शिमला: एसजेवीएनएल लूहरी और सुन्नी हाइड्रो परियोजना से प्रभावित पंचायतों के किसान अपनी मांगों को लेकर सीएम आवास ओक ओवर पहुंचे. यहां पर किसानों ने सीएम को मांग पत्र सौंपा और मुआवजे की नीति एक तरह से अपनाने की मांग की. इस दौरान माकपा नेता और ठियोग के पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने सीएम के सामने प्रभावितों की मांग रखी. उन्होंने कहा कि बार-बार विभिन्न अधिकारियों के ध्यान में बात लाने के बावजूद हमारी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है.
शिमला में सीएम आवास पर पूर्व विधायक राकेश सिंघा के नेतृत्व में लूहरी और सुन्नी जलविद्युत परियोजना प्रभावितों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भेंट कर उन्हें अपनी विभिन्न मांगों से अवगत करवाया. इस दौरान सीएम ने उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया. सीएम सुक्खू ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार ने प्रदेश के लोगों के हितों की अनदेखी की, लेकिन वर्तमान राज्य सरकार प्रदेश के लोगों को उनका हक दिलाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "यदि सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) कंपनी सरकार द्वारा मांगी गई रॉयल्टी प्रतिशतता पर सहमत नहीं होती है, तो सरकार प्रदेश के हितों की रक्षा के लिए 210 मेगावाट लूहरी जलविद्युत परियोजना चरण-1, 66 मेगावाट धौलासिद्ध विद्युत परियोजना और 382 मेगावाट सुन्नी विद्युत परियोजना का अधिग्रहण करेगी".
भाजपा सरकार ने सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) कंपनी के साथ जो समझौता किया, उसमें प्रदेश की जनता के हितों की अनदेखी की गई।
— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) August 9, 2024
हमारी सरकार प्रभावितों के साथ है और उनकी मांगो पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रही है। हम प्रदेश के हितों के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे। pic.twitter.com/cypboWxElL
सीएम सुक्खू ने इसको लेकर सोशल मीडिया एक्स पोस्ट पर लिखा, "भाजपा सरकार ने सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) कंपनी के साथ जो समझौता किया, उसमें प्रदेश की जनता के हितों की अनदेखी की गई. हमारी सरकार प्रभावितों के साथ है और उनकी मांगो पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रही है. हम प्रदेश के हितों के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे".
सीएम सुखविंदर ने कहा जल शक्ति विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में 50 हजार रुपये से अधिक आय वाले संपन्न परिवारों से 100 रुपये प्रति कनेक्शन शुल्क लेगा और इस निर्णय से समाज के कमजोर वर्ग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. राज्य सरकार ने विधवाओं, एकल नारी, विकलांगों, बीपीएल परिवारों और अनाथों को इस शुल्क से छूट दी है.
सीएम ने कहा कि वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों से उनके जल उपयोग के अनुसार शुल्क लिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मानसून सीजन में राज्य को अब तक 900 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए राज्य को केंद्र सरकार से कोई भी वित्तीय सहायता नहीं मिली है.
ये भी पढ़ें: "सुक्खू सरकार ने दिया जनता को महंगाई का झटका, पानी बिल और महंगी बिजली का दिया तोहफा"