लखनऊ: राजधानी के एसजीपीजीआई में रविवार को एलुमनाई मीट का आयोजन किया गया. इस मौके पर आम आदमी किस तरह सिस्टम की मार झेलने को मजबूर है, कैसे विभाग अपनी जिम्मेदारी से बचते हुए आम आदमी को एक विभाग से दूसरे विभाग में टरकाते रहते हैं. आम आदमी के इसी दर्द को दिखाता हुआ हास्य नाटक "सिस्टम तले दबा आदमी" का मंचन पीजीआई के सीवी रमन प्रेक्षागृह में किया गया.
नाटक में दिखाया गया की रात के समय सचिवालय के नजदीक एक शायर पेड़ के नीचे घूम घूम कर शायरी लिख रहा था तभी तेज आंधी चली और एक बड़ा पेड़ उसके पैरों पर गिर गया. सुबह होने पर सचिवालय के सभी अधिकारियों की नजर उस पेड़ पर तो पड़ी लेकिन किसी ने उस आदमी पर ध्यान नहीं दिया, क्यूंकि सिस्टम “पर्यावरण बचाओं” अभियान के तहत काम कर रहा था. कई विभागों के अधिकारी मीटिंग पर मीटिंग करते रहे लेकिन कोई भी ये तय नहीं कर सका की पेड़ के नीचे दबे आदमी को बचाने की जिम्मेदारी किस विभाग की है.
सचिवालय के निदेशक ने पेड़ को बचाते हुए ये सुझाव दिया की क्यों न आदमी को दो हिस्सों में काट कर निकाल लिया जाय और उसे प्लास्टिक सर्जरी से बाद में जोड़ दिया जाए. इस विचार पर कई अधिकारियों की सहमति तो बनी लेकिन डॉक्टर्स की टीम ने कहा कि आदमी काट के निकाला जा सकता है जोड़ा भी जा सकता है लेकिन उसे बचाने की कोई गारंटी नहीं है.
उसके बाद एक और सरकारी आदेश आया कि पेड़ नहीं काटा जा सकता क्यूंकि ये पेड़ अमेरिका के राष्ट्रपति की ओर से लगाया गया था लेकिन तभी प्रधानमंत्री का पत्र संबंधित विभाग को प्राप्त होता है जिसमें आदेश दिया गया है कि आदमी को सुरक्षित निकाला जाए. हमारे देश के लिए एक एक नागरिक की रक्षा सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है.
इस तरह आदमी बाहर आता है फिर पता चलता है की ये आदमी प्रधानमंत्री ऑफिस का सचिव था जो जांच कर रहा था की राज्य सरकार के विभिन्न विभाग कैसे काम कर रहे हैं, अंत में अपनी लापरवाही के चलते सभी विभाग जो अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रहे थे उन्हें एक साथ सस्पेंड कर दिया जाता है और जनता कहती है की वाह प्रधानमंत्री तो ऐसा ही होना चाहिए.
ये नाटक कृष्णचंदर की मूल कहानी 'जामुन का पेड़' पर आधारित था. जिसका नाटयरूपांतरण संदीप यादव और निर्देशन प्रीती चौहान ने किया. हास्य व्यंग्य से भरपूर इस नाटक में डॉ. सिद्धार्थ, डॉ. दक्षिता, डॉ. अंशिका, बिलाल, सूर्यकांत, श्रद्धा, पूजा, अंजली, संदीप, आकांक्षा, खुशी शुक्ला, डॉ. संदीप, शशांक, अफजल, सौरभ, शुभांगी, आयुषी, साईं, मोनिका, अमरेश, अरुण, सौरभ ने दर्शकों को अपने अभिनय से खूब हंसाया. इस अवसर पर पीजीआई के निदेशक समेत विभिन्न विभागों के अध्यक्ष समेत कई पूर्व छात्र व उनके परिवार के लोग उपस्थित थे.
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