पटनाः महाशिवरात्रि को शिव-आराधना का महान् पर्व माना जाता है. इस पावन पर्व पर मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है यही कारण है कि रुद्राभिषेक के लिए पटना के महावीर मंदिर में 45 शिवभक्तों ने बुकिंग कराई है. ये रुद्राभिषेक मंदिर में स्थापित तीन शिवलिंगों पर होंगे.
रुद्राभिषेक के लिए रसीद कटवाते हैं भक्त: महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक के महत्व को देखते हुए भक्त काफी दिनों पहले ही महावीर मंदिर में रसीद कटवाकर समय बुक कर लेते हैं.महावीर मंदिर न्यास के सचिव किशोर कुणाल ने बताया कि "महाशिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक करने के लिए भक्त पहले से ही बुक करते हैं. इसकी बुकिंग फरवरी माह में चल रही थी. अब तक 45 बुकिंग के साथ तीनों शिवलिंग पर सुबह से लेकर देर रात तक रुद्राभिषेक ब्राह्मणों द्वारा कराया जाएगा."
"महावीर मंदिर के प्राचीन शिवलिंग पर सुबह 5:00 बजे से लेकर रात 10:00 बजे तक कुल 17 रुद्राभिषेक होंगे. ऊपर शीशा बंद शिवलिंग पर सुबह 5:00 से रात 10:00 बजे तक कुल 17 रुद्राभिषेक होंगे वहीं हनुमान जी के गर्भगृह के बगल में स्थित शिवलिंग पर सुबह 11:00 से रात्रि 10:00 बजे तक 11 रुद्राभिषेक होंगे". आचार्य किशोर कुणाल, सचिव महावीर मंदिर धार्मिक न्यास
रुद्राभिषेक के लिए मंदिर से ही मिलेगी सामग्री: भक्तों की भीड़ को ध्यान में रखते हुए मंदिर परिसर में ही प्रसाद और फूल के काउंटर लगाए गये हैं. आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि "रुद्राभिषेक के लिए पर्चा कटाने के बाद भक्तों को बाहर से कोई भी सामान लाने की जरूरत नहीं है.रुद्राभिषेक की पूरी व्यवस्था महावीर मंदिर की ओर से की जाती है.मंदिर की तरफ से फूल, माला, दूध, दही, फूल, अक्षत, घी तमाम पूजन सामग्री की व्यवस्था की जाती है."
महाशिवरात्रि पर विशेष साज-सज्जा: महाशिवरात्रि पर्व को लेकर महावीर मंदिर प्रबंधन ने अपनी सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं. इस अवसर पर महावीर मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया जाएगा. इसके लिए रंग बिरंगी लाइट लगाई जाएंगी. इसके अलावा भक्तों की भीड़ को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा की भी व्यवस्था की गयी है.
8 मार्च को है महाशिवरात्रिः महाशिवरात्रि का पर्व शुक्रवार, 8 मार्च को मनाया जाएगा. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की रात्रि-व्यापिनी चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाई जाती है. माना जाता है कि महाशिवरात्रि को ही सृष्टि का प्रारंभ हुआ था वहीं महाशिवरात्रि को ही शिव-पार्वती का विवाह भी हुआ था. इस पर्व पर मंदिरों में आकर्षक साज-सज्जा और कई भव्य आयोजन होते हैं.
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