भोपाल। मध्य प्रदेश में मोहन यादव सरकार के मंत्रियों का 6 माह का इंतजार खत्म होने जा रहा है. मंत्रिमंडल गठन के 6 माह बाद अब मंत्रियों को जिलों का प्रभार सौंपा जाने वाला है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केन्द्रीय मंत्री अमित शाह से पिछले दिल्ली दौरे के दौरान मुलाकात की थी. बताया जा रहा है कि जल्द ही मंत्रियों के प्रभार वाले जिलों की सूची जारी होने जा रही है.
सरकार गठन से अब तक हर बार लंबा इंतजार
मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार के गठन के बाद से विभागों के बंटवारे तक लगातार लंबा इंतजार करना पड़ रहा है और अब मंत्रियों के प्रभार वाले जिलों के बंटवारे में भी लंबा वक्त बीत चुका है. लेकिन अब ये इंतजार खत्म होने वाला है. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को आए थे. इसमें बीजेपी ने एकतरफा जीत दर्ज की थी. चुनावी नतीजे के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम के ऐलान में पार्टी को 8 दिन का वक्त लग गया. मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान 11 दिसंबर को किया गया. इसके बाद मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्री ने 12 दिसंबर को शपथ ली.
मंत्रियों की सूची जारी होने में लगे 13 दिन
सीएम की शपथ के बाद मंत्रियों के नामों की सूची भी अटक गई थी. मोहन कैबिनेट के मंत्रियों की सूची जारी होने में 13 दिन लग गए थे. 25 दिसंबर को 28 मंत्रियों ने शपथ ली. मंत्रियों की शपथ हुई, लेकिन इसके बाद विभागों के बंटवारे में 5 दिन का समय लग गया. 30 दिसंबर को मंत्रियों को विभागों का बंटवारा हो सका. मोहन सरकार के गठन को 8 माह का समय हो गया है, लेकिन अभी तक विभागों के जिलों के प्रभार की जिम्मेदारी नहीं सौंपी जा सकी है.
15 अगस्त के पहले जिलों के प्रभार का बंटवारा
माना जा रहा है कि 15 अगस्त के पहले मंत्रियों को जिलों के प्रभार का बंटवारा हो जाएगा क्योंकि प्रभारी मंत्री ही अपने प्रभार वाले जिलों में झंडा वंदन करते हैं. हालांकि पिछले दिनों मुख्यमंत्री ऐलान कर चुके हैं कि मंत्री अपने प्रभार वाले जिलों में झंडा फहराएंगे. पिछले दिनों दिल्ली दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. बताया जा रहा है कि जल्द ही मंत्रियों के प्रभार वाले जिलों की लिस्ट जारी हो जाएगी. प्रभारी मंत्री जिले में महत्वपूर्ण होता है और तमाम विकास कार्यों का अनुमोदन प्रभारी मंत्री से लिया जाता है. जिले में होने वाले तमाम मुद्दों पर प्रभारी मंत्री से राय लेनी होती है. प्रभारी मंत्री के जरिए ही मुख्यमंत्री तक जिलों की समस्याएं पहुंचाई जाती हैं.