उत्तरकाशी: समुद्रतल से करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित डोडीताल में मां अन्नपूर्णा मंदिर के कपाट विधि विधान के साथ 6 माह के लिए खुल गए हैं. मंदिर के कपाट गणेश चतुर्थी के अवसर पर कृष्ण पक्ष में सुबह 9 बजकर 15 मिनिट पर श्रद्धालुओं के लिए खोले गए. वहीं इस पल के कई श्रद्धालु साक्षी बने.
डोडीताल में मां अन्नपूर्णा मंदिर के कपाट खोलने के लिए बीते शुक्रवार को अगोड़ा ने नाग देवता की देव डोली सहित अस्सी गंगाघाटी के विभिन्न गांवों की देवडोलियों सहित श्रद्धालु रवाना हुए थे. शनिवार सुबह देवडोलियों सहित पांडव पश्वों और श्रद्धालुओं ने डोडीताल की झील में स्नान किया. उसके बाद नाग देवता की डोली के आदेश पर मां अन्नपूर्णा मंदिर के बाहर देवझंडी लगाकर पूजा अर्चना शुरू हुई. मंदिर में विशेष हवन और पूजा के बाद विधि विधान से मंदिर के कपाट सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर खुले.
अब 6 माह तक श्रद्धालु डोडीताल में मां अन्नपूर्णा के साथ भगवान गणेश जी के दर्शन भी कर पाएंगे. कपाट खोलने के बाद मां अन्नपूर्णा की भोगमूर्ति और भगवान गणेश जी की मूर्ति का अभिषेक सहित विशेष आरती की गई. मंदिर के मुख्य पुरोहित शास्त्री राधेश्याम खंडूड़ी ने बताया कि डोडीताल भगवान गणेश जी की जन्मभूमि मानी जाती है. इसलिए यहां पर 6 माह तक भगवान गणेश जी की भी विधिवत पूजा होती है. यहां पर विशेष पूजा अर्चना से धन संपत्ति के साथ ज्ञान की प्राप्ति भी होती है.
डोडीताल धार्मिक स्थल होने के साथ ही ट्रैकर्स का भी पसंदीदा स्थान है. यहां पहुंचने के लिए जनपद मुख्यालय से अगोड़ा गांव तक करीब 18 किमी का सफर मैक्सी-टैक्सी से तय किया जा सकता है. उसके बाद बांज-बुरांश के जंगल के बीच करीब 15 किमी के पैदल ट्रैक कर डोडीताल पहुंचा जाता है.
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