ETV Bharat / state

गांधी जयंतीः बापू का अलीगढ़ और एएमयू से था गहरा नाता, स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान तीन बार आए थे - Gandhi Jayanti 2024

author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 3 hours ago

देशभर में महात्मा गांधी 'बापू' की 155वीं जयंती देशभर में मनाई जा रही है और लोग उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि दे रहे हैं. महात्मा गांधी का उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से भी खास रिश्ता था. वह आजादी से पहले यहां तीन बार आए थे.

महात्मा गांधी को अलीगढ़ से था लगाव.
महात्मा गांधी को अलीगढ़ से था लगाव. (Etv Bharat)

अलीगढ़ः देशभर में आज महात्मा गांधी की 155वीं जयंती मनाई जा रही है. उत्तर प्रदेश में भी महात्मा गांधी की याद में भी कार्यक्रमों का आयोजन कर श्रद्धांजलि दी रही है. बापू का अलीगढ़ से भी नाता रहा है. स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी ने कई बार अलीगढ़ का दौरा किया था. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की मौलाना आजाद लाइब्रेरी ने बापू की यादों को ताजा करने के लिए उनके पत्रों, तस्वीरों, किताबों और उन पर लिखी किताबों की दो दिवसीय प्रदर्शनी लगाई गई है.


आजादी से पहले महात्मा गांधी तीन बार अलीगढ़ आए थेः गौरतलब है कि मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पश्चिमी भारत के गुजरात के एक शहर पोरबंदर में हुआ था. सत्य और अंहिसा के पुजारी महात्मा गंधी ने बिना हथियार उठाए सत्याग्रह के दम पर ब्रिटिश हुकूमत को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अलीगढ़ से अलग ही स्नेह रहा है. बापू का लगाव अलीगढ़ से इतना था कि वह आजादी से पहले 3 बार अलीगढ़ आए थे और यहां के युवाओं को स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने और अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित भी किया था.

गांधी जयंती पर मौलाना आजाद लाइब्रेरी लगी प्रदर्शनी. (Video Credit; ETV Bharat)

छात्रसंघ की पहली आजीवन सदस्यता दी गई थी:गांधीजी पहली बार 1916 में एमएओ कॉलेज आए थे और मुस्तफा शेरवानी की निशात कोठी में रुके थे. जहां आज अलीगढ़ पब्लिक स्कूल है. 12 अक्टूबर 1920 में दूसरी बार अलीगढ़ आए तो एएमयू भी गए. छात्रों ने तब उन्हें सिंडन क्लब के हॉल में छात्रसंघ की पहली आजीवन सदस्यता दी थी. गांधी जी एकेडमिक स्टाफ कॉलेज में ठहरे थे. तब यह मकान अब्दुल मजीद ख्वाजा का था. गांधीजी की अपील पर छात्रों ने परिसर के अंदर विदेशी वस्तुएं और कपड़े जलाए.वहीं, तीसरी बार 5 नवंबर 1929 को पत्नी कस्तूरबा गांधी के साथ अलीगढ़ आये थे.

करीब 600 किताबें प्रदर्शनी में मौजूदः मौलाना आज़ाद लाइब्रेरी की कार्यवाहक लाइब्रेरियन प्रोफेसर निशात फातिमा ने बताया कि दो दिवसीय प्रदर्शनी में गांधी जी से जुड़ी किताबें, पत्र, तस्वीरें प्रदर्शित की गई हैं. साथ ही गांधी जी की तस्वीरें और दस्तावेज़ भी प्रदर्शित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रदर्शनी छात्रों के लिए गांधीजी जैसे व्यक्तित्व, उनके जीवन और सेवाओं, उनकी मूल तस्वीरों और दस्तावेजों के बारे में जानने का एक शानदार अवसर है. प्रदर्शनी में उर्दू, हिंदी, अंग्रेजी भाषा में लगभग 600 किताबें गांधी जी पर लिखी हैं. इसके साथ ही गांधी जी की लिखी हुई है.

छात्रों ने जताई खुशीः प्रदर्शनी में आए छात्रों ने बताया कि गांधी जी की जयंती पर लगी प्रदर्शनी को देखकर मन प्रसन्न हो गया. यहां पर गांधी जी की काफी किताबें उनके पत्र और फोटो हैं. गांधी जी एएमयू में भी आए थे, जो फोटो लगी हुई. गांधीजी एक महान और ईमानदार नेता थे. आज न सिर्फ हिंदुस्तान को बल्कि दुनिया को उनसे सीखना चाहिए कि किस तरह से उन्होंने हिंसा का रास्ता ना अपना कर मिसाल पेश की है.


छात्र संघ हॉल में लगी है गांधीजी की पुरानी तस्वीरः प्रदर्शनी में गांधीजी की वास्तविक तस्वीरें और दस्तावेज़ देखकर खुशी व्यक्त करते हुए छात्रों ने कहा कि इस प्रदर्शनी को देखने के बाद उन्हें गांधीजी के बारे में बहुत कुछ जानने का मौका मिला. प्रदर्शनी में मौजूद दस्तावेजों और तस्वीरों से पता चला कि AMU छात्र संघ (AMUSU) ने अपनी पहली आजीवन सदस्यता महात्मा गांधी को दी थी. सदस्यता पाने वाली अन्य हस्तियों की गांधीजी की तस्वीर अभी भी छात्र संघ हॉल में अंकित है.

