लखनऊ : उत्तर प्रदेश में ऐसे 50 हजार कर्मचारी जिनकी नौकरी का विज्ञापन 28 मार्च 2005 से पहले हो चुका था उनको पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाना है. इस संबंध में शासन की ओर से जून में आदेश जारी किया गया था. ऐसे कर्मचारियों को 31 अक्टूबर तक अपनी ओर से नई पेंशन या पुरानी पेंशन में से एक विकल्प को चुनना है. इस मामले में उत्तर प्रदेश के वित्त विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि जो भी कर्मचारी इस बीच में सेवानिवृत हो गए हैं उनको पुरानी पेंशन योजना का लाभ इस स्थिति में दिया जाएगा जब वे नई पेंशन योजना के तहत लिए गया धन वापस करेंगे. इस धन को वापस न करने की दशा में उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा.
उत्तर प्रदेश वित्त विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार की ओर से 22 अगस्त को जारी शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि ऐसे कर्मचारी, जो पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत कवरेज के लिए पात्र हैं और जो 28 जून के शासनादेश के पास होने के पूर्व ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं, ऐसे कर्मचारी पहले ही एनपीएस के अंतर्गत लाभ प्राप्त कर चुका है तो उसको नई पेंशन योजना के मुकाबले पुरानी पेंशन योजना का लाभ पाने के लिए जो कल धन अर्जित किया है, उसे वापस करना होगा. इसमें लगभग 8% सालाना ब्याज की दर से धन को राजकोष में जमा करना पड़ेगा.
शासनादेश में कहा गया है कि कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की तिथि के अगले दिन से पेंशन स्वीकृत की जाती है. यदि कर्मचारी 31 जनवरी 2023 से अधिवर्षता पर या अन्यथा सेवानिवृत्त हुआ हो तो पेंशन अगली तारीख एक फरवरी 2023 से शुरू हो जाएगी. यदि सेवानिवृत्त कर्मचारी द्वारा एनपीएस खाते में संचित धनराशि नहीं निकाली गई है तो एनपीएस खाता बंद कर दिया जाएगा और निकासी के समय निधि में लाभ के साथ सरकारी अंशदान सरकारी खाते में भेज दिया जाएगा और ऐसी रकम पर किसी प्रकार का ब्याज नहीं दिया जाएगा.