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स्वाइन फ्लू और वायरल के पहले लक्षण समझिए फिर जाइए डॉक्टर के पास... - swine flu case in lucknow - SWINE FLU CASE IN LUCKNOW

वायरल बुखार और स्वाइन फ्लू (Swine Flu Case in Lucknow) के लक्षण समान होने के चलते अक्सर मरीज व डाॅक्टर चमका खा जाते हैं. ऐसे में इलाज का कोई फायदा नहीं होता है और मरीज के हालत बिगड़ जाती है. लखनऊ के विभिन्न अस्पतालों में पहुंचे 13 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि के बाद चिकित्सकों ने ऐहतियात बरतने की अपील की है.

Swine Flu and Viral Fever case in Lucknow.
Swine Flu and Viral Fever case in Lucknow. (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 24, 2024, 1:30 PM IST

Updated : Aug 24, 2024, 2:30 PM IST

लखनऊ : वायरल बुखार और स्वाइन फ्लू के लक्षण लगभग एक समान होते हैं. जिसके कारण मरीज कई बार बीमारी की पहचान नहीं कर पाते हैं. मरीज को लगता है कि वह वायरल बुखार से पीड़ित है, लेकिन असल में वह स्वाइन फ्लू होता है. इस तरह के मामले राजधानी लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में पहुंचे रहे हैं. ऐसे में चिकित्सकों ने मरीजों से खास ऐहतियात बरतने की अपील की है.

स्वाइन फ्लू के लक्षण और बचाव.
स्वाइन फ्लू के लक्षण और बचाव. (Photo Credit: ETV Bharat)

बता दें, लखनऊ के विभिन्न अस्पतालों में इस महीने स्वाइन फ्लू के 13 मरीज मिलने की पुष्टि हुई. राहत की बात यह है कि किसी को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत नहीं आई है. फिलहाल अस्पतालों में स्वाइन फ्लू की जांच बंद है. स्वाइन फ्लू की जांच की सुविधा केवल केजीएमयू, लोहिया संस्थान व पीजीआई में है. ऐसे में अन्य अस्पतालों की ओपीडी में सर्दी-जुकाम व बुखार की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच रहे मरीजों का इलाज वायरल इंफेक्शन मानकर किया जा रहा है. पीजीआई पल्मोनरी मेडिसिन के प्रो. आलोक नाथ ने बताया कि डरने की जरूरत नहीं है. कुछ मरीज मिले थे, जो दवाओं से ठीक हो चुके हैं. पीजीआई व लोहिया संस्थान के प्रशासनिक पद पर कार्यरत दो डॉक्टर बीते दिनों स्वाइन फ्लू की चपेट में आए थे. हालांकि हफ्तेभर में ही मर्ज पर काबू पा लिया गया. स्वास्थ्य विभाग के एक अफसर के भी स्वाइन फ्लू की जद में आने की चर्चा है.

नहीं कर पाते मरीज बुखार और स्वाइन फ्लू की पहचान : सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. आनंद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इस समय अस्पताल की ओपीडी में कुछ ऐसे मरीज आ रहे हैं, जो स्वाइन फ्लू को नहीं पहचान पा रहे हैं. लोगों में स्वाइन फ्लू के लक्षण सामान्य मानव फ्लू के लक्षणों के समान ही होते हैं और इसमें बुखार, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द, सिरदर्द, ठंड लगना और थकान शामिल है. कुछ लोगों में स्वाइन फ्लू से दस्त और उल्टी की शिकायत होती है. यह सभी लक्षण वायरल बुखार में भी होते हैं जिसके कारण मरीज कंफ्यूज हो जाते हैं.




डॉ. आनंद कुमार श्रीवास्तव के अनुसार एच1एन1 जैसे इन्फ्लूएंजा वायरस नाक, गले और फेफड़ों की कोशिकाओं को संक्रमित करते हैं. वायरस हवा के माध्यम से फैलता है जब वायरस से पीड़ित व्यक्ति खांसता, छींकता, सांस लेता या बात करता है. जब आप दूषित बूंदों को सांस के साथ अंदर लेते हैं तो वायरस आपके शरीर में प्रवेश करता है. वायरल बुखार और स्वाइन फ्लू के बीच की पहचान कर पाना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन अगर आपको तीन दिन से अधिक सर्दी, खांसी, जुखाम, बुखार रहता है. बुखार हमेशा 102 व 104 डिग्री है और सांस लेने में समस्या हो रही हो तो बिना देरी करे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाएं और जांच कराएं. बिना जांच कराएं स्वाइन फ्लू को पहचानना मुश्किल है.


सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि स्वाइन फ्लू के लक्षण बिल्कुल वायरल बुखार के इसलिए पहचान पाना मुश्किल है. इसके लिए जरूरी है कि एच1एन1 जांच हो. अगर किसी व्यक्ति को सांस लेने में बहुत ज्यादा तकलीफ हो रही है तो उसे समझ जाना चाहिए कि यह एक नॉर्मल बुखार नहीं है. इस स्थिति में तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए.

