोड़ा जा रहा है.
दो साल पहले सरकार ने दिए पट्टे
शेष जमीन पर गांव वाले बागड़ लगाकर कब्जा करने में लगे हुए हैं. राजेश कोल ने बताया कि ग्राम पंचायत खरमसेड़ा में आदिवासी परिवारों को दो साल पहले सरकार ने पट्टे दिए थे. कागजों में ये पट्टे बांट दिए गए, लेकिन पट्टाधारियों को सरकारी भूमि पर कब्जा नहीं दिलाया गया, जिस कारण गांव के आदिवासी लोग परेशान हैं. कागज में तो उनके नाम से जमीन के पट्टे हैं, लेकिन आदिवासियों को संबंधित भूमि पर कब्जा नहीं दिलाया गया. परेशान होकर सैकड़ो की संख्या में ग्रामीणों ने मैहर पहुंचकर कलेक्टर से कब्जा दिलाने की मांग की है.
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दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा कर कब्जा
उमेश कोल ने बताया कि जमीन पर अवैध कब्जा गांव के ही वर्तमान सरपंच और जनपद सदस्य के परिवार वालों का है. खरमसेड़ा की वनभूमि पर दबंगों का लगातार कब्जा होता जा रहा है. लेकिन प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. कई जगहों पर अभिलेखों में छेड़छाड़ करके तो कई जगहों पर दस्तावेज बदलकर सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया गया. इतना ही नहीं पूर्व सरपंच ने सरकारी तालाब को भी हड़प लिया, जिसके मूल दस्तावेज तक गायब है. मैहर कलेक्टर रानी बाटड ने बताया कि यह मामला जनसुनवाई में सामने आया है. इसमें समिति गठित करके जांच कराएंगे. रिपोर्ट में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी.