मैहर। जिले के अमरपाटन में करीब डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से बने सरदार वल्लभ भाई पटेल बस स्टैंड में आज तक यात्रियों के लिए मूलभूत सुविधाओं का विस्तार नहीं हो सका है. बस स्टैंड निर्माण को लगभग पांच साल बीत चुके हैं, लेकिन पेयजल, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव के कारण नए बस स्टैंड में वीरानी छाई रहती है. सुविधाएं नहीं होने के कारण यात्रियों को काफी परेशानी होती है.
बस स्टैंड में मूलभूत सुविधाओं का आभाव
इस बस स्टैंड में गंदगी का आलम ऐसा है कि हर ओर से बदबू आती है, जिससे यहां आने-जाने वाले लोगों को काफी परेशानियां होती हैं. बस अड्डे में कोई भी ऐसी सुविधा नहीं है, जिससे यात्रियों को राहत मिल सके. यात्रियों की मानें तो यात्री स्वागत कक्ष के नाम पर यहां मजाक किया जा रहा है. जो कि असामाजिक तत्वों का अड्डा बन चुका है. बस स्टैंड के चारों ओर शराब की खाली बोतलें दिखाई पड़ती हैं. बस स्टैंड के विश्राम गृह में गंदगी होने और बैठने की व्यवस्था न होने के कारण महिला यात्रियों को परेशानी होती है. वहीं बस स्टैंड में बसों के आने-जाने से संबंधित जानकारी के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. बस स्टैंड बन तो गया है, लेकिन कर्मचारियों की नियुक्ति यहां नहीं की गई है. जिसके कारण बसों से संबंधित जानकारी के लिए यात्री चाय-पान की दुकानों पर निर्भर हैं, या फिर वहां ठेला लगाने वालों से यात्रियों को पूछताछ करनी पड़ती है.
ये भी पढ़ें: कौन है मैहर का आर्यन जिसने खड़ा किया 6 करोड़ का रोबोटिक्स, स्टार्ट-अप को फंड करने दुनिया दौड़ी मैहर में एटीएम फ्रॉड करने वाले 2 संदिग्ध गिरफ्तार, लेनदेन देखकर पुलिस को टेरर फंडिंग का शक |
स्थानीय नागरिक कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि ''नए बस स्टैंड में दुकान के लिए कमरा, यात्री प्रतीक्षालय, सामुदायिक भवन, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधा के लिए अब तक करीब डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं, लेकिन यहां से यात्रा करने वाले यात्रियों को मूलभूत सुविधा नहीं मिल रही है. देखरेख के अभाव में सड़कों पर ही खड़े होकर यात्री बसों का इंतजार करते हैं. इसके चलते बस स्टैंड में चहल-पहल नहीं रहती है और दुकानदारी भी प्रभावित हो रही है. कई बसें बस स्टैंड में नहीं रुकती हैं. बीच बाजार में बसों के रुकने के कारण जाम लग जाता है. वहीं यात्रियों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है. बावजूद इसके जिम्मेदार लोग जानकर भी अनजान बन रहे हैं.''