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लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रवृत्ति का विवाद बढ़ा, 3000 छात्रों स्कॉलरशिप फंसी

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 1, 2024, 3:44 PM IST

Lucknow University Scholarship Dispute:अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने आरोप लगाया कि लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही के चलते विश्वविद्यालय के 3000 छात्रों की स्कॉलरशिप फॉर्म विश्वविद्यालय स्तर पर लंबित रह गया है.

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लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रदर्शन करते अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र.

लखनऊ: शैक्षणिक सत्र 2023-24 में छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति को लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय में विवाद बढ़ता जा रहा है. शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विश्वविद्यालय परिसर में छात्रवृत्ति प्रक्रिया में लापरवाही के कारण 3000 से अधिक छात्रों के फॉर्म फॉरवर्ड नहीं होने का आरोप लगाते हुए विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर ताला जल विरोध प्रदर्शन किया.

प्रदर्शन करें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने आरोप लगाया कि लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही के चलते विश्वविद्यालय के 3000 छात्रों की स्कॉलरशिप फॉर्म विश्वविद्यालय स्तर पर लंबित रह गया है. विश्वविद्यालय द्वारा फॉर्म को पोर्टल पर अपलोड करने की अंतिम तिथि तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं की गई.

ऐसे में विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने वाले गरीब घरों के छात्रों को स्कॉलरशिप नहीं आने से उनकी पढ़ाई प्रभावित होगी. प्रदर्शन कर रहे एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन से इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार तक उनकी बात पहुंचाने और छात्रों को न्याय दिलाने की मांग की.

प्रदर्शन करें एबीवीपी के छात्र नेताओं ने कहा कि 7 फरवरी और 19 फरवरी को भी इस संदर्भ में विश्वविद्यालय में प्रदर्शन के बाद कुलसचिव डॉ. विनोद सिंह को ज्ञापन सौंपा गया था. इसके बाद 23 जनवरी को विश्वविद्यालय में व्यापक स्तर पर हस्ताक्षर अभियान चलाया गया.

लेकिन 6 दिन बीत जाने के बाद भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला है. जिससे मजबूर होकर एबीवीपी को छात्रों के हित में विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है. एबीवीपी इकाई मंत्री जतिन शुक्ला का कहना है कि हम सभी पिछले एक महीने से लगातार छात्रों की समस्याओं के लिए लड़ रहे हैं.

हमने छात्रवृत्ति से संबंधित लगभग सभी अधिकारियों से इस संदर्भ में बातचीत कर चुके हैं. इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भी अपनी मांग उठाई, लेकिन इतना सब कुछ होने के बाद भी कहीं कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिल रहा है.

वहीं प्रशासन को नींद से जगाने के लिए आज हमने धरना देने की ठानी है और सैकड़ों छात्रों के साथ धरने पर बैठे हैं. जब तक हमारा फॉर्म फॉरवर्ड नहीं होगा तब तक हम लोकतांत्रिक तरीके से हर संभव प्रयास करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि जब अभी तक एससी और एसटी के फॉर्म फॉरवर्ड हो रहे हैं तो फिर ओबीसी और सामान वर्ग के छात्रों के साथ समाज कल्याण विभाग ऐसा भेदभाव क्यों कर रहा है.

ये भी पढ़ेंः लखनऊ विश्वविद्यालय के पीएचडी के 14 विषय का रिजल्ट जारी, वेबसाइट पर देखें परिणाम

लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रदर्शन करते अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र.

लखनऊ: शैक्षणिक सत्र 2023-24 में छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति को लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय में विवाद बढ़ता जा रहा है. शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विश्वविद्यालय परिसर में छात्रवृत्ति प्रक्रिया में लापरवाही के कारण 3000 से अधिक छात्रों के फॉर्म फॉरवर्ड नहीं होने का आरोप लगाते हुए विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर ताला जल विरोध प्रदर्शन किया.

प्रदर्शन करें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने आरोप लगाया कि लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही के चलते विश्वविद्यालय के 3000 छात्रों की स्कॉलरशिप फॉर्म विश्वविद्यालय स्तर पर लंबित रह गया है. विश्वविद्यालय द्वारा फॉर्म को पोर्टल पर अपलोड करने की अंतिम तिथि तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं की गई.

ऐसे में विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने वाले गरीब घरों के छात्रों को स्कॉलरशिप नहीं आने से उनकी पढ़ाई प्रभावित होगी. प्रदर्शन कर रहे एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन से इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार तक उनकी बात पहुंचाने और छात्रों को न्याय दिलाने की मांग की.

प्रदर्शन करें एबीवीपी के छात्र नेताओं ने कहा कि 7 फरवरी और 19 फरवरी को भी इस संदर्भ में विश्वविद्यालय में प्रदर्शन के बाद कुलसचिव डॉ. विनोद सिंह को ज्ञापन सौंपा गया था. इसके बाद 23 जनवरी को विश्वविद्यालय में व्यापक स्तर पर हस्ताक्षर अभियान चलाया गया.

लेकिन 6 दिन बीत जाने के बाद भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला है. जिससे मजबूर होकर एबीवीपी को छात्रों के हित में विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है. एबीवीपी इकाई मंत्री जतिन शुक्ला का कहना है कि हम सभी पिछले एक महीने से लगातार छात्रों की समस्याओं के लिए लड़ रहे हैं.

हमने छात्रवृत्ति से संबंधित लगभग सभी अधिकारियों से इस संदर्भ में बातचीत कर चुके हैं. इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भी अपनी मांग उठाई, लेकिन इतना सब कुछ होने के बाद भी कहीं कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिल रहा है.

वहीं प्रशासन को नींद से जगाने के लिए आज हमने धरना देने की ठानी है और सैकड़ों छात्रों के साथ धरने पर बैठे हैं. जब तक हमारा फॉर्म फॉरवर्ड नहीं होगा तब तक हम लोकतांत्रिक तरीके से हर संभव प्रयास करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि जब अभी तक एससी और एसटी के फॉर्म फॉरवर्ड हो रहे हैं तो फिर ओबीसी और सामान वर्ग के छात्रों के साथ समाज कल्याण विभाग ऐसा भेदभाव क्यों कर रहा है.

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