महासमुंद : 26 अप्रैल को मतदान के महापर्व में महासमुंद की जनता बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही है. बात यदि मतदान की करें तो बिंद्रानवागढ़ के 9 संवेदनशील मतदान केंद्रों में वोटिंग का समय सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक रखा गया है.बाकी लोकसभा के सभी मतदान केंद्रों में वोटिंग सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक हो रही है. महासमुंद लोकसभा सीट में सुबह 03 बजे तक 63.30 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है.
महासमुंद की विधानसभा के अनुसार मतदान प्रतिशत (03 बजे तक)
बसना 37.15 प्रतिशत
बिन्द्रानवागढ़ 35.20 प्रतिशत
धमतरी 32.92 प्रतिशत
खल्लारी 35.34 प्रतिशत
कुरूद 31.33 प्रतिशत
महासमुंद 33.54 प्रतिशत
राजिम- 31.85 प्रतिशत
सरायपाली 38.19 प्रतिशत
महासमुंद में कितने मतदाता ?: महासमुंद लोकसभा में 17 लाख 62 हजार 477 मतदाता हैं. जिनमें से पुरुष मतदाताओं की संख्या 8 लाख 66 हजार 670 और महिला मतदाता 8 लाख 95 हजार 773 हैं.वहीं थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 34 है.
महासमुंद में 2019 लोकसभा की तस्वीर | |
पुरुष मतदाता | 8,13,688 |
महिला मतदाता | 8,24,241 |
कुल मतदाता | 16,37,951 |
वोटिंग प्रतिशत | 75 % |
मतदान केंद्रों में सुविधा : भीषण गर्मी में हो रहे मतदान के लिए निर्वाचन आयोग ने मतदान केंद्रों में खास इंतजाम किए हैं. कई जगहों पर कूलर और ठंडे पानी की व्यवस्था की गई है. मतदान केंद्रों में लोगों को नींबू पानी और शरबत पिलाया जा रहा है.ताकि गर्मी से बचाव हो सके. वहीं मतदान केंद्रों में सेल्फी जोन लोगों को खूब भा रहा है. दिव्यांग और बुजुर्गों के लिए मेडिकल टीम के साथ व्हील चेयर की व्यवस्था की गई है. महासमुंद लोकसभा सर्वसुविधा युक्त 40 आदर्श मतदान केन्द्र , 157 संगवारी मतदान केन्द्र , 40 युवा मतदान केन्द्र और 5 दिव्यांग मतदान केंद्र बनाए गए हैं.आपको बता दें कि महासमुंद में अब तक पूर्व सांसद चुन्नीलाल साहू, बीजेपी महिला सांसद प्रत्याशी रूप कुमारी चौधरी और पूर्व विधायक विमल चोपड़ा और वर्तमान विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा ने अपने मत का प्रयोग किया है.इस दौरान लोगों ने पोलिंग बूथ में हुए इंतजामों की जमकर तारीफ भी की है.
''लोकतंत्र के महापर्व में सभी को अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि देश को एक योग्य नेता और भारत को विकसित राष्ट्र बनाया जा सके.'' सुधा अंबिलकर,मतदाता
महासमुंद का चुनावी इतिहास : महासमुंद में 1952 से अब तक कुल 19 चुनाव हुए हैं. जिसमें 12 बार कांग्रेस का कब्जा रहा है. कांग्रेस के कद्दावर नेता विद्याचरण शुक्ल सात बार महासमुंद से चुनाव जीतकर केंद्र में वरिष्ठ मंत्री रहे हैं. अविभाजित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे श्यामाचरण शुक्ल भी एक बार महासमुंद से चुनाव जीत चुके हैं. इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ के पहले सीएम अजीत जोगी साल 2004 के लोकसभा चुनाव में महासमुंद लोकसभा सीट से जीते थे. इसके बाद 2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने महासमुंद की सीट पर कब्जा किया.
महासमुंद क्षेत्र कौन सा दल कितना मजबूत: महासमुंद लोकसभा क्षेत्र में 3 जिले शामिल हैं. इनमें धमतरी, गरियाबंद और महासमुंद जिला शामिल है. महासमुंद लोकसभा के आठ विधानसभा क्षेत्रों में से चार विधानसभा क्षेत्र सरायपाली, खल्लारी, धमतरी और बिन्द्रानवागढ़ पर कांग्रेस का कब्जा है. वहीं, चार विधानसभा क्षेत्रों में महासमुंद, बसना, राजिम और कुरूद पर बीजेपी का कब्जा है.
लोकसभा में सबसे ज्यादा वोटर्स : : महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के जातिगत समीकरण पर अगर गौर करें तो यहां 51 फीसद मतदाता अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं. इनमें साहू, कुर्मी, अघरिया, यादव और कोलता समाज के लोग अधिक हैं. अनुसूचित जनजाति के वोटर लगभग 20 फीसद हैं. अनुसूचित जाति के वोटर लगभग 11 फीसद हैं. अनारक्षित वर्ग के लगभग 12 फीसद मतदाता हैं. यानी कि महासमुंद लोकसभा क्षेत्र अन्य पिछड़ा वर्ग बाहुल्य क्षेत्र है.
महासमुंद सीट के मुद्दे और समस्याएं: इस क्षेत्र में महिला थाना न होने से महिलाओं को दिक्कतें होती है. किसानों के लिए सिंचाई की सुगम व्यवस्था नहीं है, हालांकि सीकासेर जलासय शुरू होने के संकेत मिले हैं. लेकिन अब तक महासमुंद में यह शुरू ही नहीं हुआ है.आत्मनिर्भर बनाने के लिए रोजगार मूलक शिक्षा नहीं है. यहां के अधिकांश युवक बेरोजगार है.100 बिस्तरों के जिला अस्पताल को अब मेडिकल कॉलेज बनाया गया है, लेकिन यहां सुविधाओं का आभाव है. बड़े केस को रायपुर रेफर कर दिया जाता हैं. यातायात सुविधाओं की कमी है.