यह भी पढ़ें : कानपुर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस छात्रा को हुआ स्वाइन फ्लू, कई ने छोड़ा हॉस्टल

यह भी पढ़ें : लखनऊ में बीते दो महीने में स्वाइन फ्लू के मिले 25 मरीज, PGI के स्वास्थ्य कर्मियों के परिवार भी चपेट में

लखनऊ : वायरल बुखार और स्वाइन फ्लू के लक्षण लगभग एक समान होते हैं. जिसके कारण मरीज कई बार बीमारी की पहचान नहीं कर पाते हैं. मरीज को लगता है कि वह वायरल बुखार से पीड़ित है, लेकिन असल में वह स्वाइन फ्लू होता है. इस तरह के मामले राजधानी लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में पहुंचे रहे हैं. ऐसे में चिकित्सकों ने मरीजों से खास ऐहतियात बरतने की अपील की है.

स्वाइन फ्लू के लक्षण और बचाव.
स्वाइन फ्लू के लक्षण और बचाव. (Photo Credit: ETV Bharat)

बता दें, लखनऊ के विभिन्न अस्पतालों में इस महीने स्वाइन फ्लू के 13 मरीज मिलने की पुष्टि हुई. राहत की बात यह है कि किसी को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत नहीं आई है. फिलहाल अस्पतालों में स्वाइन फ्लू की जांच बंद है. स्वाइन फ्लू की जांच की सुविधा केवल केजीएमयू, लोहिया संस्थान व पीजीआई में है. ऐसे में अन्य अस्पतालों की ओपीडी में सर्दी-जुकाम व बुखार की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच रहे मरीजों का इलाज वायरल इंफेक्शन मानकर किया जा रहा है. पीजीआई पल्मोनरी मेडिसिन के प्रो. आलोक नाथ ने बताया कि डरने की जरूरत नहीं है. कुछ मरीज मिले थे, जो दवाओं से ठीक हो चुके हैं. पीजीआई व लोहिया संस्थान के प्रशासनिक पद पर कार्यरत दो डॉक्टर बीते दिनों स्वाइन फ्लू की चपेट में आए थे. हालांकि हफ्तेभर में ही मर्ज पर काबू पा लिया गया. स्वास्थ्य विभाग के एक अफसर के भी स्वाइन फ्लू की जद में आने की चर्चा है.

नहीं कर पाते मरीज बुखार और स्वाइन फ्लू की पहचान : सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. आनंद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इस समय अस्पताल की ओपीडी में कुछ ऐसे मरीज आ रहे हैं, जो स्वाइन फ्लू को नहीं पहचान पा रहे हैं. लोगों में स्वाइन फ्लू के लक्षण सामान्य मानव फ्लू के लक्षणों के समान ही होते हैं और इसमें बुखार, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द, सिरदर्द, ठंड लगना और थकान शामिल है. कुछ लोगों में स्वाइन फ्लू से दस्त और उल्टी की शिकायत होती है. यह सभी लक्षण वायरल बुखार में भी होते हैं जिसके कारण मरीज कंफ्यूज हो जाते हैं.




डॉ. आनंद कुमार श्रीवास्तव के अनुसार एच1एन1 जैसे इन्फ्लूएंजा वायरस नाक, गले और फेफड़ों की कोशिकाओं को संक्रमित करते हैं. वायरस हवा के माध्यम से फैलता है जब वायरस से पीड़ित व्यक्ति खांसता, छींकता, सांस लेता या बात करता है. जब आप दूषित बूंदों को सांस के साथ अंदर लेते हैं तो वायरस आपके शरीर में प्रवेश करता है. वायरल बुखार और स्वाइन फ्लू के बीच की पहचान कर पाना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन अगर आपको तीन दिन से अधिक सर्दी, खांसी, जुखाम, बुखार रहता है. बुखार हमेशा 102 व 104 डिग्री है और सांस लेने में समस्या हो रही हो तो बिना देरी करे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाएं और जांच कराएं. बिना जांच कराएं स्वाइन फ्लू को पहचानना मुश्किल है.


सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि स्वाइन फ्लू के लक्षण बिल्कुल वायरल बुखार के इसलिए पहचान पाना मुश्किल है. इसके लिए जरूरी है कि एच1एन1 जांच हो. अगर किसी व्यक्ति को सांस लेने में बहुत ज्यादा तकलीफ हो रही है तो उसे समझ जाना चाहिए कि यह एक नॉर्मल बुखार नहीं है. इस स्थिति में तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए.

यह भी पढ़ें : कानपुर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस छात्रा को हुआ स्वाइन फ्लू, कई ने छोड़ा हॉस्टल

यह भी पढ़ें : लखनऊ में बीते दो महीने में स्वाइन फ्लू के मिले 25 मरीज, PGI के स्वास्थ्य कर्मियों के परिवार भी चपेट में

Last Updated : Aug 24, 2024, 2:30 PM IST
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