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छोटे से इस फल के फायदे अनेक, स्वाद के साथ सेहत का खजाना है इसका तेल - Mahua Fruit

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 11, 2024, 10:56 AM IST

Updated : Jul 15, 2024, 7:41 AM IST

MAHUA FRUIT छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्रों में महुआ लोगों की आमदनी बढ़ाने का बहुत बड़ा जरिया है. महुआ के फल और फूल से आदिवासी लोगों की जीविका चलती है. रामानुजगंज के आदिवासी इलाकों में बारिश का सीजन शुरू होते ही वहां के ग्रामीण महुआ फल यानी डोरी बीनने में जुट जाते हैं. बताया जाता है कि महुआ फल से निकलने वाला तेल खाने में उपयोग किया जाता है. इसके साथ ही छोटे बच्चों के लिए काफी उपयोगी है.

MAHUA FRUIT
महुआ का फल डोरी (ETV Bharat GFX)

बलरामपुर: रामानुजगंज के आदिवासी जनजाति के लोग पूरी तरह से जंगल से मिलने वाले उत्पादों पर निर्भर है. जिनसे इनकी आजीविका चलती है. तेंदूपत्ता, महुआ फूल के बाद अब महुआ फल का मौसम है. जिससे बीनकर आदिवासी या तो इसे सीधे बाजार में बेचते हैं या फिर इसका तेल निकालकर मार्केट में बिक्री की जाती है.आदिवासी जनजाति बाहुल्य रामचंद्रपुर विकासखंड के गांवों में इन दिनों सड़कों के किनारे महुआ फल सुखाया हुआ नजर आ जाएगा.

महुआ का फल डोरी (ETV Bharat Chhattisgarh)

आदिवासियों के जीवन का हिस्सा है महुआ और डोरी: सड़क पर डोरी सूखा रहे रामचंद्रपुर के रहने वाले वीरेन्द्र सिंह ने बताया "महुआ के पेड़ पर डोरी का फल लगता है. इस पहले सुखाया जाता है. गांव वाले सड़क पर ही महुआ का फल सुखाते हैं. फल अच्छी तरह से सूखने के बाद इसका छिलका निकाला जाता है. छिलके निकले ये फल बहुत कुछ पिस्ता जैसे नजर आते हैं. कुछ लोग इसे सीधा बाजार में बेच देते हैं. जबकि कुछ लोग इन फलों का तेल निकालकर मार्केट में बिक्री करते हैं. इससे होने वाली आमदनी से यहां के आदिवासी अपनी जरूरतें पूरी करते हैं.

डोरी का तेल का उपयोग: महुआ के फल से निकाले जाने वाले तेल का पकवान बनाने के साथ ही दूसरे खाने की चीजों में भी उपयोग होता है. रामानुजगंज क्षेत्र के ग्रामीण बताते हैं कि डोरी के तेल से बच्चों की मालिश करने से उन्हें सर्दी खांसी की समस्या नहीं रहती. बुजुर्ग इस तेल का इस्तेमाल घुटने और जोड़ों के दर्द में करते हैं. इस तेल की मालिश से दर्द में काफी राहत मिलती है. इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि ठंड के दिनों में त्वचा की नमी बनाए रखने के लिए भी इस तेल का उपयोग किया जाता है.

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डोरी का तेल का उपयोग: महुआ के फल से निकाले जाने वाले तेल का पकवान बनाने के साथ ही दूसरे खाने की चीजों में भी उपयोग होता है. रामानुजगंज क्षेत्र के ग्रामीण बताते हैं कि डोरी के तेल से बच्चों की मालिश करने से उन्हें सर्दी खांसी की समस्या नहीं रहती. बुजुर्ग इस तेल का इस्तेमाल घुटने और जोड़ों के दर्द में करते हैं. इस तेल की मालिश से दर्द में काफी राहत मिलती है. इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि ठंड के दिनों में त्वचा की नमी बनाए रखने के लिए भी इस तेल का उपयोग किया जाता है.

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Last Updated : Jul 15, 2024, 7:41 AM IST
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