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प्रयागराज में नकली नोट छापने वाला मदरसा सील, मिले भड़काऊ साहित्य, 600 छात्रों को भेजा गया घर - Prayagraj Madrasa sealed

प्रयागराज में नकली नोट की फैक्ट्री से चर्चा में आए मदरसा जामिया हबीबिया को बुधवार को प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने सील किया है. पुलिस मदरसे में पढ़ने वाले लगभग 600 छात्रों से पूछताछ कर सकती है.

नकली नोट छापने वाली मदरसा सील
नकली नोट छापने वाली मदरसा सील (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 4, 2024, 7:19 PM IST

Updated : Sep 4, 2024, 8:04 PM IST

प्रयागराज: जिले में नकली नोट की फैक्ट्री से चर्चा में आए मदरसा जामिया हबीबिया को प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने बुधवार को सील किया है. साथ ही मदरसे की फंडिंग की जांच एजेंसियां कर रही है. बताया जा रहा है कि मदरसे में खाड़ी देशों से फंडिंग की भी हो रही है. वहीं, पुलिस मदरसे में पढ़ने वाले लगभग 600 छात्रों से मदरसे के विषय को लेकर पूछताछ कर सकती है. साथ सभी छात्रों को अपने-अपने घर भेज दिया गया. पुलिस मदरसे से ओडिशा भेजे गए कोरियर की भी जांच कर रही है.


दरअसल, प्रयागराज के मदरसा में जाली करेंसी छापने के साथ ही एक और बड़ा सनसनीखेज खुलासा हुआ है. जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम में छापेमारी के दौरान पुलिस को मदरसे में प्रिंसिपल मौलवी के कमरे से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ऊपर लिखी कई आपत्तिजनक किताबें, तस्वीरें मिली हैं. ऐसा माना जा रहा है कि इन किताबों के जरिए मदरसा के बच्चों का ब्रेनवॉश किया जाता था. उन्हें पढ़ाया जाता था कि आरएसएस देश का सबसे बड़ा आतंकी संगठन है.

पुलिस को मदरसे से जो किताबें मिली हैं. जिसमें आरएसएस देश का सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन' नाम का भी किताब है. इसके लेखक एसएम मुशर्रफ, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (महाराष्ट्र) हैं. मूल किताब उर्दू भाषा में लिखी गई है. इसके हिंदी और मराठी भाषाओं में अनुवाद वाली भी किताबें हैं. यह किताब मदरसे के कार्यवाहक प्रिंसिपल मौलवी तफसीरुल आरीफीन के कमरे से मिली है.

मौलवी के कमरे से कई स्पीड पोस्ट की पर्चियां मिली हैं. पर्चियों के आधार पर पुलिस एड्रेस वेरीफाई कर रही है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि किताब को कहां-कहां भेजे जाते थे. 20वीं सदी में हिंदू-मुस्लिम दंगे करवाना ब्राह्मणवादियों का षड्यंत्र था

वहीं, किताब में जिक्र है कि आरएसएस एक सांप्रदायिक संगठन है. बहुजन और दलित युवाओं को संघ के साथ जोड़ने के लिए यह झूठा प्रचार किया जाता है. पूर्वनियोजित हिंदू-मुस्लिम दंगे करवाना ब्राह्मणवादियों का 20वीं सदी का सबसे बड़ा षड्यंत्र था, लेकिन 21 वीं सदी में आरएसएस ने अपने कुछ कामों में बदलाव किया है.

किताब में लिका है कि हिंदू-मुस्लिम दंगे करवाने के अलावा मुस्लिम आतंकवाद का डर लोगों के दिलों-दिमाग में भर देने का काम आरएसएस और अन्य ब्राह्मणवादी संगठन कर रहे हैं. इसमें गोपनीय एजेंसियां भी इन बाद्राणवादियों को सहयोग दे रही हैं.

बता दें कि यूपी पुलिस 28 अगस्त को मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिद-ए-आजम पर छापा मारा था. इस दौरान वहां प्रिंटिंग मशीन से सौ सौ रुपये के जाली नोट छापते हुए तीन लोग मिले. उनके पास से 1.30 लाख रुपये के नोट मिले. इसके बाद प्रिंसिपल को भी गिरफ्तार कर लिया गया था.

यह भी पढ़ें: प्रयागराज मदरसे में नकली नोट छापने का मामला, खूफिया एजेंसियां खंगाल रहीं आरोपियों का आतंकी कनेक्शन

यह भी पढ़ें: प्रयागराज के इस मदरसे में छप रहा था सौ-सौ के नकली नोट, मौलवी सहित गैंग के चार सदस्य गिरफ्तार


प्रयागराज: जिले में नकली नोट की फैक्ट्री से चर्चा में आए मदरसा जामिया हबीबिया को प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने बुधवार को सील किया है. साथ ही मदरसे की फंडिंग की जांच एजेंसियां कर रही है. बताया जा रहा है कि मदरसे में खाड़ी देशों से फंडिंग की भी हो रही है. वहीं, पुलिस मदरसे में पढ़ने वाले लगभग 600 छात्रों से मदरसे के विषय को लेकर पूछताछ कर सकती है. साथ सभी छात्रों को अपने-अपने घर भेज दिया गया. पुलिस मदरसे से ओडिशा भेजे गए कोरियर की भी जांच कर रही है.


दरअसल, प्रयागराज के मदरसा में जाली करेंसी छापने के साथ ही एक और बड़ा सनसनीखेज खुलासा हुआ है. जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम में छापेमारी के दौरान पुलिस को मदरसे में प्रिंसिपल मौलवी के कमरे से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ऊपर लिखी कई आपत्तिजनक किताबें, तस्वीरें मिली हैं. ऐसा माना जा रहा है कि इन किताबों के जरिए मदरसा के बच्चों का ब्रेनवॉश किया जाता था. उन्हें पढ़ाया जाता था कि आरएसएस देश का सबसे बड़ा आतंकी संगठन है.

पुलिस को मदरसे से जो किताबें मिली हैं. जिसमें आरएसएस देश का सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन' नाम का भी किताब है. इसके लेखक एसएम मुशर्रफ, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (महाराष्ट्र) हैं. मूल किताब उर्दू भाषा में लिखी गई है. इसके हिंदी और मराठी भाषाओं में अनुवाद वाली भी किताबें हैं. यह किताब मदरसे के कार्यवाहक प्रिंसिपल मौलवी तफसीरुल आरीफीन के कमरे से मिली है.

मौलवी के कमरे से कई स्पीड पोस्ट की पर्चियां मिली हैं. पर्चियों के आधार पर पुलिस एड्रेस वेरीफाई कर रही है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि किताब को कहां-कहां भेजे जाते थे. 20वीं सदी में हिंदू-मुस्लिम दंगे करवाना ब्राह्मणवादियों का षड्यंत्र था

वहीं, किताब में जिक्र है कि आरएसएस एक सांप्रदायिक संगठन है. बहुजन और दलित युवाओं को संघ के साथ जोड़ने के लिए यह झूठा प्रचार किया जाता है. पूर्वनियोजित हिंदू-मुस्लिम दंगे करवाना ब्राह्मणवादियों का 20वीं सदी का सबसे बड़ा षड्यंत्र था, लेकिन 21 वीं सदी में आरएसएस ने अपने कुछ कामों में बदलाव किया है.

किताब में लिका है कि हिंदू-मुस्लिम दंगे करवाने के अलावा मुस्लिम आतंकवाद का डर लोगों के दिलों-दिमाग में भर देने का काम आरएसएस और अन्य ब्राह्मणवादी संगठन कर रहे हैं. इसमें गोपनीय एजेंसियां भी इन बाद्राणवादियों को सहयोग दे रही हैं.

बता दें कि यूपी पुलिस 28 अगस्त को मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिद-ए-आजम पर छापा मारा था. इस दौरान वहां प्रिंटिंग मशीन से सौ सौ रुपये के जाली नोट छापते हुए तीन लोग मिले. उनके पास से 1.30 लाख रुपये के नोट मिले. इसके बाद प्रिंसिपल को भी गिरफ्तार कर लिया गया था.

यह भी पढ़ें: प्रयागराज मदरसे में नकली नोट छापने का मामला, खूफिया एजेंसियां खंगाल रहीं आरोपियों का आतंकी कनेक्शन

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Last Updated : Sep 4, 2024, 8:04 PM IST
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