लखनऊ: 1995 बैच के अफसर एडीजी अमरेंद्र कुमार सेंगर ने लखनऊ के नए पुलिस कमिश्नर का चार्ज संभाल लिया. उन्होंने रविवार को पुलिस लाइन प्रेस कांफ्रेंस की. उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम के मामलों में तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए. जाम की समस्या से निजात दिलाना और शिकायतों पर तुरंत एक्शन लेना प्राथमिकता रहेगी.
अमरेंद्र कुमार सेंगर 14 वर्षों तक डेप्युटेशन पर थे. इस दौरान उन्होंने केंद्र के महत्वपूर्ण मंत्रालयों में सेवाएं दीं. साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पुलिसिंग करते हुए विदेशों में भी कई गंभीर मामलों का खुलासा किया. वर्ष 2004 में उन्हें संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में युद्ध अपराध अन्वेषक के रूप में तैनात किया गया. आईपीएस अफसर अमरेंद्र कुमार सेंगर विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय में महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दे चुके हैं.
वर्ष 2017-19 के बीच वह केंद्रीय गृह मंत्री के ओएसडी भी रह चुके हैं. इसके अलावा वह एसएसबी और एनडीआरएफ जैसे महत्वपूर्ण केंद्रीय विभागों में आईजी जैसे उच्च पदों पर भी रहे हैं. सेंगर को सीबीसीआईडी और इंटेलीजेंस जैसे विभागों में भी कार्य करने का अनुभव है. आईपीएस अमरेंद्र कुमार सेंगर लखनऊ के साथ ही उत्तर प्रदेश की पुलिसिंग से भी काफी हद तक वाकिफ हैं.
उन्होंने लम्बे समय तक उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों और रेंज में बड़े पदों पर सेवाएं दी हैं. वह मुजफ्फरनगर, झांसी, उन्नाव, हरदोई, जालौन, उधमसिंह नगर, टिहरी गढ़वाल (अब उत्तराखंड में) और चित्रकूट जैसे जिलों में बतौर एसपी/एसएसपी तैनात किये गये थे. इसके अलावा वह गोरखपुर, मुरादाबाद और बस्ती रेंज में डीआईजी भी रह चुके हैं. साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश में आईजी लॉ एंड आर्डर के पद पर भी कार्य किया था.
एडीजी अमरेंद्र कुमार सेंगर (Lucknow Police Commissioner Amarendra Kumar Sengar) का करियर बतौर शिक्षक शुरू हुआ था. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और जेएनयू से पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने पहाड़ों का रुख किया. शुरुआती दौर में जेआरएफ पास करने के बाद वह शिमला स्थित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ एडवांस स्टडीज़ में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर रहे. इसके कुछ दिनों बाद वह राजीव गांधी यूनिवर्सिटी (पूर्व में अरुणाचल यूनिवर्सिटी) में पीजी के विद्यार्थियों को लगभग 3 साल तक पढ़ाया. इसके बाद उन्होंने पुलिस विभाग की राह पकड़ ली.