ETV Bharat / state

कर्ज के साइड इफैक्ट! मोहन यादव सरकार ने 33 विभागों की इन 73 योजनाओं पर लगाया ब्रेक - MADHYA PRADESH ECONOMIC CRISIS - MADHYA PRADESH ECONOMIC CRISIS

आर्थिक संकट से जूझ रही मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार ने 33 विभागों की 73 से योजनाओं पर खर्च करने के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. इन योजनाओं पर राशि खर्च करने से पहले संबंधित विभाग को पहले वित्त विभाग की अनुमति लेनी होगी. विभागों पर ये पाबंदी अगले साल मार्च माह तक जारी रहेगी.

MADHYA PRADESH ECONOMIC CRISIS
मोहन यादव सरकार ने 33 विभागों की 73 योजनाओं पर लगाया ब्रेक (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 27, 2024, 10:58 AM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में चल रही योजनाओं पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है. राज्य सरकार वित्तीय जरूरतें पूरा करने के लिए लगातार बाजार से कर्ज उठा रही है. सरकार एक बार फिर 5 हजार करोड़ का लोन लेने जा रही है. सरकार यह कर्ज दो किश्तों ढाई-ढाई हजार करोड़ के रूप में ले रही है. इसके पहले भी सरकार इसी माह 5 हजार करोड़ का लोन ले चुकी है. प्रदेश सरकार पर 31 मार्च 2024 की स्थिति में 3 लाख 75 हजार करोड़ का कर्ज हो चुका है. वित्तीय संकट को देखते हुए वित्त विभाग ने 33 विभागों की 73 योजनाओं पर पाबंदी लगाई है. यानी विभागों को इन योजनाओं पर पैसे खर्च करने के पहले वित्त विभाग से अनुमति लेनी होगी. हालांकि वित्त विभाग के अधिकारियों के मुताबिक राशि निकालने से पहले वित्त की मंजूरी का मतलब यह नहीं है कि योजनाएं बंद हो गई हैं.

इन योजनाओं पर लगाई गई पाबंदी

वित्त विभाग ने जिन 73 योजनाओं पर अनुमति लेना जरूरी किया है, उनमें नगरीय विकास एवं आवास योजना की 8 योजनाएं हैं. इसमें कायाकल्प अभियान, महाकाल परिसर विकास योजना, नगरीय क्षेत्रों में अधोसंरचना निर्माण, एमनी अर्बन डवलपमेंट प्रोजेक्ट पर रोक लगाई गई है. इसके अलावा कृषि विभाग की समर्थन मूल्य पर किसानों से फसल उपार्जन पर बोनस, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना, मुख्यमंत्री लक्ष्मी योजना, ऋण समाधान योजन, औद्योगिकीकरण अधोसंरचना विकास, डेस्टिनेशन मध्यप्रदेश इंवेस्ट ड्राइव, क्लस्टरों की स्थापना, वेदांत पीठ की स्थापना, रामपथ गमन अंचल विकास योजना, मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी योजना, मुख्य जिला मार्गों एवं अन्य का नवीनीकरण, लाडली बहना आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, युवक-युवतियों को रोजगार प्रषिक्षण, ग्रामीण परिवहन नीति के क्रिय़ान्वयन, मां तुझे प्रणाम, स्टेडियम एवं अधोसंरचना निर्माण जैसी योजनाएं शामिल हैं.

ये खबरें भी पढ़ें...

कर्ज की कश्ती पर डोलता मध्यप्रदेश, कर्मचारियों का DA एरियर भारी या ये स्कीम बनी बोझा

कर्ज में डूबी मध्य प्रदेश सरकार नहीं उठा पाएगी कर्मचारियों की तनख्वाह का भार? क्यों पड़ेंगे वेतन के लाले

इन 52 योजनाओं से हटाई गई रोक

वहीं, वित्त विभाग ने 52 योजनाओं से खर्च की पाबंदी को खत्म कर दिया है. जुलाई माह में वित्त विभाग ने 47 विभागों की 125 योजनाओं पर रोक लगाई थी. इसमें से 52 पर रोक हटा ली गई है. बताया जा रहा है कि आरबीआई से कर्ज लेने के बाद इन विभागों से रोक हटा ली गई है. उधर, बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता सतेंन्द्र जैन के मुताबिक "प्रदेश में कोई भी योजना बंद नहीं हुई है. वित्त विभाग की अनुमति लेना वित्तीय अनुशासन की प्रक्रिया होती है. प्रदेश सरकार के पास पैसों की कमी नहीं है. लगातार नई योजनाओं पर काम हो रहा है और पुरानी योजनाओं का भी लाभ लोगों को मिल रहा है." इधर, कांग्रेस ने सरकार द्वारा लगातार कर्ज लिए जाने को लेकर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता आरोप लगाते हैं "सरकार की अधिकांश योजनाएं कर्ज लेकर चल रही हैं."

