लखनऊ/महोबाः उत्तर प्रदेश में ब्यूरोक्रेसी में जाने वाले लोगों ने अलग-अलग कीर्तिमान बनाए हैं. जौनपुर जिले के माधव पट्टी गांव ने देश को 50 से अधिक प्रशासनिक अफसर दिए हैं. वहीं, अब महोबा का एक ही परिवार 4 लोग IAS अफसर हैं. इनमें से दो सदस्य तो अलग-अलग राज्यों के मुख्य सचिव बन चुके हैं. वहीं, हाल ही में इस परिवार की बहू झारखंड की मुख्य सचिव बनाई गई हैं. जबकि चौथे सदस्य के भी मुख्य सचिव बनने की जल्द उम्मीद है.
जानकारी के मुताबिक, मलकपुरा मोहल्ले के रहने वाले सेवानिवृत शिक्षक गया प्रसाद तिवारी के बेटे IAS राजेंद्र कुमार तिवारी उत्तर प्रदेश और IAS देवेंद्र कुमार तिवारी झारखंड के मुख्य सचिव रह चुके हैं. वहीं, अब उनकी पुत्रवधू IAS अलका तिवारी को झारखंड का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है. अलका तिवारी देवेंद्र तिवारी की पत्नी हैं, जो 1986 बैच के IAS अधिकारी हैं. देवेंद्र तिवारी अब रिटायर हो चुके हैं. वहीं, इस फैमली के तीसरे बेटे और चौथे सदस्य IAS धीरेन्द्र कुमार तिवारी वर्तमान में पंजाब कैडर में अपर मुख्य सचिव के पद पर कार्यरत हैं. जिनके भी जल्द ही मुख्य सचिव बनने की उम्मीद है.
पिता हैं रिटायर शिक्षकः रिटायर शिक्षक गया प्रसाद तिवारी ने बताया कि उनके बड़े बेटे देवेंद्र पहले झारखंड में मुख्य सचिव थे. इसके बाद बाद चुनाव आयुक्त नियुक्त हो गए थे. अभी भी चुनाव आयुक्त पद पर हैं. वहीं, बड़ी बहू अलका तिवारी केंद्र सरकार में सचिव थीं, जिन्हें अब झारखंड का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है. दूसरे बेटे राजेंद्र पहले उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव थे, जिन्हें अब केंद्र सरकार ने मार्गदर्शक के रूप में नियुक्त किया है. जबकि छोटा बेटा धीरेंद्र कुमार तिवारी पंजाब में अपर मुख्य सचिव हैं.
कौन हैं अलका तिवारी?
बता दें कि झारखंड की मुख्य सचिव बनने वाली 1988 बैच की IAS अलका तिवारी मेरठ विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर हैं. इन्हें टॉपर होने के लिए राज्यपाल का स्वर्ण पदक मिला है। इसके साथ ही मैनचेस्टर विश्वविद्यालय यूके से सिविल और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग विभाग से एमएससी किया है. विकास परियोजनाओं के प्रबंधन और कार्यान्वयन’ में पाठ्यक्रम में शीर्ष स्थान प्राप्त किया कर स्वर्ण पदक प्राप्त किया था. इसके साथ ही रांची विश्वविद्यालय से लॉ ग्रेजुएट हैं. इसके अलावा हार्वर्ड विश्वविद्यालय यूएसए से 'वित्तीय समावेशन पर पुनर्विचार' पर एक अल्पकालिक पाठ्यक्रम और ड्यूक विश्वविद्यालय, यूएसए से 'वित्तीय सलाहकारों के लिए सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन' पर एक और विशेष पाठ्यक्रम किया है.
जौनपुर के एक गांव से 50 अधिकारी
गौरतलब है कि जौनपुर के माधव पट्टी गांव से अब तक 50 से अधिक IAS, IPS, PCS और IRS अफसर निकल चुके हैं. 1952 में इस गांव से डॉ. इंदुप्रकाश पहले आईएएस बने थे, उन्होंने यूपीएससी में दूसरी रैंक हासिल की थी. इसके बाद 1964 में छत्रसाल सिंह ने आईएएस बने और तमिलनाडु के मुख्य सचिव बने. 1964 में ही अजय सिंह और 1968 में शशिकांत सिंह आईएएस बने. 1995 में विनय सिंह आईएएस बने और बिहार के मुख्य सचिव भी रहे. 1980 में आशा सिंह, 1982 में ऊषा सिंह और 1983 में इंदु सिंह भी सिविल सर्विस में चुनी गईं.