लखनऊः लखनऊ विश्वविद्यालय (लविवि) में जल्द ही अपने सभी स्नातक और परास्नातक विषयों के छात्रों को पढ़ाई के कई लिए नए विकल्प देने जा रहा है. विश्वविद्यालय ने इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी है. सब कुछ ठीक रहा, तो इस सत्र से ही छात्रों को पढ़ाई के लिए ऑनलाइन कोर्स की सुविधा मिलना शुरू हो जाएगी. इसके तहत अब सिलेबस के आधार पर हर विभाग छोटे-छोटे ऑनलाइन कोर्स तैयार करेगा. मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स (MOOC) के तहत छात्र अब पढ़ाई के क्रेडिट पूरे करने के लिए ऑनलाइन कोर्स भी कर सकेंगे. जो पेपर ऑनलाइन कोर्स में पास कर लेंगे, उसकी लिखित परीक्षा छात्रों को नहीं देनी होगी.
इसके लिए लखनऊ विश्वविद्यालय विस्तृत गाइडलाइन तैयार कर रहा है. यह इसी सप्ताह जारी की जाएगी. गाइडलाइन के आधार पर ही कोर्सों को शुरू किया जाएगा. इससे परीक्षा पास करने के पैटर्न में पूरी तरह से बदलाव हो जाएगा. लखनऊ विश्वविद्यालय मूक कोर्स शुरू करने वाला प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय होगा. केवल राज्य के टेक्निकल विश्वविद्यालय देश की आईआईटी के साथ मिलकर इस तरह का कोर्स अपने यह चला रहे हैं.
लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रति कुलपति प्रो. मनुका खन्ना ने बताया कि यूजीसी की ओर से इसका पूरा प्रोविजन भेजा गया है. अभी हमारे यहां इस तरह के मूक कोर्स संचालित नहीं होते हैं. इसके चलते छात्रों के पास विकल्प ही नहीं है. इसीलिए हम इसका प्रोविजन करने जा रहे हैं. इसके लिए हमने गाइडलाइन तैयार की है जो जल्द ही जारी की जाएगी. गाइडलाइन के आधार पर लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षक मूक कोर्स तैयार करेंगे.
किसी एक यूनिट को मैसिव कोर्स में बदला जाएगा: प्रो. खन्ना ने बताया कि यह मूक कोर्स सभी यूजी-पीजी विषयों के सिलेबस पर आधारित होगा. जैसे सिलेबस में चार यूनिट हैं तो किसी भी यूनिट का मूक कोर्स बनाया जा सकेगा. इसके बाद उसी कोर्स के लिए ऑनलाइन लेक्चर व ई कंटेंट भी अपलोड किए जाएगा. फिर कोई भी वह कोर्स ऑनलाइन करेगा तो उसके क्रेडिट सेमेस्टर के रिजल्ट में जुड़ जाएंगे. इससे छात्र को वो कोर्स ऑफलाइन एग्जाम में नहीं पास करना होगा.
छात्रों को दूसरे विश्वविद्यालय के कोर्स भी करने का मिलेगा मौका: प्रो. मनुका खन्ना ने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों को अपने विश्विद्यालय के अलावा उसी सिलेबस पर अगर किसी दूसरे विश्वविद्यालय में कोर्स चल रहा है. तो छात्रों को उस विश्वविद्यालय के मूक कोर्स करने का विकल्प दिया जाएगा. वहीं दूसरे विश्वविद्यालय के छात्र लखनऊ विश्वविद्यालय के मूक कोर्स में भी प्रवेश ले सकेंगे. यह सभी मूक कोर्स लखनऊ विश्वविद्यालय के वेबसाइट पर मौजूद रहेगा. छात्र को जो भी कोर्स बेहतर लगे उसे पास करें, उन्हें मुख्य परीक्षा में उसका क्रेडिट जोड़ दिया जाएगा. सेमेस्टर में कुल 20 क्रेडिट होते हैं, जिसमें चार-चार क्रेडिट के पांच पेपर होते हैं. ऐसे में छात्रों के पास चार क्रेडिट ऑनलाइन कोर्स के माध्यम से हासिल करने का विकल्प होगा.
विश्वविद्यालय ने कमेटी का गठन किया: MOOC कोर्स के लिए एलयू प्रशासन ने एक कमेंटी का भी गठन कर दिया है. इस कमेटी का अध्यक्ष डॉ. किरण लता डंगवाल को बनाया गया है. उन्होंने पहले ही यूनेस्को द्वारा प्रमाणित तीन कोर्स डिजाइन किये हैं. वहीं इस कमेटी में डॉ. प्रवीश प्रकाश, डॉ. शांभवी मिश्रा, डॉ. भावना, डॉ. ऋषि कांत को रखा गया है. यह सभी विश्वविद्यालय के लिए मूक कोर्स को डिजाइन करने का काम करेंगे.
छात्रों को यह फायदा होगा: प्रो. मनुका खन्ना ने बताया कि कई बार कुछ विषयों की पढ़ाई छात्रों को समझ नहीं आती है,लेकिन करने के लिए छात्रों की मजबूरी होती है कि वह क्लास करें और जो पढ़ाया जाए उसी के आधार पर परीक्षा देते हैं. मूक कोर्स के रूप में उसका ऑनलाइन विकल्प होगा, तो छात्र वहां से पढ़कर परीक्षा दे देंगे और उन्हें बेहतर अंक मिल सकेंगे.
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