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एमपी में इस बार सरकार मनाएगी कृष्ण जन्माष्टमी, मथुरा द्वारका की तरह होगा इन जगहों पर उत्सव - Madhya pradesh krishna janmashtami

मध्य प्रदेश में श्री कृष्ण लीलाओं से जुड़ी सभी जगहों पर कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी. इन स्थानों को अब सरकार देश के रिलीजियस टूरिज्म के रूप में विकसित करेगी.

MP GOVT JANMASHTAMI Celebration
एमपी में इस बार सरकार मनाएगी कृष्ण जन्माष्टमी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 6, 2024, 8:26 PM IST

भोपाल: द्वारका और मथुरा की तरह एमपी का भी श्री कृष्ण से जुड़े तीर्थ स्थलों में विशेष स्थान है. इन स्थानों को अब सरकार रिलीजियस टूरिज्म के जरिए देश के नक्शे पर लाएगी. इसकी शुरुआत इसी कृष्ण जन्माष्टमी से होने जा रही है. एमपी में पहली बार मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग श्री कृष्ण लीलाओं से जुड़े सभी जगहों पर कृष्ण जन्माष्टमी त्योहार का आयोजन करेगी. सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि "अगर मथुरा श्री कृष्ण का जन्मस्थली है, तो एमपी में श्री कृष्ण ने शिक्षा पाई और यहीं सुदामा के साथ सुदर्शन चक्र धारी बने."

मथुरा द्वारका की तरह होगा मध्यप्रदेश में जन्माष्टमी उत्सव (ETV Bharat)

पहली बार सरकार भी कराएगी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का आयोजन

ये पहली बार है कि एमपी में सरकार श्री कृष्ण जन्माष्टमी का आयोजन करवाने जा रही है. इसके लिए उज्जैन के सांदीपनी आश्रम से लेकर धार के पास के स्थल जहां श्री कृष्ण का रुकमी से युद्ध हुआ, उन सभी जगहों पर जन्माष्टमी का आयोजन होगा. बाकायदा मध्यप्रदेश शासन का संस्कृति विभाग ये आयोजन करवाएगा. डॉ. मोहन यादव ने कहा कि "देश में भगवान श्री कृष्ण को लेकर जो महत्व द्वारका का है, क्योंकि वहां द्वारिकाधीश हैं. जो स्थान मथुरा का है, क्योंकि यहां श्री कृष्ण का जन्म हुआ, वही महत्व मध्यप्रदेश का भी है."

सीएम मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में ही भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा दीक्षा हुई. इसी मध्यप्रदेश के धार जिले में रुकमी से श्री कृष्ण का युद्ध हुआ. यहीं पर परशुराम ने उन्हें सुदर्शन चक्र दिया था और मध्यप्रदेश में ही सुदामा और श्री कृष्ण की दोस्ती का स्थल नारायण है. जहां संस्कृति विभाग के सहयोग से श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर आयोजन किए जाएंगे.

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जहां राम और कृष्ण के चरण पड़े वहां तीर्थ

सीएम डॉ. मोहन यादव कह चुके हैं कि एमपी में जहां-जहां भगवान राम और श्री कृष्ण के चरण पड़े हैं, उन जगहों को तीर्थ स्थल के तौर पर विकसित किया जाएगा.

भोपाल: द्वारका और मथुरा की तरह एमपी का भी श्री कृष्ण से जुड़े तीर्थ स्थलों में विशेष स्थान है. इन स्थानों को अब सरकार रिलीजियस टूरिज्म के जरिए देश के नक्शे पर लाएगी. इसकी शुरुआत इसी कृष्ण जन्माष्टमी से होने जा रही है. एमपी में पहली बार मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग श्री कृष्ण लीलाओं से जुड़े सभी जगहों पर कृष्ण जन्माष्टमी त्योहार का आयोजन करेगी. सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि "अगर मथुरा श्री कृष्ण का जन्मस्थली है, तो एमपी में श्री कृष्ण ने शिक्षा पाई और यहीं सुदामा के साथ सुदर्शन चक्र धारी बने."

मथुरा द्वारका की तरह होगा मध्यप्रदेश में जन्माष्टमी उत्सव (ETV Bharat)

पहली बार सरकार भी कराएगी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का आयोजन

ये पहली बार है कि एमपी में सरकार श्री कृष्ण जन्माष्टमी का आयोजन करवाने जा रही है. इसके लिए उज्जैन के सांदीपनी आश्रम से लेकर धार के पास के स्थल जहां श्री कृष्ण का रुकमी से युद्ध हुआ, उन सभी जगहों पर जन्माष्टमी का आयोजन होगा. बाकायदा मध्यप्रदेश शासन का संस्कृति विभाग ये आयोजन करवाएगा. डॉ. मोहन यादव ने कहा कि "देश में भगवान श्री कृष्ण को लेकर जो महत्व द्वारका का है, क्योंकि वहां द्वारिकाधीश हैं. जो स्थान मथुरा का है, क्योंकि यहां श्री कृष्ण का जन्म हुआ, वही महत्व मध्यप्रदेश का भी है."

सीएम मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में ही भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा दीक्षा हुई. इसी मध्यप्रदेश के धार जिले में रुकमी से श्री कृष्ण का युद्ध हुआ. यहीं पर परशुराम ने उन्हें सुदर्शन चक्र दिया था और मध्यप्रदेश में ही सुदामा और श्री कृष्ण की दोस्ती का स्थल नारायण है. जहां संस्कृति विभाग के सहयोग से श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर आयोजन किए जाएंगे.

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जहां राम और कृष्ण के चरण पड़े वहां तीर्थ

सीएम डॉ. मोहन यादव कह चुके हैं कि एमपी में जहां-जहां भगवान राम और श्री कृष्ण के चरण पड़े हैं, उन जगहों को तीर्थ स्थल के तौर पर विकसित किया जाएगा.

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