प्रयागराज : संगम नगरी में जनवरी 2025 में शुरू होने वाले महाकुम्भ मेला में रात के अंधेरे में भी दिन जैसा उजाला नजर आएगा. जिसके लिए बिजली विभाग की तरफ से सारी तैयारियां कर ली गई हैं. बिजली विभाग की तरफ से पूरे महाकुम्भ एरिया में 67 हजार स्ट्रीट लाइट लगाई जाएंगी. इसके अलावा साढ़े चार लाख से अधिक शिविरों में कनेक्शन दिया जाएगा. इन सबके लिए मेला क्षेत्र में 1700 किलोमीटर लंबी एलटी और एचटी केबल लाइन दौड़ाई जाएगी.
40 करोड़ तक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान : बिजली विभाग के मुख्य अभियंता पीके सिंह ने बताया कि महाकुम्भ मेला के दौरान पूरे क्षेत्र और शहर में बिजली की निर्बाध और बेहतरीन सप्लाई दी जाएगी. प्रयागराज में जनवरी 2025 में महाकुम्भ मेला का आयोजन होगा. इस महाकुंभ मेले में 40 करोड़ तक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है. इस मेले को लेकर सभी विभाग अपनी तैयारियों को पूरा करने में जुटे हुए हैं. इस कड़ी में बिजली विभाग की तरफ से भी महाकुम्भ को लेकर हर स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं, उसके तहत मेला क्षेत्र से लेकर शहर तक में बेहतरीन व्यवस्था की जा रही है. मेला क्षेत्र में बाढ़ के पानी के घटने के बाद काम शुरू होगा, जबकि शहरी क्षेत्र में बिजली विभाग की तरफ से पेशवाई मार्ग और एयरपोर्ट से लेकर ट्रिपल आईटी चौराहे तक बिजली के तारों को अंडर ग्राउंड किया जा चुका है.
170 सब स्टेशन बनाए जाएंगे : बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर पीके सिंह ने बताया कि महाकुंभ से पहले बिजली विभाग की तरफ से सभी कार्य करवा लिए जाएंगे. मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही साधु संत और संस्थाओं को बिजली विभाग की तरफ से सभी प्रकार की सुविधाएं दी जाएंगी. महाकुम्भ को लेकर बिजली विभाग की तरफ से शहर से लेकर मेला क्षेत्र में करीब पौने चार सौ करोड़ रुपये की लागत से सभी कार्य किए जाएंगे. जिसमें अस्थायी कार्यों के साथ ही स्थायी कार्य भी शामिल हैं. महाकुम्भ मेला क्षेत्र में 170 सब स्टेशन बनाए जाएंगे, जहां से पूरे मेला क्षेत्र में बिजली की निर्बाध सप्लाई की जाएगी.
67 हजार स्ट्रीट लाइट्स लगाई जाएंगी : उन्होंने बताया कि इसके साथ बिजली विभाग की तरफ से पूरे मेला क्षेत्र में 67 हजार स्ट्रीट लाइट्स लगाई जाएंगी. इसके साथ ही मेला क्षेत्र में चौराहों और प्रमुख स्थानों पर सोलर से जलने वाले स्ट्रीट लाइट्स लगाई जाएंगी. जिससे की किसी भी प्रकार की विपरीत स्थिति में बिजली की सप्लाई बंद हो जाए तो भी सोलर लाइट्स जलती रहेंगी. यही नहीं मेला क्षेत्र में बनाए गए शिविरों में भी साढ़े चार लाख कैम्प कनेक्शन दिए जाएंगे. यही नहीं मेला क्षेत्र में बिजली सप्लाई के लिए 100 किलोवाट के 100 ट्रांसफॉर्मर लगाए जाएंगे. इसके साथ ही मेला क्षेत्र में बिजली सप्लाई के लिए पूरे मेला क्षेत्र में 1700 किलोमीटर लंबी केबल बिछाई जाएगी, जिसमें 300 किलोमीटर लंबी एचटी लाइन और 1400 किलोमीटर लंबी एलटी लाइन केबल बिछाई जाएगी. चीफ इंजीनियर पीके सिंह ने कहा कि मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो उसके लिए सभी तैयारियां समय से पहले कर ली जाएंगी.
सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा कार्य : बीते माघ मेला में सोलर एनर्जी का ट्रायल किया जा चुका है. उसकी सफलता को देखकर महाकुम्भ 2025 में भी इसका इस्तेमाल करने की तैयारी है. सूत्रों के मुताबिक, कुम्भ मेला में 5 करोड़ यूनिट तक बिजली की जरूरत पड़ेगी. यही नहीं कुम्भ मेला के दौरान इस्तेमाल होने वाली बिजली का बिल भी 25 करोड़ रुपये तक या उससे भी अधिक हो सकता है. इसके अलावा मेला क्षेत्र में बिजली की जरूरत को पूरा करने के लिए सोलर एनर्जी का भी सहारा लिया जाएगा. सोलर एनर्जी से दस प्रतिशत तक बिजली बचाने का भी लक्ष्य रखा गया है.
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