भोपाल। मध्यप्रदेश में चल रही योजनाओं पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है. राज्य सरकार वित्तीय जरूरतें पूरा करने के लिए लगातार बाजार से कर्ज उठा रही है. सरकार एक बार फिर 5 हजार करोड़ का लोन लेने जा रही है. सरकार यह कर्ज दो किश्तों ढाई-ढाई हजार करोड़ के रूप में ले रही है. इसके पहले भी सरकार इसी माह 5 हजार करोड़ का लोन ले चुकी है. प्रदेश सरकार पर 31 मार्च 2024 की स्थिति में 3 लाख 75 हजार करोड़ का कर्ज हो चुका है. वित्तीय संकट को देखते हुए वित्त विभाग ने 33 विभागों की 73 योजनाओं पर पाबंदी लगाई है. यानी विभागों को इन योजनाओं पर पैसे खर्च करने के पहले वित्त विभाग से अनुमति लेनी होगी. हालांकि वित्त विभाग के अधिकारियों के मुताबिक राशि निकालने से पहले वित्त की मंजूरी का मतलब यह नहीं है कि योजनाएं बंद हो गई हैं.

इन योजनाओं पर लगाई गई पाबंदी

वित्त विभाग ने जिन 73 योजनाओं पर अनुमति लेना जरूरी किया है, उनमें नगरीय विकास एवं आवास योजना की 8 योजनाएं हैं. इसमें कायाकल्प अभियान, महाकाल परिसर विकास योजना, नगरीय क्षेत्रों में अधोसंरचना निर्माण, एमनी अर्बन डवलपमेंट प्रोजेक्ट पर रोक लगाई गई है. इसके अलावा कृषि विभाग की समर्थन मूल्य पर किसानों से फसल उपार्जन पर बोनस, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना, मुख्यमंत्री लक्ष्मी योजना, ऋण समाधान योजन, औद्योगिकीकरण अधोसंरचना विकास, डेस्टिनेशन मध्यप्रदेश इंवेस्ट ड्राइव, क्लस्टरों की स्थापना, वेदांत पीठ की स्थापना, रामपथ गमन अंचल विकास योजना, मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी योजना, मुख्य जिला मार्गों एवं अन्य का नवीनीकरण, लाडली बहना आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, युवक-युवतियों को रोजगार प्रषिक्षण, ग्रामीण परिवहन नीति के क्रिय़ान्वयन, मां तुझे प्रणाम, स्टेडियम एवं अधोसंरचना निर्माण जैसी योजनाएं शामिल हैं.

ये खबरें भी पढ़ें...

कर्ज की कश्ती पर डोलता मध्यप्रदेश, कर्मचारियों का DA एरियर भारी या ये स्कीम बनी बोझा

कर्ज में डूबी मध्य प्रदेश सरकार नहीं उठा पाएगी कर्मचारियों की तनख्वाह का भार? क्यों पड़ेंगे वेतन के लाले

इन 52 योजनाओं से हटाई गई रोक

वहीं, वित्त विभाग ने 52 योजनाओं से खर्च की पाबंदी को खत्म कर दिया है. जुलाई माह में वित्त विभाग ने 47 विभागों की 125 योजनाओं पर रोक लगाई थी. इसमें से 52 पर रोक हटा ली गई है. बताया जा रहा है कि आरबीआई से कर्ज लेने के बाद इन विभागों से रोक हटा ली गई है. उधर, बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता सतेंन्द्र जैन के मुताबिक "प्रदेश में कोई भी योजना बंद नहीं हुई है. वित्त विभाग की अनुमति लेना वित्तीय अनुशासन की प्रक्रिया होती है. प्रदेश सरकार के पास पैसों की कमी नहीं है. लगातार नई योजनाओं पर काम हो रहा है और पुरानी योजनाओं का भी लाभ लोगों को मिल रहा है." इधर, कांग्रेस ने सरकार द्वारा लगातार कर्ज लिए जाने को लेकर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता आरोप लगाते हैं "सरकार की अधिकांश योजनाएं कर्ज लेकर चल रही हैं."

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.