इसे भी पढ़ें-गांधी जयंती पर सीएम योगी ने लगाई झाड़ू, चलाया चरखा; बोले-गांधी आश्रम में 108 दिनों तक खादी उत्पादों पर 25 फीसदी मिलेगी छूट

अलीगढ़ः देशभर में आज महात्मा गांधी की 155वीं जयंती मनाई जा रही है. उत्तर प्रदेश में भी महात्मा गांधी की याद में भी कार्यक्रमों का आयोजन कर श्रद्धांजलि दी रही है. बापू का अलीगढ़ से भी नाता रहा है. स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी ने कई बार अलीगढ़ का दौरा किया था. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की मौलाना आजाद लाइब्रेरी ने बापू की यादों को ताजा करने के लिए उनके पत्रों, तस्वीरों, किताबों और उन पर लिखी किताबों की दो दिवसीय प्रदर्शनी लगाई गई है.


आजादी से पहले महात्मा गांधी तीन बार अलीगढ़ आए थेः गौरतलब है कि मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पश्चिमी भारत के गुजरात के एक शहर पोरबंदर में हुआ था. सत्य और अंहिसा के पुजारी महात्मा गंधी ने बिना हथियार उठाए सत्याग्रह के दम पर ब्रिटिश हुकूमत को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अलीगढ़ से अलग ही स्नेह रहा है. बापू का लगाव अलीगढ़ से इतना था कि वह आजादी से पहले 3 बार अलीगढ़ आए थे और यहां के युवाओं को स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने और अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित भी किया था.

गांधी जयंती पर मौलाना आजाद लाइब्रेरी लगी प्रदर्शनी. (Video Credit; ETV Bharat)

छात्रसंघ की पहली आजीवन सदस्यता दी गई थी:गांधीजी पहली बार 1916 में एमएओ कॉलेज आए थे और मुस्तफा शेरवानी की निशात कोठी में रुके थे. जहां आज अलीगढ़ पब्लिक स्कूल है. 12 अक्टूबर 1920 में दूसरी बार अलीगढ़ आए तो एएमयू भी गए. छात्रों ने तब उन्हें सिंडन क्लब के हॉल में छात्रसंघ की पहली आजीवन सदस्यता दी थी. गांधी जी एकेडमिक स्टाफ कॉलेज में ठहरे थे. तब यह मकान अब्दुल मजीद ख्वाजा का था. गांधीजी की अपील पर छात्रों ने परिसर के अंदर विदेशी वस्तुएं और कपड़े जलाए.वहीं, तीसरी बार 5 नवंबर 1929 को पत्नी कस्तूरबा गांधी के साथ अलीगढ़ आये थे.

करीब 600 किताबें प्रदर्शनी में मौजूदः मौलाना आज़ाद लाइब्रेरी की कार्यवाहक लाइब्रेरियन प्रोफेसर निशात फातिमा ने बताया कि दो दिवसीय प्रदर्शनी में गांधी जी से जुड़ी किताबें, पत्र, तस्वीरें प्रदर्शित की गई हैं. साथ ही गांधी जी की तस्वीरें और दस्तावेज़ भी प्रदर्शित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रदर्शनी छात्रों के लिए गांधीजी जैसे व्यक्तित्व, उनके जीवन और सेवाओं, उनकी मूल तस्वीरों और दस्तावेजों के बारे में जानने का एक शानदार अवसर है. प्रदर्शनी में उर्दू, हिंदी, अंग्रेजी भाषा में लगभग 600 किताबें गांधी जी पर लिखी हैं. इसके साथ ही गांधी जी की लिखी हुई है.

छात्रों ने जताई खुशीः प्रदर्शनी में आए छात्रों ने बताया कि गांधी जी की जयंती पर लगी प्रदर्शनी को देखकर मन प्रसन्न हो गया. यहां पर गांधी जी की काफी किताबें उनके पत्र और फोटो हैं. गांधी जी एएमयू में भी आए थे, जो फोटो लगी हुई. गांधीजी एक महान और ईमानदार नेता थे. आज न सिर्फ हिंदुस्तान को बल्कि दुनिया को उनसे सीखना चाहिए कि किस तरह से उन्होंने हिंसा का रास्ता ना अपना कर मिसाल पेश की है.


छात्र संघ हॉल में लगी है गांधीजी की पुरानी तस्वीरः प्रदर्शनी में गांधीजी की वास्तविक तस्वीरें और दस्तावेज़ देखकर खुशी व्यक्त करते हुए छात्रों ने कहा कि इस प्रदर्शनी को देखने के बाद उन्हें गांधीजी के बारे में बहुत कुछ जानने का मौका मिला. प्रदर्शनी में मौजूद दस्तावेजों और तस्वीरों से पता चला कि AMU छात्र संघ (AMUSU) ने अपनी पहली आजीवन सदस्यता महात्मा गांधी को दी थी. सदस्यता पाने वाली अन्य हस्तियों की गांधीजी की तस्वीर अभी भी छात्र संघ हॉल में अंकित है.

इसे भी पढ़ें-गांधी जयंती पर सीएम योगी ने लगाई झाड़ू, चलाया चरखा; बोले-गांधी आश्रम में 108 दिनों तक खादी उत्पादों पर 25 फीसदी मिलेगी छूट

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.