भोपाल। एमपी में अब मरीजों को इलाज के लिए अस्पतालों के चक्कर नहीं लगाने होंगे, बल्कि उनके घर पर ही बीमारियों का इलाज किया जा सकेगा. इसको लेकर सरकार अभी तैयारी कर रही है. इसके तहत यदि आप बीमार पड़ते हैं, तो डाक्टर खुद आपका इलाज करने के लिए आपके पास आएगा. घर में ही आपकी जांच होगी और दवाईयां भी निशुल्क मिलेंगी. हालांकि गंभीर बीमारियों का इलाज अस्पताल में ही होगा.
होम्योपैथी चिकित्सालय ने सरकार को दिया था सुझाव
दरअसल, एमपी में लोगों को इलाज की घर पहुंच सुविधा देने के लिए होम्योपैथी चिकित्सालय भोपाल के अधिकारियों ने आयुष विभाग को पत्र लिखा था. जिसे विभाग ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है. अब इसको लेकर रणनीति तैयार की जा रही है. हालांकि अभी इस सुविधा के शुरू होने में 7 से 8 महीने का समय लग सकता है. संभवतः एमपी में यह सुविधा अगले साल के शुरुआत में शुरु हो सकती है. शासकीय होम्योपैथी कॉलेज भोपाल के प्राचार्य एसके मिश्रा ने बताया कि 'इसको लेकर सरकार के साथ सहमति बन गई है. मंत्री ने भी स्वीकृत दे दी है. हमारी कोशिश है कि हर घर में होम्योपैथी का उपचार पहुंचे.'
बीमारियों को चिन्हित करने के लिए किया जाएगा सर्वे
शुरुआत में विकासखंड स्तर पर सर्वे करके पता किया जाएगा कि किस ग्राम या वार्ड में किस बीमारी का अधिक प्रकोप है. इसके बाद बीमारियों को चिन्हिंत किया जाएगा. इसकी रिपोर्ट आशा और उषा कार्यकर्ता बनाएंगी. इसके बाद डाक्टरों की टीम उस क्षेत्र में जाकर मरीजों से मिलेगी. उनकी जांच कर बीमारियों की पहचान की जाएगी. इसके बाद उन्हें दवाईयों की निशुक्ल किट उपलब्ध कराई जाएगी. इसकी निगरानी जिला स्तर पर आयुष विभाग के अस्पताल करेंगे.
किट में होंगी 25 प्रकार की दवाइयां
आयुष विभाग द्वारा दी जाने वाली किट में 25 प्रकार की दवाईयां होंगी. इसमें बच्चों, बुजर्ग और महिलाओं तक की बीमारियों का इलाज हो सकेगा. होम्योपैथी दवाईयां वितरण का काम आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा और उषा कार्यकर्ताओं के माध्यम से किया जाएगा. इसके लिए मरीजों से कोई धनराशि नहीं ली जाएगी. इससे पहले आयुष विभाग इन कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण भी देगा. जिससे उन्हें बीमारियों और दवाओं के बारे में जानकारी हो सके.
होम्योपैथी दवाओं में साइड इफेक्ट का खतरा नहीं
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 'होम्योपैथी पद्धति से किए गए ईलाज में दवाओं के साइड इफेक्ट का खतरा नहीं होता है. वहीं कई गंभीर बीमारियों का इलाज इस पद्धति से बिना सर्जरी के किया जा सकता है. इसके कई लाभ हैं. वहीं दूरस्थ क्षेत्रों में लोगों को बीमारियों का इलाज नहीं मिल पाता है. यह योजना शुरु होने से मरीजों को इलाज के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. बल्कि उनके घर पर ही बीमारियों की जांच और दवाइयां मिल जाएंगी.'