वाराणसी: कबीर मठ मूलगादी के महंत विवेक दास को एक महिला के साथ अश्लील हरकत करने के मामले में शुक्रवार को जेल भेज दिया . एससी-एसटी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने महंत विवेक दास की अग्रिम जमानत को याचिका को खारिज करते हुए जेल भेज दिया.
भेजा गया 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर
बताया जा रहा है कि पीड़ित महिला ने थाने में केस दर्ज न होने के बाद कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई थी, जिसके बाद कोर्ट ने विवेक को तलब किया था. आरोपी के खिलाफ पीड़ित पक्ष के वकील ने साक्ष्य भी प्रस्तुत किए थे, जिसके बाद जज ने विवेक दास को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेज दिया.
दरअसल, पीड़ित महिला ने आरोप लगाया था कि कबीर मठ मूलगादी के महंत विवेक दास अपने साथियों के साथ मिलकर उसपर अश्लील टिप्पणियां की थी. इसके बाद एससी-एसटी कोर्ट ने वारंट जारी करते हुए महंत को तलब किया था. इसके बाद महंत की तरफ से अग्रिम याचिका दायर करते हुए जमानत की अपील की गई थी.
वहीं, शुक्रवार को अग्रिम जमानत अवधि समाप्त होने के साथ महंत विवेक दास कोर्ट पहुंचे थे. जहां जमानत याचिका फिर से दायर कर अपने बीमारी के चलते जमानत की गुहार लगाया था, लेकिन जज ने उनकी याचिका को रद्द करते हुए जिला कारागार भेजने का आदेश दिया.
महिला का आरोप पूरी तरह से निराधार
वहीं, कबीर मठ मूलगादी के उत्तराधिकारी प्रमोद दास का कहना है कि महिला का आरोप पूरी तरह से निराधार है और फर्जी तरीके से पेश किया गया मामला है. पूरा विवाद अश्लीलता का नहीं बल्कि जमीन और मठ की संपत्ति पर कब्जे का है. न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हुए उच्च अदालत में वह अपील करेंगे और जमानत की गुहार लगाएंगे.
बता दें कि वाराणसी के चेतगंज थाने में पिछले दिनों कबीर मठ के महंत विवेक दास सहित नौ लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का भी मुकदमा दर्ज हो चुका है. विवेक दास की उम्र 80 वर्ष है और उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के तौर पर प्रमोद दास को नया महंत नियुक्त किया है.
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